संन्यास शब्द सुनते ही दहलीज पर बैठा सूखा साधु, बस्तियों में घूमते भिक्षु या फिर गहरी ध्यान में लीन योगी याद आते हैं। असल में संन्यास का मतलब है विश्व से अलग होकर आध्यात्मिक लक्ष्य की ओर चलना। इसका मूल विचार यह है कि सांसारिक इच्छाओं को त्याग कर आत्मा को शुद्ध किया जाए।
हिंदू शास्त्रों में संन्यास को चार आश्रमों में से एक माना गया है – बशिष्ठ, गृह, वैध्य, और संन्यास। माना जाता है कि राजा श्रद्धेय बशिष्ठ ने अपने पुत्र को संन्यास का उपदेश दिया था, तभी से यह परम्परा चलती आई है। महात्मा बुद्ध, महावीर और शंकराचार्य जैसे महान गुरुओं ने भी संन्यास को आत्मसिद्धि का मार्ग बताया।
पुराने समय में संन्यासी अक्सर आश्रम, घोंसले या जंगल में रहकर बृहत् ज्ञान संग्रहीत करते थे। उनके जीवन में कोई धन‑सम्पति नहीं, न ही परिवार‑संबंध। केवल एक ही लक्ष्य – मोक्ष प्राप्ति।
आज की तेज़-रफ़्तार ज़िंदगी में लोग अक्सर तनाव, थकान और खालीपन महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में संन्यास के मूल सिद्धांत, जैसे सादगी, अनुशासन और आत्म‑निरीक्षण, आराम का स्रोत बन सकते हैं। कई लोग अभी भी पूर्ण संन्यास नहीं लेते, परंतु दैनिक जीवन में छोटे‑छोटे संन्यासी‑अभ्यास – ध्यान, व्यायाम, नियत समय पर खाना‑पीना – अपना लेते हैं।
यहाँ तक कि कंपनियों में ‘विपश्या‑रिट्रीट’ या ‘ध्यान‑कार्यशाला’ चलती हैं, जहाँ कर्मचारियों को थोड़ी‑सी सादगी के साथ काम करने की सलाह दी जाती है। इस तरह संन्यास का सिद्धांत कामकाजी जीवन में भी फिट हो रहा है।
संन्यास का एक और महत्वपूर्ण पहलू है ‘परिचर्य‑परिचय’ – यानी वह सिद्धांत कि मानव को सभी जीवों से प्रेम और सम्मान करना चाहिए। यह विचार आज के पर्यावरणीय जागरूकता और सामाजिक संवेदनशीलता में भी परिलक्षित होता है।
अगर आप संन्यास की ओर गंभीरता से सोच रहे हैं, तो सबसे पहले छोटी‑छोटी बदलाओं से शुरू करें: रोज़ 10‑15 मिनट शांत बैठें, सोशल मीडिया का समय घटाएँ, और अपने खाने में शुद्धता लाएँ। धीरे‑धीरे ये छोटे‑छोटे कदम बड़ा बदलाव बनेंगे।
संन्यास कोई दैवीय आदेश नहीं, बल्कि एक जज़्बा है। जब आप इसे समझेंगे, तो जीवन की उलझनों से बाहर निकल कर शांति का आनंद ले पाएँगे। यही है संन्यास की असली शक्ति।
विराट कोहली ने इंग्लैंड सीरीज शुरू होने से पहले टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने के फैसले की सूचना बीसीसीआई को दी है। उनकी हालिया फॉर्म में गिरावट और कप्तान रोहित शर्मा के भी रिटायर होने से भारतीय टेस्ट टीम के लिए चुनौती बढ़ गई है। बीसीसीआई और पूर्व खिलाड़ी उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं।