नवरात्रि व्रत – क्या, क्यों और कैसे रखें?

नवरात्रि का मौसम जब आता है, तो कई लोग घर में देवी दुर्गा की आरती और व्रत के साथ मनाते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि व्रत सिर्फ भोजन ही नहीं, बल्कि मन और शारीर दोनों को शुद्ध करने का तरीका भी है? इस लेख में हम आपको व्रत के नियम, भोजन, स्वास्थ्य टिप्स और रोचक कहानियां बताएंगे, जिससे आपका नवरात्रि अनुभव आसान और सुखद हो सके।

व्रत के मुख्य नियम

सबसे पहले, व्रत रखने के बुनियादी नियम समझें।

  • प्रत्येक दिन सुबह स्नान कर साफ़ कपड़े पहनें।
  • उपवास के दो मुख्य रूप होते हैं – फल‑हर्बी व्रत और कोई‑नहीं खाने वाला व्रत। अधिकांश लोग फल‑हर्बी व्रत अपनाते हैं जिसमें दाल, अनाज और स्नैक्स नहीं खाते।
  • सुबह उबला हुआ पानी, नींबू‑शहद या ककड़ी‑पानी पीएँ। यह पाचन को आसान बनाता है और शरीर को हाइड्रेटेड रखता है।
  • हर दिन दुर्गा माता की आरती, भजन और दहन (हवन) का समय रखें।
  • भोजन में हल्का और पचने में आसान रख‑रखाव रखें – जैसे फल, आमलेट, दही और ग्रीन जूस।

इन नियमों को रोज़ाना दोहराने से न सिर्फ़ व्रत की भावना मजबूत होती है, बल्कि शरीर भी थका नहीं रहता।

व्रत में खानपान और स्वास्थ्य

बिना गलती के व्रत का पालन करने के लिए सही पोषण बहुत जरूरी है। आप फल‑हर्बी व्रत में आलू‑भुजिया या पकोड़े जैसे भारी चीजों से बचें, क्योंकि ये पाचन में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। इसके बजाय मीठा नासपाती, पपीता, तरबूज और ककड़ी जैसे पानी वाले फल चुनें। दही में प्रोबायोटिक होते हैं जो पेट को साफ़ रखते हैं।

यदि आप पूरी तरह से नहीं खा रहे हैं तो दो चम्मच शहद और एक चुटकी काली हींग वाला पानी पीना लाभदायक रहता है। यह शरीर को डिटॉक्सिफ़ाइज़ करता है और उर्जा देता है। शाम को हल्का चावल या ज्वार की खिचड़ी, जिसमें थोड़ा घी और घास का साग हो, खा सकते हैं। यह स्टीम्ड और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।

व्यायाम को भी व्रत के साथ जोड़ें। हल्की स्ट्रेचिंग, योगा के असन या घर के चार दीवारों के बीच चलना पर्याप्त है। इससे रक्त संचरण बेहतर होता है और थकान नहीं लगती।

नवमी के दिन विशेष महत्व रखता है। इसे ‘नवमी फसल’ कहा जाता है, जहाँ आप विशेष उपवास की मिठाई जैसे चन्दू और कुटीर (क्विनोआ‑अडो) का लुफ़्त उठा सकते हैं। यह न केवल परम्परा को सम्मानित करता है, बल्कि ऊर्जा का स्रोत भी बनता है।

कुछ लोग व्रत के दौरान कथा सुनना या पढ़ना पसंद करते हैं। यह मन को शान्त रखता है और व्रत की भावना को मज़बूत करता है। ऑनलाइन या पुस्तकालय में ‘नवरात्रि कथा’ आसानी से मिल जाती है, पढ़ते‑पढ़ते आप अपने आप को प्रेरित महसूस करेंगे।

अंत में यह याद रखें कि व्रत का असली मकसद शरीर और मन को शुद्ध करना है, न कि कठिनाई या दर्द। अगर कभी भी आप थकावट या असुविधा महसूस करें, तो हल्का स्नैक ले सकते हैं या पानी में नींबू डालकर पी सकते हैं। अपने शरीर की सुनें और आवश्यकतानुसार बदलाव करें।

तो इस नवरात्रि में, इन आसान टिप्स को अपनाएँ और माँ दुर्गा की कृपा से स्वस्थ, शान्त और खुशहाल रहें। शुभ नवरात्रि!

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024: देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का महत्व
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 7 जुल॰ 2024

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024: देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए व्रत का महत्व

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024 का धार्मिक महत्व और इसमें पालन किए जाने वाले नियम-रिवाज। यह नौ दिनों का त्यौहार 6 जुलाई 2024 से शुरू होकर 15 जुलाई 2024 को समाप्त होता है। देवी दुर्गा की पूजा और व्रत के द्वारा भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।