ऑनलाइन दोस्ती बढ़ती जा रही है, लेकिन साथ में ऐसे खतरे भी आते हैं जिनका पता नहीं होता। ग्रूमिंग यानी किसी बच्चे या किशोर को भरोसा जीत कर लुभाने, शोषण या दुरुपयोग की ओर ढालना एक गंभीर अपराध है। अगर आपको या आपके आस‑पास के किसी को ऐसा लगता है, तो तुरंत कदम उठाना ज़रूरी है। इस लेख में हम सरल भाषा में बताते हैं कि ग्रूमिंग क्या है, उसके संकेत क्या होते हैं और कैसे बचाव करें।
ग्रूमिंग अक्सर इस रूप में शुरू होता है कि कोई अनजान व्यक्ति मैसेज, सोशल मीडिया या गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म पर दोस्त बन जाता है। फिर धीरे‑धीरे बातों का स्तर बदलता है – निजी सवाल, प्रशंसा, और कभी‑कभी तो जॉब या स्कॉलरशिप का वादा भी। कुछ आम संकेत हैं:
इन संकेतों को नजरअंदाज़ करना आसान है, पर याद रखिए – बर्दाश्त न करना ही पहला बचाव है।
बचाव के लिए सरल, तेज़ उपाय अपनाएँ:
कानूनी तौर पर ग्रूमिंग को साइबरक्राइम माना जाता है और इसके तहत शिकायत करने पर आपराधिक मामला दर्ज हो सकता है। भारत में आईटी एक्ट 2000 के तहत ग्रूमिंग को दंडनीय अपराध माना गया है, जिससे जेल और फाइन दोनों हो सकते हैं।
अगर आपको लगे कि कोई खुद को मित्र बनाकर आपके बच्चे को हेराफेरी करने की कोशिश कर रहा है, तो देर न करें। एक छोटा कदम—जैसे ‘ब्लॉक’ या ‘रिपोर्ट’—भविष्य में बड़े नुकसान को रोक सकता है। याद रखें, ऑनलाइन सुरक्षा केवल तकनीक से नहीं, बल्कि आपकी सजगता से भी बनती है।
इस गाइड को पढ़ने के बाद आप ग्रूमिंग के संकेतों को पहचान सकेंगे और तुरंत सही कदम उठाने के लिए तैयार रहेंगे। सुरक्षित रहिए, सतर्क रहिए और हमेशा भरोसेमंद लोगों से मदद माँगते रहिए।
MrBeast, जिनका असली नाम जिमी डोनाल्डसन है, ने अपने लंबे समय से सहयोगी अवा क्रिस टायसन से गंभीर आरोपों के बीच संबंध तोड़ लिए हैं। टायसन पर एक नाबालिग को गुमराह करने के आरोप लगे हैं, जिसे उन्होंने नकारा है। टायसन, जिन्होंने हाल ही में ट्रांसजेंडर होने की बात कही थी, ने कहा कि वह सोशल मीडिया से हट रही हैं। MrBeast ने इस मामले की थर्ड-पार्टी जांच शुरू की है।