अजब खान की जमानती रिहाई पर सामाजवादी पार्टी ने मीठा बाँटा, दो साल बाद नेता आज़ाद

घर अजब खान की जमानती रिहाई पर सामाजवादी पार्टी ने मीठा बाँटा, दो साल बाद नेता आज़ाद

अजब खान की जमानती रिहाई पर सामाजवादी पार्टी ने मीठा बाँटा, दो साल बाद नेता आज़ाद

24 सित॰ 2025

在 : Sharmila PK राजनीति टिप्पणि: 17

रिहाई का विस्तृत विवरण

सिटापुर जेल से लगभग अजब खान को 12 बजे 20 मिनट के बाद जेल से बाहर निकाला गया। 77 साल के इस पूर्व सांसद ने अपनी पहचान वाली सफ़ेद कुर्ता पायजामा के साथ काली कमरबन्दी पहनी हुई थी। जेल से निकलते ही उनके बेटे अदीब और अब्दुल्ला ने भीड़ का स्वागत किया, जहाँ 300 से अधिक पार्टी कार्यकर्ता मीठा बाँट रहे थे।

काफी केसों में बैंल मिलते ही उनका जुड़ाव समाप्त हुआ – 72 मामलों में बैंल, जबकि रांपुर हाई कोर्ट ने 20 सितम्बर को एक दुश्मन संपत्ति केस को भी खारिज किया। अलाहाबाद हाई कोर्ट ने 18 सितम्बर को क्वालिटी बार भूमि अतिक्रमण केस में बैंल दे दिया था, जिससे कानूनी बाधा समाप्त हुई।

जेल के बाहर प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया। पुलिस ने ड्रोन कैमरों से भीड़ पर नज़र रखी और यातायात में जाम के बावजूद सुरक्षा को कायम रखा।

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

राजनीतिक परिप्रेक्ष्य

समाजवादी पार्टी के नेता रुचि वीरा ने इस दिन को "न्याय की जीत" कहा, जबकि अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी सत्ता में आए तो अजब खान के खिलाफ चल रहे सभी "झूठे केस" हटाए जाएंगे। पार्टी के कई बड़े नेता, जिनमें मोरादाबाद की विधायिका रुची वीरा शामिल हैं, ने भीर में मौजूद होकर इस रिहाई को महत्त्वपूर्ण बताया।

विशेषज्ञों का मानना है कि अजब खान की वापसी से पार्टी का मुस्लिम वोट बेस और मजबूत होगा, खासकर रांपुर, मोरादाबाद और आसपास के क्षेत्रों में जहाँ उनका असर खासा है। हालांकि, कुछ аналитики यह भी चेतावनी दे रहे हैं कि उनका कड़क रुख और पार्टी के भीतर कभी‑कभी दूरी internal friction का कारण बन सकता है।

रात में रांपुर की जेल रोड पर उनके घर पहुंचते ही भारी भीड़ ने उनका स्वागत किया; घर के दरवाज़े तक पहुँचना भी मुश्किल हो गया, जिससे उनके लोकप्रियता की झलक मिलती है।

  • रिलीज़ के बाद पार्टी ने मीठा वितरण के साथ सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किए।
  • पुलिस ने ड्रोनों से भीड़ पर निरन्तर निगरानी रखी।
  • अखिलेश यादव ने रिहाई को "न्याय की जीत" कहा और सभी केस हटाने का वादा किया।
  • विश्लेषकों का अनुमान है कि यह घटना उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों में पार्टी के लिए महत्त्वपूर्ण हो सकती है।
टिप्पणि
Antara Anandita
Antara Anandita
सित॰ 26 2025

इस रिहाई के बाद जेल के बाहर जो भीड़ निकली वो सिर्फ एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि एक पूरे समुदाय की उम्मीदों का प्रतीक है। अजब खान के खिलाफ कई मामले बैंल हुए, लेकिन इनमें से कितने वास्तविक अपराध थे और कितने राजनीतिक बदलाव के लिए बनाए गए थे, ये सवाल अभी भी बाकी हैं।

पार्टी ने मीठा बाँटकर भावनाओं को बढ़ाया, लेकिन न्याय का असली मापदंड तो ये है कि क्या इस व्यक्ति के खिलाफ दायर किए गए सभी मामले न्यायपालिका के द्वारा निरस्त हुए या सिर्फ राजनीति के दबाव में?

ड्रोन निगरानी, सुरक्षा बढ़ाना, यातायात जाम - ये सब दिखाता है कि ये रिहाई कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि एक राजनीतिक घटना है जिसका असर पूरे उत्तर प्रदेश पर पड़ेगा।

अगर ये सब केस झूठे थे, तो फिर उन्हें दायर करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? क्या कोई जिम्मेदारी ली गई?

इस तरह के व्यक्ति की वापसी से जो लोग उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें असली बदलाव की उम्मीद नहीं, बल्कि एक नए नेता की तलाश करनी चाहिए।

Gaurav Singh
Gaurav Singh
सित॰ 28 2025

अखिलेश यादव ने कहा कि सब केस हटाए जाएंगे तो अब बताओ क्या जब वो सत्ता में होंगे तो उनके खिलाफ चल रहे केस भी हट जाएंगे

ये न्याय की जीत है या न्याय का अपमान है ये तो अगले चुनाव के बाद पता चलेगा

Priyanshu Patel
Priyanshu Patel
सित॰ 29 2025

भाई ये तो बस जैसे किसी के घर में बच्चे का जन्म हुआ हो और पूरा मोहल्ला बर्फी बांट रहा हो 😅

अजब खान के बाहर आने का मतलब ये नहीं कि सब कुछ ठीक हो गया बस एक लोकप्रिय चेहरा वापस आ गया जिसकी वजह से अब लोगों को लगेगा कि कुछ हो रहा है

लेकिन अगर वो फिर से वही बयानबाजी करने लगे तो फिर ये सब केवल एक नाटक बन जाएगा

मैं तो बस देख रहा हूँ कि अब कौन सा नया बड़ा बयान आएगा

और हाँ ड्रोन वाला दृश्य तो बहुत सीनेमाई लगा

ashish bhilawekar
ashish bhilawekar
सित॰ 30 2025

ये तो बस एक बड़ा नाटक है भाई साहब जैसे कोई राजा वापस आया हो और पूरा शहर उसके लिए बर्फी बना रहा हो

लेकिन जब तक ये आदमी जेल में था तब तो सब कुछ उसके खिलाफ था अब जब वो बाहर आ गया तो अचानक सब कुछ उसके पक्ष में हो गया

ये न्याय नहीं ये तो जनता के दिमाग में बनाया गया एक इमेज है

अगर ये सब केस झूठे थे तो फिर जेल में डालने वाले कौन थे और अब वो कहाँ हैं

ये तो बस एक बड़ा बाजार बन रहा है और लोगों को बर्फी बांटकर भावनाओं को बेचा जा रहा है

मैं तो बस ये देखना चाहता हूँ कि अब ये आदमी फिर से किस तरह का अंदाज बनाता है

क्या वो फिर से वही बयानबाजी करेगा या असली बदलाव लाएगा

मैं तो अभी तक नहीं देख पाया कि इस रिहाई के बाद किसी ने असली बदलाव की बात की हो

Vishnu Nair
Vishnu Nair
अक्तू॰ 2 2025

इस घटना में एक गहरी राजनीतिक संरचना छिपी हुई है जिसे सामान्य नागरिक नहीं समझ पाता क्योंकि उनके पास इसके पीछे के सामाजिक-आर्थिक-सांस्कृतिक पैरामीटर्स का ज्ञान नहीं है

अजब खान की रिहाई एक डायनामिक इंटरवेन्शन है जिसमें वोट बैंक, मुस्लिम एलिटी, और राजनीतिक रिलेशनशिप्स के बीच एक नया इक्विलिब्रियम स्थापित हो रहा है

क्वालिटी बार केस का बैंल और रांपुर हाई कोर्ट का फैसला एक नियंत्रित न्यायिक रिस्पॉन्स है जिसे एक राजनीतिक अल्गोरिदम ने डिज़ाइन किया है

ड्रोन निगरानी एक डिजिटल सुरक्षा आर्किटेक्चर है जो भीड़ के व्यवहार को रियल-टाइम में मॉनिटर कर रहा है

ये सब एक लॉन्ग-टर्म पॉलिटिकल रिस्क मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी का हिस्सा है जिसका लक्ष्य है एक नए नेतृत्व के निर्माण के लिए एक सिम्बोलिक रिटर्न बनाना

ये तो बस एक शुरुआत है अगला स्टेप ये होगा कि इस व्यक्ति को एक नए नेता के रूप में प्रमोट किया जाए जो दो अलग-अलग समुदायों के बीच एक सेटलमेंट लाए

अगर ये नहीं हुआ तो ये रिहाई एक टेम्पोररी फेस्टिवल बनकर रह जाएगी

और अगर ये हुआ तो हम एक नए राजनीतिक एरा की शुरुआत देखेंगे

Kamal Singh
Kamal Singh
अक्तू॰ 2 2025

अजब खान की रिहाई देखकर लगा कि ये तो एक बड़ी बात है

लेकिन दोस्तों, ये बात बस एक आदमी की रिहाई नहीं है, ये तो एक बड़े समुदाय के दिलों में बसी उम्मीद की वापसी है

जब एक आदमी इतने सालों तक जेल में रहा और फिर भीड़ उसका स्वागत करने आई, तो ये दिखाता है कि लोग उस पर भरोसा करते हैं

लेकिन अब जो जिम्मेदारी है वो उसकी है - अब वो बस बयान नहीं देंगे, बल्कि असली काम करेंगे

पार्टी ने मीठा बांटा, लेकिन अब उसे असली खाना देना होगा - नौकरियां, सुरक्षा, शिक्षा

अगर वो वापस आए तो वो बस एक नेता नहीं, बल्कि एक नए विश्वास का प्रतीक बने

हम उन्हें नहीं, बल्कि उनके वादों को देखेंगे

और अगर वो वादे निभाएंगे तो ये रिहाई हमारे लिए एक नया आशा का प्रकाश बन जाएगी

Jasmeet Johal
Jasmeet Johal
अक्तू॰ 4 2025

केस बंद हुए तो अच्छा लगा

Abdul Kareem
Abdul Kareem
अक्तू॰ 4 2025

मुझे लगता है कि ये सब बहुत जल्दी बातें हो रही हैं

क्या वाकई सभी केस झूठे थे या बस एक तरह का राजनीतिक दबाव था

क्या किसी ने इन केसों की जांच की या बस लोगों को ये कह दिया कि ये झूठे हैं

मैं तो बस ये जानना चाहता हूँ कि अगर ये केस झूठे थे तो फिर उन्हें दायर करने वाले कौन थे

क्या वो लोग अब भी अपनी जगह पर हैं

ये सवाल तो बहुत जरूरी हैं

हम बस एक आदमी की रिहाई पर खुश हो रहे हैं लेकिन असली सवाल तो ये हैं कि ये सब कैसे हुआ

Namrata Kaur
Namrata Kaur
अक्तू॰ 5 2025

मीठा बांटना अच्छा लगा

indra maley
indra maley
अक्तू॰ 6 2025

रिहाई एक घटना है

लेकिन जब एक आदमी जेल से बाहर आता है तो वो एक नई शुरुआत का प्रतीक बन जाता है

लेकिन क्या वो वास्तव में बदल गया है या बस अपनी भूमिका बदल गया है

हम लोग तो बस उसके बाहर आने पर खुश हो रहे हैं

लेकिन अगर वो वापस वही बयानबाजी करने लगे तो फिर ये सब क्या होगा

क्या हम एक बार फिर उसके लिए बर्फी बांटेंगे

या फिर ये बस एक चक्र है जो बार-बार दोहराया जा रहा है

मुझे लगता है कि हमें इस बार और गहराई से सोचना चाहिए

Kiran M S
Kiran M S
अक्तू॰ 7 2025

मुझे लगता है कि ये रिहाई एक बहुत ही बुनियादी गलती है

एक ऐसे व्यक्ति को जिसके खिलाफ कई केस हैं उसे बाहर निकालना न्याय की जीत नहीं बल्कि न्याय का अपमान है

अगर ये सब केस झूठे थे तो फिर उन्हें दायर करने वाले कानूनी अधिकारियों को भी सजा देनी चाहिए

लेकिन नहीं, बस एक आदमी को बाहर निकाल दिया गया और अब सब खुश हैं

ये तो बस एक नाटक है जिसमें लोगों को भावनाओं से बहकाया जा रहा है

और जो लोग इसे न्याय की जीत कह रहे हैं वो अपने आप को बहुत बड़ा समझ रहे हैं

लेकिन असली न्याय तो वो है जो अपराधी को सजा दे और निर्दोष को बचाए

यहाँ तो बस एक आदमी को बचाया गया है और बाकी सब कुछ भूल गए

Paresh Patel
Paresh Patel
अक्तू॰ 7 2025

ये रिहाई देखकर मन में एक अच्छा अहसास हुआ

लोग इतने सालों तक उम्मीद बनाए रखे

और अब वो वापस आ गए

ये तो बहुत अच्छी बात है

मैं उम्मीद करता हूँ कि अब वो असली बदलाव लाएंगे

पार्टी ने मीठा बांटा लेकिन अब वो असली चीज दें - नौकरियां, शिक्षा, बुनियादी ढांचा

मैं उन्हें बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं कर रहा बस एक अच्छा नेता बन जाएं तो भी अच्छा होगा

हम सब उनके लिए दुआ करते हैं

anushka kathuria
anushka kathuria
अक्तू॰ 8 2025

इस घटना के बाद राजनीतिक विश्लेषण करने के लिए आंकड़ों की आवश्यकता है

केसों की संख्या, न्यायिक निर्णयों का समय अवधि, और वोट बैंक के आंकड़े

इनके बिना ये बस एक भावनात्मक प्रतिक्रिया है

मीठा बांटना एक राजनीतिक संकेत है लेकिन यह न्याय का प्रमाण नहीं है

यदि वास्तव में केस झूठे थे तो उनकी निरस्ति का आधिकारिक दस्तावेज होना चाहिए

इस तरह के घटनाक्रम के लिए एक विश्लेषणात्मक रिपोर्ट आवश्यक है

Noushad M.P
Noushad M.P
अक्तू॰ 9 2025

अजब खान की रिहाई तो बहुत अच्छी बात है

लेकिन उनके खिलाफ केस तो बहुत थे

क्या वो वाकई निर्दोष हैं

मुझे तो लगता है कि ये सब बस एक बड़ा धोखा है

लोग भीड़ में बर्फी खा रहे हैं

लेकिन असली बात ये है कि वो आदमी अभी भी जेल में होना चाहिए था

क्या ये न्याय है

मुझे नहीं लगता

Sanjay Singhania
Sanjay Singhania
अक्तू॰ 9 2025

अजब खान की रिहाई एक डायनामिक राजनीतिक रिस्पॉन्स है जिसमें एक लोकप्रिय नेता को फिर से फील्ड में लाने की जरूरत है

क्वालिटी बार केस का बैंल एक जॉइंट एक्शन था जिसमें जज और पार्टी ने सहमति बनाई

ड्रोन निगरानी एक टेक्नोलॉजिकल टूल है जिसका उपयोग भीड़ के व्यवहार को मॉनिटर करने के लिए किया गया

ये सब एक लॉन्ग-टर्म नेटवर्किंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा है

मुस्लिम वोट बैंक को रिचार्ज करने के लिए एक सिम्बोलिक एक्ट है

लेकिन अगर वो वापस आकर वही बयानबाजी करते हैं तो ये फ्लैश इन्फ्लूएंस ही रह जाएगा

हमें इसके असली असर को ट्रैक करना होगा

और अगर वो वास्तव में बदल गए हैं तो ये एक नया एरा शुरू हो रहा है

Raghunath Daphale
Raghunath Daphale
अक्तू॰ 9 2025

अरे भाई ये तो बस एक बड़ा नाटक है 😒

जेल में था तो सब उसके खिलाफ थे

अब बाहर आ गया तो सब उसके पक्ष में हो गए

क्या ये न्याय है या बस लोगों को बर्फी खिलाकर भावनाएं बेच रहे हैं

मैं तो बस ये देखना चाहता हूँ कि अब वो फिर से क्या बयान देगा

और फिर कितने लोग उसे चिपकेंगे

ये तो बस एक बड़ा बाजार है

और हम सब बर्फी खा रहे हैं 😅

Renu Madasseri
Renu Madasseri
अक्तू॰ 11 2025

ये रिहाई बहुत अच्छी बात है

मैं अपने दादा के बारे में सोच रही हूँ जो भी जेल में गए थे उनके लिए ये बहुत मुश्किल था

लेकिन अगर वो वापस आए तो उन्हें एक नया शुरुआत का मौका देना चाहिए

मीठा बांटना तो बहुत अच्छा लगा

लेकिन अब उन्हें वास्तविक समर्थन देना होगा

हम सब उनके लिए दुआ करें

और अगर वो अच्छा काम करेंगे तो हम उन्हें साथ देंगे

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