महाराष्ट्र की सरकार ने इतिहास रचते हुए पहली बार एक महिला को मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त किया है। सुजाता सौनिक, जो 1987 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, ने इस प्रतिष्ठित पद को ग्रहण किया है। इससे पहले नितिन करीर इस पद पर कार्यरत थे, जिन्होंने हाल ही में अपना कार्यकाल समाप्त किया। सुजाता सौनिक का कार्यकाल अगले वर्ष 30 जून को समाप्त होगा।
सुजाता सौनिक की यह यात्रा आसान नहीं रही है। उन्हें पहले भी दो बार इस पद के लिए अनदेखा किया गया था। जब 1986 बैच के आईएएस अधिकारी मनुकुमार श्रीवास्तव मार्च 2023 में मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, तो ऐसा कयास लगाया जा रहा था कि सुजाता सौनिक इस पद को संभालेंगी। परंतु, उनके पति मनोज सौनिक को इस पद पर नियुक्त कर दिया गया। मनोज सौनिक के 31 दिसंबर 2023 को सेवानिवृत्त होने के बाद, सुजाता सौनिक के लिए मुख्य सचिव बनने की चर्चा फिर से शुरू हो गई। लेकिन, इस बार भी उनका चयन नहीं हुआ और 1988 बैच के आईएएस अधिकारी नितिन करीर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। करीर को लोकसभा चुनावों की वजह से तीन महीने का विस्तार मिला, जिससे सौनिक को यह अवसर फिर से नहीं मिल सका।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने वरिष्ठता को आधार मानकर नियुक्ति का निर्णय लिया और अंततः सुजाता सौनिक को मुख्य सचिव बनाया गया। इस नियुक्ति के माध्यम से महाराष्ट्र ने एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है। यह न केवल राज्य के प्रशासनिक ढांचे में महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन देता है, बल्कि यह दर्शाता है कि महिलाओं को अब भी ऊंचे पदों पर कितना संघर्ष करना पड़ता है।
यह नियुक्ति महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सुजाता सौनिक के मुख्य सचिव बनने से पहली बार राज्य की नौकरशाही और पुलिस दोनों का नेतृत्व महिलाओं के हाथ में आ गया है। राज्य की पुलिस प्रमुख के पद पर पहले से ही रश्मि शुक्ला कार्यरत हैं। इस घटनाक्रम ने एक नए युग की शुरुआत की है, जहां महिलाएं उच्च पदों पर अपनी योग्यता और क्षमता का प्रदर्शन कर रही हैं।
सुजाता सौनिक का करियर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपनी प्रशासनिक सेवा के दौरान कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उन्हें उनकी कड़ी मेहनत, निष्ठा और मेहनती स्वभाव के लिए जाना जाता है। उनके नेतृत्व में महाराष्ट्र को कई बेहतरीन नीतियों और योजनाओं का फायदा हुआ है। उनके पद ग्रहण करने के दौरान यह उम्मीद की जा रही है कि वे प्रशासन में और भी अधिक पारदर्शिता और प्रभावशीलता लाएंगी।
महिला नेताओं की भूमिका आज के दौर में कितनी महत्वपूर्ण हो गई है, यह सुजाता सौनिक की नियुक्ति से भी स्पष्ट हो जाता है। उन्होंने महिलाओं के लिए एक उदाहरण पेश किया है कि अगर आप मेहनत करते हैं तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। इस उपलक्ष्य में उन्होंने यह भी साबित किया कि महिलाएं भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकती हैं।
आने वाले समय में सुजाता सौनिक को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। महाराष्ट्र की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति में स्थिरता बनाए रखना उनके लिए एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, और विकास योजनाओं के क्रियान्वयन के दिशा में उनकी निर्णय क्षमता और नेतृत्व काबिलियत के परीक्षण का समय होगा।
सुजाता सौनिक के सामने राज्य की जनसंख्या के विभिन्न वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने का भी भारी दायित्व है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और शहरों में बुनियादी सुविधाओं को सुधारने की दिशा में उनकी नीति और कार्यशैली को परखा जाएगा।
यह कदम न सिर्फ महाराष्ट्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है। देश के विभिन्न हिस्सों में महिलाएं अभी भी अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। ऐसे में सुजाता सौनिक की इस सफलता ने अनगिनत महिलाओं के लिए एक नई राह बनाई है।
अंततः, सुजाता सौनिक की मुख्य सचिव के रूप में नियुक्ति एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई है। यह दिखाता है कि कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद, योग्य और मेहनती व्यक्ति को आखिरकार उसका हक मिल ही जाता है। उम्मीद है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता से महाराष्ट्र को एक नई दिशा मिलेगी।
सुजाता सौनिक को इस नई जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं!
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