अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: योग के जनक महर्षि पतंजलि का उत्सव

घर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: योग के जनक महर्षि पतंजलि का उत्सव

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: योग के जनक महर्षि पतंजलि का उत्सव

19 जून 2024

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024: महिलाएं और योग

हर साल 21 जून को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष, 2024 में इस अवसर का विशेष महत्व है क्योंकि इसका विषय 'महिला सशक्तिकरण के लिए योग' है। ये थीम न केवल योग के महत्व को बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण में इसकी भूमिका को भी उजागर करती है। योग, जिसे महर्षि पतंजलि द्वारा स्थापित किया गया था, आज भौतिक, मानसिक और आत्मिक विकास के लिए विश्वभर में प्रचलित है।

योग का सही मायने में उद्देश्य शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखना है। यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। योग की नियमित प्रैक्टिस से तनाव और चिंता को कम करने में मदद मिलती है, नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है और मांसपेशियों की शक्ति और लचीलापन बढ़ता है। इसके अलावा, योग सकारात्मक सोच को भी बढ़ावा देता है, जो कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

महिला सशक्तिकरण में योग की भूमिका

महिला सशक्तिकरण में योग की भूमिका

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में योग का महत्व अब व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है। गतिशील जीवनशैली और बढ़ते तनाव के बीच, महिलाएं अक्सर मानसिक और शारीरिक परेशानियों का सामना करती हैं। योग उन्हें इससे निपटने के उपकरण और तकनीक प्रदान करता है। नियमित योगाभ्यास से महिलाएं अपने भीतर की सशक्तता को पहचान सकती हैं और अपना आत्मविश्वास बढ़ा सकती हैं।

ऐतिहासिक रूप से, महिलाएं समाज में कई भूमिकाएं निभाती आई हैं। पारिवारिक देखभाल से लेकर पेशेवर जीवन तक, उनके कंधों पर अनेक जिम्मेदारियां रही हैं। योग उन्हें इन जिम्मेदारियों को संभालने के लिए सशक्त बनाता है। योगासन और ध्यान की नियमित प्रैक्टिस से उनमें ऊर्जा का संचार होता है, तनाव कम होता है और मन की शांति बनी रहती है।

महर्षि पतंजलि: योग के जनक

महर्षि पतंजलि: योग के जनक

महर्षि पतंजलि को योग का जनक माना जाता है। उन्होंने ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी में योग सूत्र की रचना की थी, जिसमें योग के सिद्धांत और अभ्यास की गहन विवेचना की गई है। पतंजलि के योग सूत्र को योग का प्राचीनतम और सबसे प्रामाणिक ग्रंथ माना जाता है। इसमें अष्टांग योग के आठ अंगों का वर्णन है, जो ध्यान, प्राणायाम, धारणा, समाधि आदि को शामिल करते हैं। इन आठ अंगों का उद्देश्य व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि की दिशा में मार्गदर्शन देना है।

भारत को 'योग का गुरू' कहा जाता है, और यह सत्य है कि इस प्राचीन विद्या को विश्वभर में फैलाने में हमारे देश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आज भी, योग को विश्व के विभिन्न हिस्सों में अपनाया जा रहा है और अनेक देशों में योग शिक्षकों की मांग बढ़ रही है। आयुष मंत्रालय के तत्वावधान में, भारत सरकार ने कई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रमों और पहल के माध्यम से योग के महत्व को प्रचारित किया है।

योग दिवस पर विशेष कार्यक्रम

हर साल की तरह इस बार भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसमें योग सत्र, संगोष्ठियाँ, प्रतियोगिताएँ और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों स्तरों पर इन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। लोग अपने घरों में, सामुदायिक केंद्रों में, और सार्वजनिक स्थलों पर इनका हिस्सा बन सकते हैं। विशेषकर स्कूलों और कॉलेजों में योग जागरूकता सत्र आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि युवा पीढ़ी को योग का महत्व बताया जा सके।

विदेशों में भारतीय दूतावासों और उच्च कमीशनों के माध्यम से भी योग दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें भारतीय संस्कृति और योग की वैश्विक पहचान को मजबूती मिलती है। योग सत्रों के दौरान भारतीय योग गुरुओं द्वारा ध्यान और प्राणायाम के लाभों को भी बताया जाएगा।

योगाभ्यास के स्वास्थ्य लाभ

योग के स्वास्थ्य लाभों पर अनेक शोध और अध्ययन किए गए हैं। यह साबित हुआ है कि योग नियमित प्रैक्टिस करने वालों के लिए बहुत लाभकारी है। योग से हृदय रोग, मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है। इसके साथ ही यह मानसिक शांति, एकाग्रता, और आत्म-नियंत्रण को बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

योगासन और प्राणायाम के माध्यम से शारीरिक लचीलापन बढ़ता है और मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है। ध्यान और संकल्पना से मानसिक तनाव खत्म होता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। योग से आत्म-निरीक्षण की क्षमता भी विकसित होती है, जो समग्र मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन केवल योगाभ्यास तक ही सीमित नहीं है। यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्व रखता है। योग एकता और समरसता का प्रतीक है। यह विभिन्न समुदायों और देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। योग के माध्यम से न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, बल्कि यह मानवता के बीच शांति और समरसता का संदेश भी फैलाता है।

विशेष रूप से, भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में योग जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। सरकारी और गैर-सरकारी संगठन मिलकर योग शिविरों का आयोजन कर रहे हैं, जिससे समाज के विभिन्न वर्गों तक योग की पहुंच हो सके।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 का यह आयोजन महर्षि पतंजलि के योग सिद्धांतों का आदान-प्रदान करने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण के संदेश को भी फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के प्रयासों में दिन-प्रतिदिन सफलता मिल रही है।

योग के नियमित अभ्यासी न केवल बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आनंद ले रहे हैं, बल्कि योग की सुधीरता को भी महसूस कर रहे हैं। इसी के माध्यम से हम एक बेहतर और स्वस्थ समाज की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं। इस योग दिवस पर, आइए हम सभी संकल्प लें कि हम अपने जीवन में योग को स्थायी रूप से अपनाएं और इसके लाभों को अनुभव करें।

टिप्पणि
ashish bhilawekar
ashish bhilawekar
जून 21 2024

भाई ये योग का जादू ही कुछ है ना? पहले मैं सुबह उठकर बस फोन चलाता था, अब 45 मिनट योग करके दिल खुल जाता है। जैसे मेरा अंदरूनी बिजली का बक्सा रिचार्ज हो गया हो। अब तनाव आए तो सिर्फ एक अधोमुखी आसन लगा देता हूँ और सब भूल जाता हूँ। ये वो चीज है जो डॉक्टर नहीं दे पाते।

Vishnu Nair
Vishnu Nair
जून 23 2024

अरे ये सब तो सरकारी प्रचार है भाई, योग को विश्व स्तर पर बेचने के लिए एक धार्मिक-साम्राज्यवादी नियोजन है। पतंजलि के योग सूत्र में अष्टांग योग के आठ अंग तो हैं, लेकिन आज के गुरु तो सिर्फ शवासन और प्राणायाम ही सिखाते हैं, यम-नियम को तो बिल्कुल नज़रअंदाज़ कर दिया गया। ये सब लोग अपने फिटनेस सेंटर में फीस लेते हैं और फिर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ट्रेंड करते हैं। ये तो एक बड़ा कॉर्पोरेट धोखा है, जिसमें आयुष मंत्रालय भी शामिल है।

Kamal Singh
Kamal Singh
जून 23 2024

मैं तो अपनी बहन के लिए योग शुरू किया था, वो ऑफिस में बहुत तनाव में रहती थी। एक दिन उसने बताया कि अब वो रात को सो जाती है, और बिना दवा के दिन भर फोकस कर पाती है। योग का असली जादू यही है कि ये तुम्हें खुद के साथ फिर से जोड़ देता है। ना तो ये कोई धर्म है, ना ही कोई फिटनेस ट्रेंड - ये तो एक जीवन शैली है। अगर तुम्हारी माँ, बहन, या दोस्त बीमार है, तो योग उसके लिए एक दवा से भी ज्यादा कुछ है।

Jasmeet Johal
Jasmeet Johal
जून 24 2024

योग बेकार है असल में और ये सब नाटक है और महिलाओं को बल देने का नाम लेकर बस एक चाल है और पतंजलि को भी गलत बताया जा रहा है

Namrata Kaur
Namrata Kaur
जून 26 2024

मैंने अपनी माँ को योग सिखाया था, 60 साल की हैं, अब वो हर सुबह आसन करती हैं। उनकी घुटनों की दर्द कम हो गया, और वो खुश भी हैं। योग का जादू यही है - बिना दवा के, बिना खर्च के।

Abdul Kareem
Abdul Kareem
जून 28 2024

योग के बारे में बहुत कुछ कहा जाता है, लेकिन क्या कोई शोध उसके लंबे समय तक के प्रभाव को स्केल करता है? मैंने देखा है लोग शुरू करते हैं, दो महीने बाद छोड़ देते हैं। क्या योग वाकई स्थायी बदलाव लाता है, या सिर्फ एक अस्थायी राहत है?

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