यूरोपीय चैंपियनशिप 2024 के अंतिम 16 मुकाबले में स्विट्ज़रलैंड ने गत चैंपियन इटली को 2-0 से शिकस्त दी। यह मुकाबला 29 जून को खेला गया, जिसमें स्विट्ज़रलैंड ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की। इस जीत की सबसे बड़ी बात यह थी कि स्विट्ज़रलैंड ने 31 वर्षों में पहली बार इटली को मात दी।
पहले हाफ में स्विट्ज़रलैंड ने रेमो फ्रोइलर के गोल से बढ़त बनाई। यह गोल 37वें मिनट में किया गया, जिससे स्विट्ज़रलैंड को आत्मविश्वास मिला। इसके बाद दूसरे हाफ में रूबेन वर्गास ने 2-0 से आगे करते हुए टीम की जीत पक्की कर दी। वर्गास का यह शॉट टॉप राइट कॉर्नर में गया, जिसे इटली के गोलकीपर रोकने में असफल रहे।
इस जीत के साथ स्विट्ज़रलैंड ने पहली बार इस टूर्नामेंट में इटली पर विश्वस्तरीय प्रदर्शन दिखाया। कोच मुरात याकिन ने अपनी टीम की तारीफ की और कहा, 'हमारी टीम की खेल भावना और गेमप्लान शानदार थे।' वास्तव में, स्विट्ज़रलैंड ने खेल के हर पहलू में इटली को पछाड़ा।
इटली के कोच लुसियानो स्पैलेटी ने अपनी टीम की परफॉर्मेंस पर निराशा जताई और कहा, 'हमने खेल में पर्याप्त ऊर्जा नहीं दिखाई। हमारी टीम का प्रदर्शन बहुत ही धीरजहीन रहा।'
अब स्विट्ज़रलैंड का सामना क्वार्टरफाइनल में इंग्लैंड या स्लोवाकिया से होगा। यह मुकाबला 6 जुलाई को डसेलडॉर्फ में खेला जाएगा। स्विट्ज़रलैंड की टीम इस जीत से पूर्ण आत्मविश्वास के साथ मैदान में उतरेगी।
पिछले तीन यूरो टूर्नामेंट में यह तीसरी बार है जब गत चैंपियन टीम अंतिम 16 में बाहर हो गई है। 2016 में स्पेन और 2021 में पुर्तगाल इसी तरह बाहर हुई थीं। इस बार इटली को बाहर होते देख स्विट्ज़रलैंड की टीम के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है।
यूरो 2024 का यह सीज़न अब तक कई आश्चर्यजनक परिणाम ला चुका है। स्विट्ज़रलैंड की यह जीत भी उन्हीं में से एक है। टीम की एकजुटता, खेल के प्रति उनकी निष्ठा और आत्मविश्वास ने उन्हें इस ऊँचाई तक पहुँचाया।
अब यह देखना रोचक होगा कि क्या स्विट्ज़रलैंड अपनी जीत की इस श्रृंखला को जारी रखते हुए टूर्नामेंट के अगले दौर में भी इसी प्रकार का प्रदर्शन कर पाती है या नहीं। इंग्लैंड और स्लोवाकिया दोनों ही मजबूत टीमें हैं और स्विट्ज़रलैंड के लिए यह मुकाबला भी उतना ही कठिन साबित होगा।
स्विट्ज़रलैंड के खिलाड़ियों के लिए यह जीत नए उत्साह का कारण है। खेल के प्रत्येक क्षण को उन्होंने जमकर निभाया और उनकी यह मेहनत रंग लाई। स्विट्ज़रलैंड के प्रशंसकों के लिए भी यह एक गर्व का क्षण है, जिनका समर्थन और प्रोत्साहन उनकी टीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा।
दूसरी ओर, इटली के लिए यह हार किसी झटके से कम नहीं है। गत चैंपियन टीम का इस तरह से बाहर हो जाना टीम की रणनीतियों पर सवाल खड़े करता है। कोच लुसियानो स्पैलेटी को इस हार से सबक लेते हुए आगे की योजनाओं पर पुनर्विचार करना होगा।
मुकाबलें की इस समीक्षा के साथ यह निश्चित है कि यूरो 2024 का यह सीज़न आगे आने वाले दिनों में और भी रोमांचक बनेगा। सभी टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा तीव्र होती जा रही है और हर मुकाबला अद्वितीय अनुभव ला रहा है।
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