नवीकरणीय ऊर्जा वो शक्ति है जो प्रकृति से लगातार मिलती रहती है – सूरज की रोशनी, हवा, पानी और जमीन की गर्मी. ये स्रोत खत्म नहीं होते, इसलिए इनके इस्तेमाल से हम पेट्रोल, कोयला जैसे सीमित संसाधनों की बचत कर सकते हैं. साथ ही, इनसे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बहुत कम होता है, जिससे जलवायु परिवर्तन की रफ्तार धीमी पड़ती है.
अगर आप सोच रहे हैं कि इस ऊर्जा को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे लाया जाए, तो जानिए कि भारत में सरकारी योजनाएँ, सस्ती तकनीकें और आसान फाइनेंसिंग विकल्प उपलब्ध हैं. यही कारण है कि कई शहरों में घर‑घर सोलर पैनल लग रहे हैं और लोग बायोगैस प्लांट से अपना किचन गैस बना रहे हैं.
1️⃣ सौर ऊर्जा – सूरज की रोशनी को फोटोवोल्टिक पैनल या थर्मल कलेक्टर में बदलकर बिजली या गर्म पानी बनाया जाता है. भारत में धूप का कई सालों से रिकॉर्ड है, इसलिए सोलर इनस्टॉलेशन में ROI (रिटर्न ऑन इनवेस्टमेंट) जल्दी मिलता है.
2️⃣ पवन ऊर्जा – हवा की गति से टरबाइन घुमती है और जनरेटर में बिजली बनती है. किनारों या पहाड़ी इलाकों में छोटे स्तर के पवन टरबाइन भी घर के लिए पर्याप्त हो सकते हैं.
3️⃣ जल शक्ति (हाइड्रो) – बड़े बांधों से बड़ी मात्रा में बिजली बनती है, लेकिन छोटे स्तर पर माइक्रोहाइड्रो प्रोजेक्ट नदी या जलधारा के पास स्थापित किए जा सकते हैं.
4️⃣ बायोमास/बायोगैस – कृषि अवशेष, घरौंदे या गोबर से गैस बनाकर रसोई और लाइटिंग में उपयोग किया जा सकता है. यह कचरे को कम करता है और फ़सल की लागत घटाता है.
5️⃣ भू‑तापीय ऊर्जा – जमीन की प्राकृतिक गर्मी से हीटिंग या स्टीम टर्बाइन चलती है. भारत में कुछ रियोजन क्षेत्रों में इसका प्रयोग बढ़ रहा है.
• रूफटॉप सोलर पैनल – सरकारी सब्सिडी के साथ 2-3 kW पावर वाले पैनल से हर महीने 150‑200 kWh बचत हो सकती है. इंस्टॉलेशन के बाद आप सीधे ग्रिड में अतिरिक्त बिजली बेच भी सकते हैं.
• सोलर वाटर हीटर – नहाने के पानी को गरम करने में इलेक्ट्रिक हीटर की जगह सोलर कलेक्टर लगाएँ. शुरुआती लागत थोड़ी हाई होती है, पर साल भर में बिजली बिल में 60‑70 % कटौती होती है.
• छोटा पवन टरबाइन – यदि आपके घर के पास लगातार हवा चलती है, तो 1‑2 kW टरबाइन लगाकर लाइट और छोटे उपकरण चलाए जा सकते हैं.
• बायोगैस प्लांट – किचन के कचरे और गोबर को गैस में बदलकर रसोई में उपयोग करें. इससे साँचो में बचत और तरफ़ कचरा घटता है.
• ऊर्जा‑बचत उपकरण – LED बल्ब, एसी में इको मोड, इन्सुलेटेड फ्रिज आदि उपयोग करके बिजली का उपभोग स्वाभाविक रूप से घटता है, जिससे नवीकरणीय सेट‑अप की जरूरत कम होती है.
इन छोटे‑छोटे कदमों से आप न सिर्फ़ अपनी ऊर्जा बिल में बचत करेंगे, बल्कि पर्यावरण को भी एक बड़ी मदद देंगे. अगर आप और गहराई से जानना चाहते हैं, तो हमारे "नवीकरणीय ऊर्जा" टैग वाले लेखों को पढ़ें – वहाँ पर नई तकनीक, सरकारी योजना और निवेश के टिप्स मिलेंगे.
3 जून, 2024 को NHPC के शेयर की कीमतों में सुबह के सत्र में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखा गया। शेयर ने ₹35.20 पर खुलकर पिछली बंद कीमत ₹34.95 से थोड़ा ऊँचा प्रदर्शन किया, लेकिन जल्दी ही ₹34.50 पर गिर गया, जो 1.3% की गिरावट है। कंपनी का बाजार पूंजीकरण ₹37,253.41 करोड़ पर कायम है।