जब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 5 अक्टूबर 2025 को अपना नवीनतम अलर्ट जारी किया, तो कई लोगों ने सोचा कि भारी बारिश आएगी। लेकिन दरअसल, मध्य प्रदेश के 50 जिलों में तेज़ हवाओं और बिजली गिरने की संभावना के कारण पीला चेतावनी जारी किया गया, जबकि भारी वर्षा की उम्मीद नहीं थी। यह चेतावनी भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, रेवा और छिंदवाड़ा जैसे बड़े शहरों को भी कवर करती है। पढ़ते‑पढ़ते आपको पता चल जाएगा कि इस मौसमीय उतार‑चढ़ाव में किन‑किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
मध्य भारत में इस समय दक्षिण‑पश्चिमी मानसून की वापसी रेखा धीरे‑धीरे उत्तर‑पूर्व की ओर बढ़ रही है। विशेष रूप से भरुच, उज्जैन, झांसी और शाहजहाँपुर पर मानसून की वापसी रेखा अब स्थित है, जो संकेत देता है कि बारिश की संभावना धीरे‑धीरे कम होगी। वहीँ, अरब सागर में साइक्लोन शाक्तिअरब सागर अभी भी सक्रिय है, लगभग 470 किमी पश्चिम में द्वारका, गुजरात के पास।
इसे समझना आसान है: हल्की बूँदों की संभावना बरसाती पड़ोस में है, लेकिन तेज़ हवाओं (25‑35 किमी/घंटा) और विद्युत आघात (30‑40 मिनट के अंतराल) की संभावना अधिक है। इस कारण से स्थानीय प्रशासन ने पीला चेतावनी जारी किया। नीचे कुछ प्रमुख शहरों के अनुमानित डेटा हैं:
बाहरी क्षेत्रों, जैसे झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में भी हल्की बारिश की संभावना है, इसलिए समान चेतावनियों का पालन किया जा रहा है।
दिल्ली में 5 अक्टूबर को आकाश अधिकांशतः बादल‑छाया रहेगा, शाम होते‑होते धीरे‑धीरे धुंध के साथ बदल जाएगा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 1‑2°C कम रहने की संभावना है, यानी लगभग 19‑20°C, जबकि अधिकतम 32‑34°C के बीच रहेगा। रात में थंडरस्टॉर्म और हल्की बारिश की संभावना 70% तक बढ़ जाती है। 6 अक्टूबर को 24‑घंटे निरन्तर बारिश की संभावना के लिए भी पीला चेतावनी जारी किया गया है, जबकि 7 अक्टूबर तक मध्यम बारिश और बादल छाया का माहौल बना रहेगा। 8‑9 अक्टूबर को साफ‑सुथरा आकाश फिर से लौट आएगा।
पांच‑साइकलन मौसम विज्ञानी डॉ. रवींद्र सिंह के अनुसार, इस प्रकार की पश्चिमी व्यवधान (Western Disturbance) अक्सर उत्तर‑पश्चिम भारत में धारा और ठंडे हवा लाती है, जिससे बिजली‑विज्ञान में वृद्धि देखी जाती है। उन्होंने कहा, "साइकलन का केंद्र अगर मध्य प्रदेश से गुजरता है तो टॉर्नेडो‑जैसी स्थितियां बन सकती हैं, इसलिए लोग घर में रहकर लाइट की सुरक्षा उपायों को दोबारा जांच लें।"
दूसरी ओर, दिल्ली के मौसम विभाग के प्रवक्ता सुशीला कश्यप ने कहा, "छत पर पानी इकट्ठा न हो, सड़क पर पिचकारियाँ न बनें, और बिजली गिरने के समय बाहर निकलने से बचें।"
आगे चलकर, यदि साइक्लोन शाक्ति समुद्र के उत्तर‑पश्चिम में आगे बढ़ता है, तो गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश और लहरें बढ़ सकती हैं। मध्य प्रदेश में गर्मी के बादल‑भरा दिन तेज़ हवाओं के साथ जारी रहेगा, इसलिए अगले दो हफ़्तों में एग्रीकल्चर क्षेत्रों में बुवाई‑काटाई के समय सावधानी बरतनी चाहिए।
पीला चेतावनी यह बताती है कि मौसम में संभावित असामान्य स्थितियां, जैसे तेज़ हवा और विद्युत आघात, हो सकती हैं। यह चेतावनी गंभीर नहीं होती, परंतु लोग सतर्क रहें और आवश्यक उपाय करें।
जैसे ही तेज़ हवाओं और अचानक बिजली के कारण पॉपरिंग की संभावना बढ़ती है, फसल के पौधे टूट‑फूट या क्षति हो सकती है। किसान ट्रैक्टर की रफ्तार घटा कर, फसलों को ढक कर और धूप वाले समय में कार्य करके नुकसान कम कर सकते हैं।
शाक्ति यदि पश्चिम‑उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा तो गुजरात की तटीय सीमाओं पर लहरें 4‑5 मीटर तक बढ़ सकती हैं और भारी बारिश होगी। मध्य प्रदेश में इसका प्रत्यक्ष असर कम है, परन्तु आसपास के राज्यों में वर्षा‑स्थिरता बढ़ सकती है।
शाम‑से‑रात के समय तापमान सामान्य से नीचे गिरता है, इसलिए हल्की जैकेट या स्वेटर रखें। साथ ही बिजली‑आंधी के समय खुले स्थानों से बचें, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अनप्लग रखें, और जल जमा होने वाले क्षेत्रों में पानी की निगरानी करें।
vipin dhiman
देखो भाई, मौसम का खेल है लेकिन जनता की जिंदगियां इससे नहीं खेली जानी चाहिए, सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। बिजली‑vayu के कारण अगर कोई नुकसान हुआ तो किसानों को मदद मिलनी चाहिए, नहीं तो असहाय रह जाएंगे। हमें अपनी मिट्टी, अपनी हवा को बचाने की ज़िम्मेदारी एक साथ लेनी होगी।