कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज, जो कि एक प्रमुख विश्लेषण संस्थान है, ने हाल ही में टाटा स्टील की रेटिंग को 'रिड्यूस' से घटाकर 'बेचने' की नीति अपनाई है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कंपनी के स्टॉक प्राइस में 9.5% की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। यह निर्णय टाटा स्टील की लागत और फाइनेंशियल स्प्रेड्स में आए दबाव को देखते हुए लिया गया है। भारतीय और यूरोपीय इस्पात बाजार में आयात की वृद्धिशीलता और विदेशी बाजार में कमजोरी की स्थिति इस दर में गिरावट के प्रमुख कारण हैं।
आयात की बढ़ती प्रतियोगिता ने भारतीय और यूरोपीय इस्पात स्प्रेड्स पर दबाव डाला है। हाल के दिनों में चीन द्वारा किए गए प्रोत्साहन कदमों के बावजूद, आयातित इस्पात सामग्री की मात्रा और गुणवत्ता भारतीय इस्पात कंपनियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। इसके अतिरिक्त, घरेलू इस्पात पर आधारित उद्योगों की उत्पादन लागत में वृद्धि होने लगी है, जिससे टाटा स्टील जैसे बड़े प्रदाताओं को बाजार में टिके रहने में कठिनाई हो रही है।
टाटा स्टील का घरेलू विकास इस्पात क्षेत्र में अन्य साथियों से पिछड़ता देखा जा रहा है। पांच साल की अवधि में टाटा स्टील ने 4.1% की सीएजीआर दिखाई है, जो अन्य कंपनियों जैसे JSW और JSPL के मुकाबले लगभग आधा है। इसके अलावा, टाटा स्टील की भारत में वॉल्यूम की वृद्धि FY2024-27 के दौरान 6.9% की सीएजीआर दिखाने की अपेक्षा है, जबकि इसके प्रतिद्वंदी इस अवधि में 13% की सीएजीआर दिखा सकते हैं।
संभावित चुनौतियों में से एक प्रमुख चिंता टाटा स्टील के खनन पट्टों की समाप्ति से जुड़ी है, जो FY2030 के बाद समाप्त हो सकती हैं। इस स्थिति में, टाटा स्टील को अपने लौह अयस्क की आपूर्ति का लगभग 75% हिस्सा बाजार से खरीदना पड़ सकता है, जिससे उसकी उत्पादन लागत में वृद्धि होगी। खनन पट्टा समाप्ति के बाद टाटा स्टील की लाभ मार्जिन पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
इस पूरे परिदृश्य के अंतर्गत, कोटक ने कई वित्तीय संकेतकों की अनुमानित भावी स्थिति के चलते कंपनी के ईबीआईटीडीए अनुमानों को आगामी वित्तीय वर्षों के लिए 19%/13%/12% तक घटा दिया है। टाटा स्टील के स्टॉक्स ने हाल ही की रैली के बाद FY2026E में 7.4X ईवी/ईबीआईटीडीए पर ट्रेड किया है।
इन सभी कारणों से, कोटक के विचार में निवेश के लिए मौजूदा स्थिति लाभप्रद नहीं दिखती। निवेशकों को इन्पुट लागत के बढ़ते दबाव और संभावित खरीद जोखिमों को ध्यान में रखते हुए टाटा स्टील के निवेश पर सतर्क निर्णय लेना होगा। हालांकि, यह स्थिति उन्हें निवेश के नए अवसरों में प्रवेश देने का संकेत देती है, जो अधिक संतुलित जोखिमों के साथ आ सकते हैं।
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