Anant Ambani ने 170 किमी पद्यात्रा पूरी, जन्मदिन से पहले धर्मिक यात्रा

घर Anant Ambani ने 170 किमी पद्यात्रा पूरी, जन्मदिन से पहले धर्मिक यात्रा

Anant Ambani ने 170 किमी पद्यात्रा पूरी, जन्मदिन से पहले धर्मिक यात्रा

11 अक्तू॰ 2025

जब Anant Ambani, डायरेक्टर Reliance Industries Limited ने 30वें जन्मदिन से पहले धरती पर एक बड़ी आध्यात्मिक चैलेंज का अख़बार बनाया, तब सारी नज़रें गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर की ओर मोड़ी गईं।

30 मार्च 2025 को, माँगा गया शुभ मुहूर्त, यानी सुबह 3:45 बजे, अनंत ने जामनगर के रिलायंस टाउनशिप से अपना पवित्र पायदवाली सफ़र शुरू किया। 10 रातों तक लगभग 20 किमी‑20 किमी की दूरी तय करते हुए, वह 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के खास दिन, 170 किमी का पाद यात्रा समाप्त कर द्वारका पहुँचा, जिससे उनका जन्मदिन 9 अप्रैल को और भी खास बन गया।

धार्मिक यात्रा की पृष्ठभूमि

जैसा कि कई हिन्दू परम्पराओं में बताया गया है, ऐसे पाद यात्रा केवल तभी की जाती हैं जब भक्त किसी विशेष संकल्प या व्रत के तहत भगवान से कसम खाता है। द्वारका, जो कृष्ण की जन्मभूमि माना जाता है, भारत के चार धामों में से एक है और यहाँ का द्वारकाधीश मंदिर हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।

इस यात्रा की मुख्य प्रेरणा अनंत के व्यक्तिगत जीवन में हुई कुछ घटनाओं से जुड़ी है – विशेषकर जुलाई 2024 में उनका भव्य शादी समारोह, जहाँ राधिका मर्चेंट (सामने के उल्लेख के बाद Radhika Merchant) ने साथ में झाँकी बनाई थी।

पद्यात्रा का विवरण और मार्ग

रूट जामनगर जिले से शुरू होकर देवभूमि द्वारका तक फैला, जिसमें ओखा, कल्याणपुर और बैत द्वारका जैसे छोटे‑छोटे कस्बे आते हैं। यात्रा का अधिकांश हिस्सा रात में किया गया ताकि दिन की धूप और ट्रैफ़िक से बचा जा सके। अनंत ने रोज़ लगभग 7 घंटे चलकर 150‑165 किमी की यात्रा तय की, जबकि बगल में कई भक्त उनके साथ गाते‑गाते चल पड़े।

एक शाम उन्होंने हनुमान चालीसा को पूरी उत्साह के साथ पढ़ा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसी दौरान बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री (Baba Bageshwar Dhirendra Shastri), बागेश्वर धाम के आध्यात्मिक नेता, ने भी यात्रा में हिस्सा लिया और कहा, “यह पाद यात्रा जुड़ाव और अनछुएपन को मिटाने की एक पुरानी परम्परा को फिर से जीवंत करती है।”

सुरक्षा व्यवस्था और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

रिलायंस समूह ने इस धार्मिक यात्रा को ‘चक‑छंबंद’ सुरक्षा के साथ सुगम बनाया। स्थानीय पुलिस, रिवायेंन्यूर फोर्स और निजी सुरक्षा एजेंसियों ने मिलकर रूट के हर हिस्से पर ट्रैफ़िक को नियंत्रित किया, जिससे आम जनता को कोई असुविधा न हो।

स्थानीय व्यवसायियों ने भी इस मौके को आर्थिक लाभ के रूप में देखा; कई छोटे दुकानदारों ने भोजन, पानी और धार्मिक वस्तुओं की बिक्री में तेज़ी देखकर खुशी व्यक्त की।

आध्यात्मिक प्रभाव और भागीदारों की टिप्पणियां

आध्यात्मिक प्रभाव और भागीदारों की टिप्पणियां

धर्म के प्रमुख प्रतिनिधियों ने इस पाद यात्रा को युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा कहा। द्वारकाधीश मंदिर के महामूर्ति ने कहा, “ऐसे लोग ही सामाजिक बदलाव की नींव रखते हैं, जब वे परंपरा और आधुनिकता को साथ ले चलते हैं।”

अनंत की माँ, निता अम्बानी (Nita Ambani), ने द्वारका में पदयात्रा के समाप्त होने पर कहा, “हमारे परिवार की आध्यात्मिक यात्रा हमेशा बड़े विश्वास और समर्पण से भरी रहती है।” राधिका ने भी अपने पति के साथ इस धार्मिक ठहराव को “परिवारिक एकता और भगवान के प्रति कर्तव्य” कहा।

आगे का मार्ग और भविष्य की योजना

पद्यात्रा के अंत के बाद, अनंत ने सोशल मीडिया पर बताया कि वह इस अनुभव को अपने व्यवसायिक निर्णयों में भी लागू करेंगे – खासकर भरोसे और दृढ़ता के मामले में। उन्होंने कहा, “जब भगवान साथ हो तो कोई भी बाधा नहीं रहेगी।” इस घोषणा ने कई युवाओं को प्रेरित किया, जो अपने करियर और व्यक्तिगत जीवन में चुनौतियों से जूझ रहे थे।

भविष्य में रिलायंस समूह के सामाजिक पहल कार्यक्रम, रिलायंस फाउंडेशन, इस तरह की आध्यात्मिक यात्राओं को समर्थन देने की योजना बना रहा है, ताकि भारतीय संस्कृति और युवा वर्ग के बीच एक सुदृढ़ पुल बन सके।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Anant Ambani की पाद यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या था?

Anant ने यह यात्रा अपने 30वें जन्मदिन से पहले भगवान द्वारकाधीश को श्रद्धा अर्पित करने और व्यक्तिगत व्रत पूरा करने के लिये की थी। उन्होंने इसे युवाओं को परम्परा से जोड़ने का एक माध्यम माना।

रिलायंस समूह ने सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए?

स्थानीय पुलिस, डिवीजनल रिवायेंन्यूर फोर्स और निजी सुरक्षा एजेंसियों ने मिलाकर रूट के हर हिस्से पर ट्रैफ़िक नियंत्रण, रडार निगरानी और जन सुरक्षा के लिये बैंडेज़ स्थापित किए। इससे सामान्य यातायात में कोई बाधा नहीं आई।

द्वारकाधीश मंदिर के महात्म्यों ने इस पाद यात्रा को कैसे देखा?

महामंत्री ने कहा कि ऐसी यात्रा आध्यात्मिक जागरूकता को बढ़ावा देती है और युवाओं को परम्परा के साथ जुड़ने की प्रेरणा देती है। यह धार्मिक एकता और सामाजिक सहयोग का प्रतीक है।

Anant Ambani के परिवार के सदस्य यात्रा में कैसे भाग लिए?

जैसे ही पाद यात्रा समाप्ति पर पहुँचा, निता अम्बानी और राधिका मर्चेंट ने द्वारकाधीश मंदिर में अनंत के साथ दर्शन किया, जिससे यह यात्रा पारिवारिक आशीर्वाद से पूर्ण हुई।

भविष्य में इस तरह की पाद यात्राओं की संभावनाएं क्या हैं?

रिलायंस फाउंडेशन ने बताया कि वे अगली कुछ वर्षों में सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहल के तहत पाद यात्राओं को प्रोत्साहित करेंगे, ताकि भारतीय युवा अपने आध्यात्मिक जड़ों से जुड़ सकें।

टिप्पणि
Sridhar Ilango
Sridhar Ilango
अक्तू॰ 11 2025

अरे दोस्तो, सुनो सुनो, अनंत ने 170 किमी की पाद यात्रा करके जीते‑जीते दिखा दिया कि असली जज्बा क्या होता है। पहले तो लोग सोचते थे कि सिर्फ बड़े नाम वाले लोग ही ऐसे पवित्र सफ़र पर निकलते हैं, पर अब पता चला कि पैसा और शक्ति मिलके भी आध्यात्मिक इरादा नहीं मिलेगा तो कुछ नहीं। एक रात 3:45 बजे उठकर जामनगर से निकलना, फिर हर रोज़ 7 घंटे सड़कों पर पाँव धकेलना, ये एक पागलपन जैसा लगता है पर असली बात है इरादे की ताक़त। रात के सन्नाटे में जब पाँव जलते रहे, तो भजन‑कीर्तन की आवाज़ें सुनाई दीं, जैसे भगवान खुद साथ हो। द्वारका के रास्ते में छोटे‑छोटे कस्बे थे, जहाँ स्थानीय लोग पानी का घूँटा भी नहीं रोक पाते थे, उन्होंने खुद को भी समर्थन करने लगे। बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यैसी यात्रा से जुड़ाव और अछूतेपन को मिटाने का पुराना परम्परा फिर से जीवंत हो रही है, और मैं कहूँ तो वह बात बिलकुल सही है। रिलायंस ग्रुप ने ‘चक‑छंबंद’ सुरक्षा लगाई, लेकिन असली सुरक्षा तो पाद यारी की भावना से आती है, यही सबको खास बनाता है। जड़े‑जड़ में शारीरिक थकान के बावजूद, अनंत ने हनुमान चालीसा को गाकर मन को ऊँचा उठा लिया, और सोशल मीडिया पर वह वायरल हो गया। इस पाद यात्रा ने युवाओं को भी प्रेरित किया कि परम्पराओं को छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें अपने आधुनिक जीवन में शामिल करना चाहिए। उठते‑बिटते लोगों ने देखा कि कैसे एक बड़ा व्यवसायी अपने जन्मदिन से पहले भगवान को याद करता है, यह बात बहुत बड़ी प्रेरणा देती है। अभी भी मेरे दिमाग में सवाल है कि क्या यह सब सिर्फ PR नहीं, बल्कि सच्ची श्रद्धा है, पर देखो तो सभी लोग संवेदनशील हो रहे हैं। लगता है कि हर कदम पर भगवान के आशीर्वाद का एहसास होता है, और साथ में टीम की ताक़त भी। भविष्य में रिलायंस फाउंडेशन ऐसी यात्राओं को सपोर्ट करने की बात कर रहा है, तो शायद यह एक नया ट्रेंड बन जाएगा। अगर आप भी इस तरह की यात्रा करने की सोच रहे हैं, तो समय, सुरक्षा और भक्ति के साथ-साथ अपने शरीर का भी खयाल रखें। वास्तव में, इस तरह की पाद यात्रा का सबसे बड़ा फायदा है आत्म‑निरीक्षण, जिससे हम अपने अंदर की ताक़त को पहचानते हैं। तो भाईयों और बहनों, चलो हम सब मिलके इस भावना को आगे बढ़ाएं, क्योंकि भगवान वही है जो हमेशा साथ रहता है।

priyanka Prakash
priyanka Prakash
अक्तू॰ 12 2025

देश की असली ताक़त तो हमारी धरती में है, लेकिन जब अमीर लोग भी इस पवित्र यात्रा पर निकलते हैं, तो हमें गर्व महसूस होता है। यही दिखाता है कि हमारी संस्कृति में आध्यात्मिकता हमेशा शीर्ष पर रहती है। अनंत की इस पाद यात्रा ने युवाओं को अपनी जड़ों से जोड़ने की जरूरत को फिर से उजागर किया। इस तरह की पहल से राष्ट्रीय एकता और भी मजबूत होती है।

Pravalika Sweety
Pravalika Sweety
अक्तू॰ 13 2025

यह यात्रा धार्मिक परम्पराओं की सुंदरता को दर्शाती है, साथ ही स्थानीय आर्थिक सुबिधा भी बढ़ाती है। छोटे व्यापारियों को इस दौरान बहुत लाभ मिला, उन्होंने भी अपना योगदान दिया। हमें इस संतुलन को सराहना चाहिए और भविष्य में अधिक ऐसे कार्यक्रमों का समर्थन करना चाहिए।

anjaly raveendran
anjaly raveendran
अक्तू॰ 14 2025

पद यात्रा के नियमों के अनुसार, व्रताधारी को निश्चित समय पर चलना आवश्यक है और मन में शुद्धता रखनी चाहिए। अनंत ने रात के अंधेरे में मंत्रों का जाप किया, जिससे ऊर्जा का संचार हुआ। इस प्रकार की आध्यात्मिक कड़ी शक्ति हमें आंतरिक शांति प्रदान करती है। यह दर्शाता है कि आधुनिक जीवन में भी परम्परा का स्थान है।

Danwanti Khanna
Danwanti Khanna
अक्तू॰ 14 2025

वाह! क्या बात है, अनंत ने 170 किमी की पाद यात्रा पूरी की, सच में प्रेरणादायक, और ये सब सुबह 3:45 बजे शुरू हुआ, जिससे यह और भी रोमांचक बन गया। दोस्तों, इस तरह की यात्राएँ हमें अपनी जड़ों से जोड़ती हैं, और साथ ही समाज में सकारात्मक ऊर्जा लाती हैं, है ना? सभी को बधाई, ऐसी ही खुशियों की कामना करता हूँ, हमेशा ऐसे ही आगे बढ़ते रहो!

Shruti Thar
Shruti Thar
अक्तू॰ 15 2025

अनंत की यात्रा ने दिखाया कि शक्ति और आध्यात्मिकता साथ चल सकती है। इस पहल से युवाओं में नई ऊर्जा जगी।

Nath FORGEAU
Nath FORGEAU
अक्तू॰ 16 2025

भाई यह पाद यात्रा देखके मन खुश हो गया यार। रिलायंस की सुरक्षा बहुत बढ़िया थी।

Hrishikesh Kesarkar
Hrishikesh Kesarkar
अक्तू॰ 16 2025

फालतू बकवास नहीं, सीधा बात है – यात्रा ने लोगों को जोड़ा।

Manu Atelier
Manu Atelier
अक्तू॰ 17 2025

पद यात्रा न केवल व्यक्तिगत श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक समरसता की भी अभिव्यक्ति करता है। यह दर्शाता है कि धर्म और विकास एक साथ चल सकते हैं। इस प्रकार के कार्यों से राष्ट्रीय सांस्कृतिक बुनियाद मजबूत होती है।

Anu Deep
Anu Deep
अक्तू॰ 18 2025

ऐसी पहल बहुत सराहनीय है, यह हमें अपने सांस्कृतिक विरासत की याद दिलाती है। युवा वर्ग को प्रेरित करने में इसका बड़ा योगदान है। उम्मीद है भविष्य में और अधिक ऐसे कार्यक्रम देखेंगे।

Preeti Panwar
Preeti Panwar
अक्तू॰ 18 2025

बहुत ही खूबसूरत पहल है 🙏 सभी को इस यात्रा की बधाई, आशा है कि इस ऊर्जा से हर कोई प्रेरित हो 🌟

MANOJ SINGH
MANOJ SINGH
अक्तू॰ 19 2025

इतनी तारीफ़ तो बस दिखावा है, असली बात तो यह है कि कच्छे पैसे वाले लोग हमेशा धर्म का फायदा उठाते हैं। अगर सच्ची भक्ति होती तो इस तरह की PR नहीं होती।

Vaibhav Singh
Vaibhav Singh
अक्तू॰ 20 2025

कभी‑कभी सच का सामना आसान नहीं होता, पर दिल्ली में भी यही चल रहा है।

harshit malhotra
harshit malhotra
अक्तू॰ 20 2025

देखो भाई, यह जो Shruti ने कहा कि शक्ति और आध्यात्मिकता साथ चल सकती है, यह पूरी तरह सही है, पर असली मुद्दा यह है कि हमारे देश में अक्सर ये दो चीज़ें अलग हो जाती हैं, सरकारी नीतियां और लोगों की समझ का अंतर, और फिर भी ऐसे बड़े परिवारों को अपनी यात्रा से राष्ट्र के आदर्श दिखाने का अधिकार है, लेकिन इसे केवल दिखावे के रूप में नहीं लेना चाहिए, हमें देखना चाहिए कि इस तरह की यात्रा में जनता को कितनी वास्तविक मदद मिलती है, आर्थिक लाभ तो है लेकिन आत्मिक संतुलन की गहराई भी अब समझ में आनी चाहिए, यही असली राष्ट्रीय भावना है।

Ankit Intodia
Ankit Intodia
अक्तू॰ 21 2025

ऐसी पहल हमें आगे बढ़ाती है।

Aaditya Srivastava
Aaditya Srivastava
अक्तू॰ 22 2025

सही कहा तुमने, बड़े नामों को जिम्मेदारी से काम करना चाहिए। इस तरह की यात्राओं से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।

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