साइबर सुरक्षा: आपके डिजिटल जीवन की रक्षा कैसे करें?

अभी-अभी बहुत सारे लोग अपनी फ़ोन या लैपटॉप से ऑनलाइन खरीदारी या बैंकिंग करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके डेटा में कितनी खतरें लुके हुए हैं? साइबर सुरक्षा सिर्फ बड़े कंपनियों के लिए नहीं, हर इंटरनेट यूज़र के लिए जरूरी है। अगर आप रोज‑रोज़ इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं, तो थोड़ी सी समझदारी से आप खुद को कई हैकिंग हमलों से बचा सकते हैं।

आधुनिक साइबर ख़तरों के मुख्य प्रकार

सबसे पहले, यह जानना ज़रूरी है कि आपको किन‑किन ख़तरों का सामना करना पड़ सकता है। फ़िशिंग ई‑मेल या मैसेज वो होते हैं जिनमें झूठी लिंक होते हैं; क्लिक करते ही आपका पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड का डेटा चोरी हो सकता है। मालवेयर आपके डिवाइस में चुपके से घुस कर फ़ाइलें या की‑स्टोर्क चुरा लेता है। रैनसमवेयर डेटा को एन्क्रिप्ट कर रख देता है और फिर पैसे की माँग करता है। इसके अलावा सार्वजनिक Wi‑Fi पर डेटा सुनने वाले (इंटरसेप्टर्स) भी बहुत आम हैं। इन ख़तरों को पहचान कर आप उनका सामना आसान बना सकते हैं।

साइबर सुरक्षा के लिए आसान दैनिक उपाय

अब बात करते हैं वो आसान कदमों की, जिन्हें आप रोज़ाना लागू कर सकते हैं। सबसे पहले, हर साइट पर अलग‑अलग और मजबूत पासवर्ड रखें। पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करने से आप बहुत जटिल पासवर्ड भी याद रख पाएँगे। दो‑फ़ैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को एक्टिव कर दें; एक बार पासवर्ड तो सही, फिर आपका फोन या ई‑मेल में आए कोड से आगे की सुरक्षा मिलती है।

सॉफ़्टवेयर अपडेट को कभी ऩज़रअंदाज़ करें। चाहे ऑपरेटिंग सिस्टम हो या ऐप्स, अपडेट अक्सर सुरक्षा पैच लाते हैं। फ़िशिंग ई‑मेल को पहचानने के लिए लिंक पर होवर कर देखें—अगर URL में टाइपो या अजीब डोमेन है, तो क्लिक ना करें।

इंटरनेट पर ब्राउज़िंग करते समय HTTPS वाले साइट ही चुनें; पता बार में "https://" देखना चाहिए। अनजान ऐप्स को इंस्टॉल न करें और मोबाइल पर ऐप परमिशन चेक करें—जैसे मैसेज पढ़ना, कॉल लगाना आदि अनावश्यक नहीं होने चाहिए। सार्वजनिक Wi‑Fi पर बैंकिंग या शॉपिंग से बचें, या VPN का इस्तेमाल करें ताकि आपका ट्रैफ़िक एन्क्रिप्ट रहे।

डेटा बैक‑अप भी बहुत जरूरी है। हर हफ़्ते अपने फ़ोटो, डॉक्युमेंट और महत्वपूर्ण फ़ाइलें क्लाउड या एक्सटर्नल ड्राइव पर सुरक्षित रखें। अगर रैनसमवेयर ने फ़ाइलें एन्क्रिप्ट कर दीं, तो बैक‑अप से आगे की परेशानी नहीं होगी।

बच्चों और बुजुर्गों को ऑनलाइन सुरक्षित रहने की ट्रेनिंग दें। उन्हें शॉर्ट मैसेज या ई‑मेल में अजनबियों से लिंक नहीं खोलने को कहें। अक्सर सामाजिक मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों में भी व्यक्तिगत जानकारी लीक हो सकती है, इसलिए प्राइवेसी सेटिंग सही रखें।

अंत में, कुछ भरोसेमंद सुरक्षा टूल्स इंस्टॉल कर लें—एंटी‑वायरस, एंटी‑फ़िशिंग एक्सटेंशन और पासवर्ड मैनेजर। ये टूल्स स्वचालित रूप से खतरे की पहचान कर अलर्ट कर देते हैं। याद रखें, साइबर सुरक्षा एक बार का काम नहीं, बल्कि रोज़ की आदत बनानी पड़ती है। थोड़ा सचेत रहकर आप अपने डिजिटल जीवन को सुरक्षित रख सकते हैं और बड़े दायरे पर साइबर अपराध को कम करने में मदद कर सकते हैं।

CrowdStrike और Microsoft Outage: जानिए क्या है संबंध और कैसे हो रहा है असर
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 19 जुल॰ 2024

CrowdStrike और Microsoft Outage: जानिए क्या है संबंध और कैसे हो रहा है असर

CrowdStrike एक अमेरिकी साइबर सुरक्षा कंपनी है जो बड़े संगठनों, सरकारी एजेंसियों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे एयरपोर्ट और बैंक को सुरक्षा प्रदान करती है। हाल ही में एक सॉफ़्टवेयर अपडेट के कारण Windows उपयोगकर्ताओं को Blue Screen of Death (BSOD) का सामना करना पड़ा, जिसका कारण CrowdStrike के EDR उत्पाद में आई गड़बड़ी है।