हिन्दू त्यौहार 2025: तिथि, रीति‑रिवाज और उत्सव की तैयारियाँ

हिन्दू कैलेंडर में हर महीने कोई न कोई महत्त्वपूर्ण त्यौहार मिल जाता है। 2025 में भी कई बड़े‑बड़े त्यौहार आएँगे, जिनकी सही तिथि और तैयारियों का पता होना जरूरी है। अगर आप गड़बड़ नहीं चाहते और सच्ची खुशियों के साथ मनाना चाहते हैं, तो नीचे पढ़ें।

मुख्य त्यौहार और उनके महत्व

सबसे पहले बात करते हैं उन त्यौहारों की जो पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं।
दीपावली – यह रोशनी का त्यौहार सामान्यतः अक्टूबर‑नवंबर में पड़ता है। 2025 में दीपावली 1 नवंबर को होगी। घर-घर में दीपक जलाएं, मिठाई बनाएं और रंगीन कपड़े पहनें।
होली – रंगों का त्योहार मार्च में मनाया जाता है। 2025 में होली 17 मार्च को पड़ेगी। पानी‑वाले रंग और गुलाल से खेलें, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखें।
दुर्गा पूजा – यह उत्सव अक्टूबर में शुरू होता है और दस दिनों तक चलता है। 2025 में शुरुआती तिथि 9 अक्टूबर है। माँ दुर्गा के प्रतिमा की सजावट, अर्घ्य और आरती में भाग लें।
रक्षा बंधन – भाई‑बहन के बंधन को मनाता है, यह अगस्त में आता है। 2025 में 4 अगस्त को रहेगा। भाई को राखी बाँधिए और माँ के हाथ से मिठाई खिलाइए।
इनके अलावा ईद‑उल‑फ़ित्र, क्रिसमस, बैनरजुती आदि भी कई क्षेत्रों में खास महत्व रखते हैं, लेकिन यहाँ हम सिर्फ हिन्दू त्यौहारों पर फोकस करेंगे।

उपलक्ष्य के समय कैसे तैयार हों

त्यौहार में शोर‑गुल और भीड़ का मौका मिल सकता है, इसलिए पहले से योजना बनाना बेहतर रहता है।

  • तिथि चेक करें: आधिकारिक अंकलॉजिकल कैलेंडर या भरोसेमंद एप पर सही तिथि देखें। अक्सर लोकल शेड्यूल में एक दो दिन का फर्क हो सकता है।
  • सामग्री तैयार रखें: मिठाई, रंग, दीपक, पूजा सामग्री को पहले ही खरीद लें। आखिरी मिनट में किराने की कीमतें बढ़ सकती हैं।
  • घर की साफ‑सफाई: त्यौहार से पहले घर को साफ़‑सुथरा रखें। यह शुद्ध मन से पूजा करने में मदद करता है।
  • परिवार के साथ कार्यक्रम तय करें: कौन‑कौन क्या लेगा, कौन‑कौन कौन‑से गीत गाएगा, इसे पहले तय कर लें। इससे दिक्कत नहीं होगी।
  • सुरक्षा का ध्यान रखें: अगर पटाखे या जलता हुआ तेल इस्तेमाल कर रहे हैं, तो बच्चों को दूर रखें और सुरक्षा उपकरण तैयार रखें।

कुछ छोटे‑छोटे टिप्स भी मददगार होते हैं। जैसे, दीपावली पर यदि आप पर्यावरण‑मित्र होना चाहते हैं, तो क्ले या मिट्टी के दीये चुनें। होली में अगर आप बच्चों के साथ खेल रहे हैं, तो हल्के पानी‑वाले रंग इस्तेमाल करें। ये चीज़ें त्यौहार को और भी सुखद बनाती हैं।

अंत में, याद रखें कि त्यौहार का असली मकसद खुशी और आपसी भाईचारा है। चाहे आप किसी भी रूप में मनाएँ, दिल से मनाना सबसे ज़रूरी है। तो इस साल के हिन्दू त्यौहारों को बेहतरीन बनाइए, तिथि नोट करिए और तैयारियों को पहले से सहेजिए। आपका उत्सव मंगलमय हो!

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024: देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का महत्व
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 7 जुल॰ 2024

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024: देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का महत्व

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 का धार्मिक महत्व और इसमें पालन किए जाने वाले नियम-रिवाज। यह नौ दिनों का त्यौहार 6 जुलाई 2024 से शुरू होकर 15 जुलाई 2024 को समाप्त होता है। देवी दुर्गा की पूजा और व्रत के द्वारा भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।