सिख समुदाय भारत की विविधता में एक खास जगह रखता है। गुरू नानक जी से शुरू होकर आज 30 मिलियन से ज्यादा लोग सिख धर्म के अनुयायी हैं। उनका जीवन‑शैली, पहनावा और सामाजिक सोच अक्सर खबरों में दिखती है। इस पेज पर हम सिखों के इतिहास, दैनिक जीवन और हाल की प्रमुख ख़बरों को सादे रूप में बताएँगे।
सिख धर्म का मुख्य सिद्धांत इकई (एकरूपता) है – मतलब एक ही ईश्वर। गुरुओं की शिक्षाएँ पाँच किलों (पाँच कर्तव्य) में संक्षिप्त हैं: नाम जपना, ईमानदारी, मेहनत, समानता और सामुदायिक सेवा। पांच किलों को याद रखना आसान है और ये सिखों के रोज़मर्रा के काम में दिखता है।
सिखों की पहचान में कढ़ा (पृथ्वी का पट्टा), काशी (सिर पर रखी टोपी), कड़ा (लोहे की ब्रेसलेट) और कंचा (छोटी चाकू) शामिल हैं। ये चार वस्तुएँ ‘पाँच किले’ का प्रतीक हैं और हर सिख को इन्हें पहनना अनिवार्य माना जाता है।
हाल के समय में सिख समुदाय कई क्षेत्रों में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। राजनीति में, कई सिख नेता राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी बात रख रहे हैं। खेल में, हरिमंत सिंह और बिप्लव बिश्नोई जैसे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
समाजिक स्तर पर, कई सिख आम लोगों की मदद के लिए लंगर (सामुदायिक रसोई) चलाते हैं। ये लंगर विशेषकर ध्रुपद, बाढ़ या एनीमिया जैसी आपदाओं के समय बड़ी राहत बनते हैं। साथ ही, सिख युवाओं के लिए स्टार्ट‑अप इनक्यूबेटर भी खुल रहे हैं, जिससे नौकरी के अवसर बढ़ रहे हैं।
धर्मस्थल के मामले में, हर साल गुरु ग्रंथ साहिब के प्रकाशन को लेकर बड़े चर्चे होते हैं। नई प्रिंटिंग तकनीक से पुस्तक की सटीकता बनी रहती है और डिजिटल संस्करण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे विदेश में रहने वाले सिख भी जुड़ पाएँ।
जब बात अंतरराष्ट्रीय स्तर की आती है, तो सिख समुह की सुरक्षा में कई देशों ने कदम बढ़ाए हैं। अमेरिका, यूके और कनाडा में सिखों के खिलाफ हुए हमले को लेकर सरकारें सख़्त नियम बना रही हैं। यह कदम सिखों को सुरक्षित महसूस कराता है और समुदाय को एकजुट रखता है।
अगर आप सिख समाज की ताज़ा ख़बरें चाहते हैं, तो बस हमारे पेज को रोज़ देखिए। यहाँ हर नए लेख में आपको सिख इतिहास, संस्कृति और समसामयिक मुद्दों पर सटीक जानकारी मिलती रहेगी।
पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर कमरान अकमल ने भारतीय गेंदबाज अर्शदीप सिंह पर एक टिप्पणी करते हुए विवाद को जन्म दिया। इस पर भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अकमल को सिख समुदाय के ऐतिहासिक योगदानों की याद दिलाई और कृतज्ञता दिखाने को कहा। अकमल ने बाद में माफी मांग ली।