राष्ट्रपति चुनाव 2024: क्या है नया, कौन है दावेदार और कैसे होगा वोटिंग?

भारत में राष्ट्रपति चुनाव हर पाँच साल में होता है और यह देश के सबसे बड़े वैध चुनावों में से एक माना जाता है। 2024 की राष्ट्रपति चुनाव में कई बड़ी खबरें सामने आई हैं, जिनमें नए दावेदार, चुनावी तारीखें और वोटिंग की विधि शामिल हैं। अगर आप इस चुनाव को समझना चाहते हैं तो पढ़ते रहिए, हम हर जरूरी बात को सीधे आपके सामने रखेंगे।

मुख्य उम्मीदवार और उनके प्रोफ़ाइल

अब तक दो मुख्य दावेदार आधिकारिक तौर पर नामांकित हो चुके हैं। पहली हैं दलाई लामा, जिन्हें कई राज्यों के कांग्रेस नेता समर्थन दे रहे हैं। वह पूर्व राज्यसभा सदस्य हैं और सामाजिक कार्य में उनका एक लंबा इतिहास है। दूसरी तरफ़ BJP की ओर से गठित हुई हैं अभय राजपूत, जो पूर्व रेल मंत्री रहे हैं और उद्योग‑संबंधी नीतियों में उनका गहरा अनुभव है। दोनों ही उम्मीदवारों ने अपने-अपने राजनैतिक मंच पर बड़े बहसों में हिस्सा लिया है, जिससे यह चुनाव और भी चर्चा का केंद्र बन गया है।

इनके अलावा कुछ छोटे दलों के साइडलाइन उम्मीदवार भी हैं, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहेगा क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में मतदाता इलेक्ट्रॉरिकल कॉलेज के सदस्य होते हैं, न कि आम जनता।

वोटिंग कैसे होती है? समझिए इलेक्ट्रॉरिकल कॉलेज की प्रक्रिया

राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता नहीं, बल्कि इलेक्ट्रॉरिकल कॉलेज के माध्यम से होता है। इस कॉलेज में सभी संसद के सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा) और प्रत्येक राज्य के विधायी सभा के सदस्य शामिल होते हैं। कुल मिलाकर लगभग 1,100 खोखले होते हैं। प्रत्येक वोटर का वोट ‘वेटेज़’ के साथ गिना जाता है – संसद के सदस्यों का 1 वोट = 1,000 अंक, जबकि राज्य सभा के सदस्यों का 1 वोट = प्रत्येक राज्य की जनसंख्या के अनुपात में अंक।

वॉटरफ़ॉल विधि अपनाई जाती है, यानी यदि पहले चरण में किसी उम्मीदवार को 50% से अधिक अंक नहीं मिले, तो सबसे कम अंक वाला उम्मीदवार बाहर हो जाता है और उसके मतों को दूसरे पसंदीदा उम्मीदवारों को पुनः बांटा जाता है। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक कोई उम्मीदवार संख्या में सर्वाधिक नहीं बन जाता।

इलेक्ट्रॉरिकल कॉलेज की मतदान प्रक्रिया 15 अगस्त 2024 को निर्धारित है और ये पूरे देश में एक ही दिन, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से किया जाएगा। चुनाव के बाद परिणाम घोषित होने में लगभग दो घंटे लगेंगे।

अब सवाल उठता है—क्या हम आम जनता के रूप में इस चुनाव पर असर डाल सकते हैं? सीधे नहीं, लेकिन हम अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों को pressure डाल सकते हैं। यानी यदि आपको किसी उम्मीदवार की नीति पसंद नहीं है तो आप अपने सांसद या विधायक को लिखित या मौखिक रूप से अपना मत व्यक्त कर सकते हैं। इससे वे अपने वोटिंग फैसले में जनता की राय को ध्यान में रखेंगे।

कुल मिलाकर, राष्ट्रपति चुनाव देश की राजनीति में एक संतुलन स्थापित करता है। यह पद मुख्य रूप से संवैधानिक होता है, लेकिन राष्ट्रपति की बातों का असर राष्ट्रीय नीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भी पड़ता है। इसलिए इस चुनाव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

अगर आप रोज़मर्रा की खबरों से अपडेट रहना चाहते हैं, तो हमारी साइट पर ‘राष्ट्रपति चुनाव’ टैग के तहत सभी नवीनतम लेख, विश्लेषण और लाइव अपडेट मिलेंगे। यहाँ आप उम्मीदवारों की विस्तृत प्रोफ़ाइल, चुनावी फ़ॉर्मेट और परिणाम पर त्वरित जानकारी पा सकते हैं। तो जुड़िए, पढ़ते रहिए, और भारत के भविष्य को समझिए।

कमला हैरिस पहली बार इवेंट में दिखेंगी, जो बाइडेन के नामांकन से हटने के बाद
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 22 जुल॰ 2024

कमला हैरिस पहली बार इवेंट में दिखेंगी, जो बाइडेन के नामांकन से हटने के बाद

अमेरिकी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस, राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने के बाद अपने पहले इवेंट में दिखने वाली हैं। हैरिस ने कहा कि वह 'पार्टी का नामांकन हासिल करने और जीतने' के लिए काम करेंगी ताकि डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ सकें। यह बाइडेन के नामांकन से हटने के बाद चुनावी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण विकास है।