राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दिया, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की प्रतिक्रिया

घर राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दिया, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की प्रतिक्रिया

राजस्थान के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दिया, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की प्रतिक्रिया

4 जुल॰ 2024

在 : Sharmila PK राजनीति टिप्पणि: 18

राजस्थान की राजनीति में एक बड़ा upheaval उत्पन्न हुआ है। राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। मीणा ने कृषि, ग्रामीण विकास, आपदा प्रबंधन और राहत विभागों का कार्यभार संभाला था। उनका इस्तीफा विशेष तौर पर हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा की हार पर आधारित है, खासकर दौसा सीट पर, जो कि मीणा के प्रभाव क्षेत्र में आती है।

चुनाव परिणाम के बाद की प्रतिक्रिया

मीणा ने इस्तीफा देने के पीछे नैतिक और राजनीतिक प्रतिबद्धता का हवाला दिया। उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि अगर उनकी पार्टी दौसा सीट हारती है तो वे अपने मंत्री पद से इस्तीफा देंगे। दौसा सीट पर भाजपा की हार के बाद, मीणा ने अपनी घोषणा के मुताबिक अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को सौंप दिया।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मीणा का इस्तीफा अभी तक मंजूर नहीं किया है। उन्होंने मीणा के सम्मानपूर्ण इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया और मीणा से अपने पद पर बने रहने का अनुरोध किया। लेकिन मीणा ने अपने संकल्प पर अड़े रहने की बात कही और अपने इस्तीफे को अंतिम रूप देने की मांग की। इससे साफ हो गया कि मीणा जनता और अपने वादे को कितना महत्व देते हैं।

दिल्ली दौरे की योजना

दिल्ली दौरे की योजना

मीणा ने भी यह स्पष्ट किया कि वे अपने इस्तीफे की अनिवार्यता और इसके पीछे के कारणों को समझाने के लिए दिल्ली जाएंगे और पार्टी के हाई कमान से मुलाकात करेंगे। उनका कहना था कि वे किसी भी तरह की असंतोष या नाराजगी के चलते इस्तीफा नहीं दे रहे हैं, बल्कि यह उनका नैतिक कर्तव्य है।

रामचरितमानस से उद्धरण

मीणा ने अपने इस्तीफा देने के समय रामचरितमानस का उद्धरण भी दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपने वादे से पीछे नहीं हटेंगे। यह उदाहरण उन्होंने इस सिद्धांत को दर्शाने के लिए दिया कि उन्होंने जो जनता से वादा किया है, उसे वे हर हाल में पूरा करेंगे।

भाजपा के भीतर उत्तेजना

भाजपा के भीतर उत्तेजना

मीणा का इस्तीफा भाजपा के भीतर उत्साहजनक चर्चाओं का विषय बन गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस पर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ इसे पार्टी के प्रति लॉयल्टी के तौर पर देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक दबाव मान रहे हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है और यह देखना रोचक होगा कि आगामी दिनों में भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालती है।

टिप्पणि
Archana Dhyani
Archana Dhyani
जुल॰ 6 2024

ये सब नैतिकता का नाटक है। जब चुनाव जीते तो सब कुछ अपना कहते थे, अब हार गए तो इस्तीफा देने का नाटक। रामचरितमानस का उद्धरण तो बस एक बहाना है, जैसे कोई बच्चा अपनी गलती को देवता के नाम से ढक दे। इस तरह के नेता हमेशा दिखावे के लिए जीते हैं।

Guru Singh
Guru Singh
जुल॰ 7 2024

किरोड़ी लाल मीणा का ये फैसला असली नेतृत्व का उदाहरण है। दौसा के लोगों के लिए उनका वादा एक संकल्प था, न कि एक चुनावी वादा। ऐसे लोग आज बहुत कम हैं। इस तरह की नैतिकता को सराहा जाना चाहिए, न कि बहाना बनाया जाए।

Sahaj Meet
Sahaj Meet
जुल॰ 9 2024

भाई ये तो बहुत अच्छा हुआ! जब तक वादा नहीं किया तो कोई बात नहीं, लेकिन जब किया तो उसे पूरा करना ही जरूरी है। मीणा जी ने दिखा दिया कि राजनीति में भी इमानदारी हो सकती है। अब देखना है कि भाजपा कैसे रिएक्ट करती है।

Madhav Garg
Madhav Garg
जुल॰ 10 2024

मीणा के इस्तीफे का अर्थ है कि राजस्थान में लोग अब बस नाम और नाटक से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और वादे से नेता का चयन कर रहे हैं। ये एक बड़ा संक्रमण है। भाजपा को अब अपनी रणनीति बदलनी होगी, नहीं तो अगले चुनाव में ये घटना दोहराई जाएगी।

Sumeer Sodhi
Sumeer Sodhi
जुल॰ 11 2024

इस्तीफा देने वाले लोगों को तो हमेशा सराहा जाता है... लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि ये इस्तीफा वास्तव में जनता के लिए है या सिर्फ अपनी छवि बनाने के लिए? अगर वो वास्तव में जिम्मेदार थे तो चुनाव से पहले ही अपने क्षेत्र में जनता के साथ बातचीत करते। अब इस्तीफा देकर नाटक करना बहुत आसान हो गया है।

Vinay Dahiya
Vinay Dahiya
जुल॰ 11 2024

अरे भाई, ये सब बहाना है। चुनाव हारे, तो इस्तीफा दे दिया... लेकिन इसके बाद दिल्ली जाने की बात क्यों? अगर नैतिकता है तो घर पर बैठ जाओ। दिल्ली जाकर क्या करना है? अपने नेताओं को समझाना? वो तो तुम्हारे इस्तीफे से खुश होंगे! ये सब बस एक नाटक है।

Sai Teja Pathivada
Sai Teja Pathivada
जुल॰ 13 2024

ये सब एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है... देखो, भाजपा के अंदर बाहरी दबाव है... अमेरिका और ब्रिटेन के लोग राजस्थान में इस तरह के नेताओं को बढ़ावा दे रहे हैं... ये इस्तीफा एक ट्रिगर है, जिससे अगले चुनाव में राजनीतिक अस्थिरता आएगी। और जब अस्थिरता होगी, तो बाहरी शक्तियां राजस्थान में अपना नियंत्रण बढ़ाएंगी। ये सब तैयारी है।

Antara Anandita
Antara Anandita
जुल॰ 14 2024

किरोड़ी लाल मीणा ने जो किया है, वो असली नेतृत्व है। जब वादा किया तो उसे पूरा करने का फैसला किया। ये नेता जो बस बोलते रहते हैं, वो अब बहुत कम हैं। इस तरह के नेता को हमें समर्थन देना चाहिए।

Gaurav Singh
Gaurav Singh
जुल॰ 16 2024

अच्छा हुआ कि इस्तीफा दे दिया... लेकिन अब देखना है कि भाजपा इसे अपनी बुद्धिमत्ता से समझेगी या फिर इसे एक अपराध के रूप में देखेगी। अगर वो इसे नैतिकता के रूप में समझेंगे तो वो असली नेता हैं... अगर नहीं, तो वो बस एक दल हैं जो बचने के लिए तैयार हैं।

Priyanshu Patel
Priyanshu Patel
जुल॰ 16 2024

बहुत अच्छा फैसला 👏 इस तरह के नेता को हमें अपने बीच में चाहिए। जब वादा करो तो पूरा करो। ये दिखावा नहीं, ये जिम्मेदारी है। भाजपा को इसे रोकना नहीं चाहिए, इसे सलाम करना चाहिए।

ashish bhilawekar
ashish bhilawekar
जुल॰ 17 2024

ये तो बिल्कुल बाबा रामदेव वाली बात है! जब वादा किया तो दिल से किया, अब जब चुनाव हारे तो भी वादा निभाया! ये तो जाति का नाम रखने वाला आदमी है, जिसने अपने खून को अपने वादे से जोड़ दिया! भाई ये इस्तीफा नहीं, ये एक जिंदगी का बयान है!

Vishnu Nair
Vishnu Nair
जुल॰ 17 2024

इस घटना को राजनीतिक संरचना के संदर्भ में देखा जाए तो यह एक सामाजिक-आर्थिक संक्रमण का संकेत है, जिसमें निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए नैतिक-प्रतिबद्धता का नवीनीकरण हुआ है। यह एक निर्णायक बिंदु है, जहां लोकतंत्र की जनता की अपेक्षाएं और नेतृत्व के बीच एक नया सामंजस्य स्थापित हो रहा है। यह एक डिजिटल नागरिकता के उदय का भी संकेत है।

Kamal Singh
Kamal Singh
जुल॰ 18 2024

इस तरह के फैसले से राजनीति में भरोसा बढ़ता है। जब कोई नेता अपने वादे को पूरा करने के लिए पद छोड़ दे, तो ये बताता है कि वो जनता के लिए है, न कि पद के लिए। ये तो असली नेता है। भाजपा को इसे समझना चाहिए।

Jasmeet Johal
Jasmeet Johal
जुल॰ 20 2024

इस्तीफा

Abdul Kareem
Abdul Kareem
जुल॰ 20 2024

इस फैसले के पीछे का कारण वास्तव में क्या है? क्या ये सिर्फ चुनाव हारने का नतीजा है या कुछ और भी है? मुझे लगता है कि इसके पीछे कुछ गहरे राजनीतिक दबाव हो सकते हैं।

Namrata Kaur
Namrata Kaur
जुल॰ 20 2024

वादा किया तो पूरा कर दिया। बस इतना ही।

indra maley
indra maley
जुल॰ 22 2024

क्या एक वादा उसके लिए बस एक चुनावी शब्द है? या एक जीवन का नियम? किरोड़ी लाल मीणा ने इसे जीवन का नियम बना लिया। ये नेतृत्व का एक नया रूप है।

Kiran M S
Kiran M S
जुल॰ 23 2024

क्या आपने कभी सोचा कि ये इस्तीफा वास्तव में एक गहरा राजनीतिक गेम है? ये नेता अपने नाम को बचाने के लिए इस्तीफा दे रहे हैं, लेकिन असली बात ये है कि वो अपने विरोधियों के लिए एक नया निदर्शन बन रहे हैं। ये तो बस एक रणनीति है।

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