जब Anant Ambani, डायरेक्टर Reliance Industries Limited ने 30वें जन्मदिन से पहले धरती पर एक बड़ी आध्यात्मिक चैलेंज का अख़बार बनाया, तब सारी नज़रें गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर की ओर मोड़ी गईं।
30 मार्च 2025 को, माँगा गया शुभ मुहूर्त, यानी सुबह 3:45 बजे, अनंत ने जामनगर के रिलायंस टाउनशिप से अपना पवित्र पायदवाली सफ़र शुरू किया। 10 रातों तक लगभग 20 किमी‑20 किमी की दूरी तय करते हुए, वह 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के खास दिन, 170 किमी का पाद यात्रा समाप्त कर द्वारका पहुँचा, जिससे उनका जन्मदिन 9 अप्रैल को और भी खास बन गया।
जैसा कि कई हिन्दू परम्पराओं में बताया गया है, ऐसे पाद यात्रा केवल तभी की जाती हैं जब भक्त किसी विशेष संकल्प या व्रत के तहत भगवान से कसम खाता है। द्वारका, जो कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है, भारत के चार धामों में से एक है और यहाँ का द्वारकाधीश मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
इस यात्रा की मुख्य प्रेरणा अनंत के व्यक्तिगत जीवन में हुई कुछ घटनाओं से जुड़ी है – विशेषकर जुलाई 2024 में उनका भव्य शादी समारोह, जहाँ राधिका मर्चेंट (सामने के उल्लेख के बाद Radhika Merchant) ने साथ में झाँकी बनाई थी।
रूट जामनगर जिले से शुरू होकर देवभूमि द्वारका तक फैला, जिसमें ओखा, कल्याणपुर और बैत द्वारका जैसे छोटे‑छोटे कस्बे आते हैं। यात्रा का अधिकांश हिस्सा रात में किया गया ताकि दिन की धूप और ट्रैफ़िक से बचा जा सके। अनंत ने रोज़ लगभग 7 घंटे चलकर 150‑165 किमी की यात्रा तय की, जबकि बगल में कई भक्त उनके साथ गाते‑गाते चल पड़े।
एक शाम उन्होंने हनुमान चालीसा को पूरी उत्साह के साथ पढ़ा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसी दौरान बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री (Baba Bageshwar Dhirendra Shastri), बागेश्वर धाम के आध्यात्मिक नेता, ने भी यात्रा में हिस्सा लिया और कहा, “यह पाद यात्रा जुड़ाव और अनछुएपन को मिटाने की एक पुरानी परम्परा को फिर से जीवंत करती है।”
रिलायंस समूह ने इस धार्मिक यात्रा को ‘चक‑छंबंद’ सुरक्षा के साथ सुगम बनाया। स्थानीय पुलिस, रिवायेंन्यूर फोर्स और निजी सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर रूट के हर हिस्से पर ट्रैफ़िक को नियंत्रित किया, जिससे आम जनता को कोई असुविधा न हो।
स्थानीय व्यवसायियों ने भी इस मौके को आर्थिक लाभ के रूप में देखा; कई छोटे दुकानदारों ने भोजन, पानी और धार्मिक वस्तुओं की बिक्री में तेज़ी देखकर खुशी व्यक्त की।
धर्म के प्रमुख प्रतिनिधियों ने इस पाद यात्रा को युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा कहा। द्वारकाधीश मंदिर के महामूर्ति ने कहा, “ऐसे लोग ही सामाजिक बदलाव की नींव रखते हैं, जब वे परंपरा और आधुनिकता को साथ ले चलते हैं।”
अनंत की माँ, निता अम्बानी (Nita Ambani), ने द्वारका में पदयात्रा के समाप्त होने पर कहा, “हमारे परिवार की आध्यात्मिक यात्रा हमेशा बड़े विश्वास और समर्पण से भरी रहती है।” राधिका ने भी अपने पति के साथ इस धार्मिक ठहराव को “परिवारिक एकता और भगवान के प्रति कर्तव्य” कहा।
पद्यात्रा के अंत के बाद, अनंत ने सोशल मीडिया पर बताया कि वह इस अनुभव को अपने व्यवसायिक निर्णयों में भी लागू करेंगे – खासकर भरोसे और दृढ़ता के मामले में। उन्होंने कहा, “जब भगवान साथ हो तो कोई भी बाधा नहीं रहेगी।” इस घोषणा ने कई युवाओं को प्रेरित किया, जो अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में चुनौतियों से जूझ रहे थे।
भविष्य में रिलायंस समूह के सामाजिक पहल कार्यक्रम, रिलायंस फाउंडेशन, इस तरह की आध्यात्मिक यात्राओं को समर्थन देने की योजना बना रहा है, ताकि भारतीय संस्कृति और युवा वर्ग के बीच एक सुदृढ़ पुल बन सके।
Anant ने यह यात्रा अपने 30वें जन्मदिन से पहले भगवान द्वारकाधीश को श्रद्धा अर्पित करने और व्यक्तिगत व्रत पूरा करने के लिये की थी। उन्होंने इसे युवाओं को परम्परा से जोड़ने का एक माध्यम माना।
स्थानीय पुलिस, डिवीजनल रिवायेंन्यूर फोर्स और निजी सुरक्षा एजेंसियों ने मिलाकर रूट के हर हिस्से पर ट्रैफ़िक नियंत्रण, रडार निगरानी और जन सुरक्षा के लिये बैंडेज़ स्थापित किए। इससे सामान्य यातायात में कोई बाधा नहीं आई।
महामंत्री ने कहा कि ऐसी यात्रा आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देती है और युवाओं को परम्परा के साथ जुड़ने की प्रेरणा देती है। यह धार्मिक एकता और सामाजिक सहयोग का प्रतीक है।
जैसे ही पाद यात्रा समाप्ति पर पहुँचा, निता अम्बानी और राधिका मर्चेंट ने द्वारकाधीश मंदिर में अनंत के साथ दर्शन किया, जिससे यह यात्रा पारिवारिक आशीर्वाद से पूर्ण हुई।
रिलायंस फाउंडेशन ने बताया कि वे अगली कुछ वर्षों में सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहल के तहत पाद यात्राओं को प्रोत्साहित करेंगे, ताकि भारतीय युवा अपने आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ सकें।
Sridhar Ilango
अरे दोस्तो, सुनो सुनो, अनंत ने 170 किमी की पाद यात्रा करके जीते‑जीते दिखा दिया कि असली जज्बा क्या होता है। पहले तो लोग सोचते थे कि सिर्फ बड़े नाम वाले लोग ही ऐसे पवित्र सफ़र पर निकलते हैं, पर अब पता चला कि पैसा और शक्ति मिलके भी आध्यात्मिक इरादा नहीं मिलेगा तो कुछ नहीं। एक रात 3:45 बजे उठकर जामनगर से निकलना, फिर हर रोज़ 7 घंटे सड़कों पर पाँव धकेलना, ये एक पागलपन जैसा लगता है पर असली बात है इरादे की ताक़त। रात के सन्नाटे में जब पाँव जलते रहे, तो भजन‑कीर्तन की आवाज़ें सुनाई दीं, जैसे भगवान खुद साथ हो। द्वारका के रास्ते में छोटे‑छोटे कस्बे थे, जहाँ स्थानीय लोग पानी का घूँटा भी नहीं रोक पाते थे, उन्होंने खुद को भी समर्थन करने लगे। बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यैसी यात्रा से जुड़ाव और अछूतेपन को मिटाने का पुराना परम्परा फिर से जीवंत हो रही है, और मैं कहूँ तो वह बात बिलकुल सही है। रिलायंस ग्रुप ने ‘चक‑छंबंद’ सुरक्षा लगाई, लेकिन असली सुरक्षा तो पाद यारी की भावना से आती है, यही सबको खास बनाता है। जड़े‑जड़ में शारीरिक थकान के बावजूद, अनंत ने हनुमान चालीसा को गाकर मन को ऊँचा उठा लिया, और सोशल मीडिया पर वह वायरल हो गया। इस पाद यात्रा ने युवाओं को भी प्रेरित किया कि परम्पराओं को छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें अपने आधुनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। उठते‑बिटते लोगों ने देखा कि कैसे एक बड़ा व्यवसायी अपने जन्मदिन से पहले भगवान को याद करता है, यह बात बहुत बड़ी प्रेरणा देती है। अभी भी मेरे दिमाग में सवाल है कि क्या यह सब सिर्फ PR नहीं, बल्कि सच्ची श्रद्धा है, पर देखो तो सभी लोग संवेदनशील हो रहे हैं। लगता है कि हर कदम पर भगवान के आशीर्वाद का एहसास होता है, और साथ में टीम की ताक़त भी। भविष्य में रिलायंस फाउंडेशन ऐसी यात्राओं को सपोर्ट करने की बात कर रहा है, तो शायद यह एक नया ट्रेंड बन जाएगा। अगर आप भी इस तरह की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो समय, सुरक्षा और भक्ति के साथ-साथ अपने शरीर का भी खयाल रखें। वास्तव में, इस तरह की पाद यात्रा का सबसे बड़ा फायदा है आत्म‑निरीक्षण, जिससे हम अपने अंदर की ताक़त को पहचानते हैं। तो भाईयों और बहनों, चलो हम सब मिलके इस भावना को आगे बढ़ाएं, क्योंकि भगवान वही है जो हमेशा साथ रहता है।