पुलिस रिमांड: कब, क्यों और कैसे?

पुलिस रिमांड तब होता है जब किसी आरोपी को अपराध की जांच के लिए पुलिस कोर्ट के सामने ले जाती है। यह कॉर्ट में जज की अनुमति से ही हो सकता है और आमतौर पर 15 दिनों तक की सीमा रखी जाती है। अगर जज को लगता है कि जांच में और समय चाहिए, तो वह रिमांड की अवधि बढ़ा सकता है, पर हर बार नई सुनवाई जरूरी होती है।

रिमांड का मकसद यह है कि पुलिस को पूरी तरह से सबूत इकट्ठा करने का मौका मिले, जबकि आरोपी को न्यायालय के सामने रख कर उसके अधिकारों की भी रक्षा की जाए। इस प्रक्रिया में पुलिस को अदालत के आदेश का पालन करना अनिवार्य है, नहीं तो रिमांड अनैध माना जाएगा।

पुलिस रिमांड की प्रक्रिया

सबसे पहले पुलिस को आरोपी को हिरासत में लेना पड़ता है। फिर वह जज के सामने रिमांड की आवेदन पेश करती है, जिसमें अपराध का विवरण, आवश्यक सबूत और रिमांड की अवधि बताई जाती है। जज अगर आवेदन स्वीकार करता है, तो वह एक आदेश जारी करता है जिसमें रिमांड की शर्तें लिखी होती हैं।

रिमांड के दौरान आरोपी को नियमित रूप से कोर्ट में पेश होना पड़ता है, ताकि जज को पता रहे कि वह अभी भी हिरासत में है और उसकी कानूनी स्थिति पर नजर रखी जा सके। यदि पुलिस को इस समय के भीतर सबूत नहीं मिलते, तो जज रिमांड को रद्द कर सकता है और आरोपी को फिर से जमानत या रिहा कर सकता है।

रिमांड के दौरान आपके अधिकार

रिमांड में रहने वाले व्यक्ति को कई मौलिक अधिकार मिलते हैं। सबसे पहला अधिकार है वकील की मदद लेना। आपको अपने वकील को तुरंत सूचित करने का अधिकार है और वह कोर्ट में आपका प्रतिनिधित्व कर सकता है। दूसरा अधिकार है परिवार को सूचना देना, ताकि वे स्थिति से अवगत रहें।

तीसरा, आप यह पूछ सकते हैं कि आपने किस अपराध के लिए रिमांड किया है और कौन से सबूत स्थापित किए जा रहे हैं। पुलिस को प्रत्येक पूछताछ का लिखित रिकॉर्ड देना होता है। अगर आपको लगता है कि रिमांड का दुरुपयोग हो रहा है, तो आप तुरंत उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकते हैं।

हाल के हाई प्रोफ़ाइल केसों में भी पुलिस रिमांड का इस्तेमाल हुआ है, जैसे कि कुछ राजनीतिक मामलों में या बड़े आर्थिक धोखाधड़ी के मामले में। इन मामलों में कोर्ट ने रिमांड की अवधि बढ़ाने या घटाने का फैसला किया, जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि रिमांड एक लचीली प्रक्रिया है, लेकिन इसके लिए सख्त कानूनी नियमों का पालन आवश्यक है।

अगर आप या आपका कोई जानने वाला पुलिस रिमांड में है, तो सबसे पहले वकील की मदद लें, सभी दस्तावेज़ सुरक्षित रखें और अदालत के आदेशों को ठीक से समझें। याद रखें, रिमांड का असली मकसद न्याय पालना है, न कि सजा देना। सही जानकारी और सही कदम आपके अधिकारों की रक्षा करेंगे।

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बॉबी कटारिया मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार, पुलिस रिमांड पर भेजे गए
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 29 मई 2024

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बॉबी कटारिया मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार, पुलिस रिमांड पर भेजे गए

सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर बॉबी कटारिया को मानव तस्करी और धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस ने उनके पास से 20 लाख रुपये नकद, दस्तावेज़ और चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं। कटारिया पर कई बेरोजगार युवाओं को विदेश में नौकरी का वादा करके धोखा देने का आरोप है।