देराआ में अल-असद की हार: हम्स की ओर बढ़ रहे विद्रोही, सीरियाई संघर्ष में बड़ा मोड़

घर देराआ में अल-असद की हार: हम्स की ओर बढ़ रहे विद्रोही, सीरियाई संघर्ष में बड़ा मोड़

देराआ में अल-असद की हार: हम्स की ओर बढ़ रहे विद्रोही, सीरियाई संघर्ष में बड़ा मोड़

7 दिस॰ 2024

在 : Sharmila PK international टिप्पणि: 10

देराआ में अल-असद की हार: क्या है इसका अर्थ?

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए एक बड़ा झटका, दक्षिण सीरिया का दारा शहर अब उनके नियंत्रण में नहीं रहा है। स्थानीय सशस्त्र समूहों ने इस शहर पर कब्जा कर लिया है, जो कि 2011 सीरियाई विद्रोह का जन्मस्थल माना जाता है। यह शहर चौथा है जिसे हालिया दिनों में असद की सेना ने खोया है। दारा के साथ ही अलेप्पो और हामा भी इस विद्रोही गठबंधन के कब्जे में आ चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, अब विद्रोही 90% से अधिक दारा प्रांत को नियंत्रित कर रहे हैं।

दारा पर विद्रोहियों का कब्जा इसलिए सफल रहा क्योंकि सरकारी बलों ने एक समझौते के तहत संयोजित तरीके से वहां से हटने का निर्णय लिया। इस समझौते के तहत उन्हें दमिश्क तक सुरक्षित वापसी की गारंटी दी गई थी। दारा सिर्फ एक शहर ही नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थिति में है क्योंकि यह जॉर्डन की सीमा के नजदीक है और गृहयुद्ध से पहले इसकी आबादी 100,000 से अधिक थी।

हम्स की ओर बढ़ते विद्रोही

दारा पर कब्जा जमाने के बाद, विद्रोही अब मध्य सीरिया के हम्स की ओर बढ़ रहे हैं। हम्स वह क्षेत्र है जो दमिश्क और भूमध्य तटीय क्षेत्र के बीच एक प्रमुख क्रॉसरोड के रूप में कार्य करता है। हम्स पर कब्जा करना असद की अहम जड़ों को काट सकता है क्योंकि यह दमिश्क को असद के अल्पसंख्यक अलाईत सम्प्रदाय के तटीय गढ़ से अलग कर सकता है, जो कि उनके रशियन सहयोगियों के नौसेना और हवाई ठिकानों के लिए भी रास्ता है।

विद्रोही गठबंधन जिसे हायात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) नेतृत्व कर रहा है, काफी मजबूती से आक्रामक है और उन्होंने अलेप्पो से लेकर दारा तक अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। यदि हम्स पर भी उनका नियंत्रण हो जाता है, तो विद्रोही दमिश्क को तटीय क्षेत्र से अलग करके असद के शासन की स्थिरता को चुनौती दे सकते हैं।

इस बीच, रूस और जॉर्डन ने अपने नागरिकों को सीरिया छोड़ने की सलाह दी है क्योंकि विद्रोही अपनी आक्रामक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं। एक ओर जहां सीरियाई सरकार पूर्वी दैर एज़-ज़ौर क्षेत्र को कुर्द-नेतृत्ववाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) के हवाले कर चुकी है, वहीं अमेरिका का समर्थन भी इनके पास है।

हवाई हमलों की सीमाएँ

सीरियाई और रूसी विमानों द्वारा किए गए हवाई हमलों ने विद्रोहियों की प्रगति को धीमा करने की कोशिश की है, लेकिन ये प्रयास अपेक्षाकृत सीमित साबित हो रहे हैं। रूस का ध्यान सीरिया के अलावा अन्य स्थानों, विशेष रूप से यूक्रेन में भी विभाजित है, जिससे कि यहां उनकी सैन्य गतिविधियाँ कम प्रभावी हो गई हैं।

इस प्रकार, सीरिया में अल-असद के लिए स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है। विद्रोहियों की बढ़ती ताकत और उनके नियंत्रण में आये क्षेत्र असद शासन के लिए बड़े संकट का संकेत दे रहे हैं। हर दिन बदलती युद्ध की इस स्थिति में, असद और उनकी सहयोगी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।

टिप्पणि
Archana Dhyani
Archana Dhyani
दिस॰ 7 2024

अरे भाई, ये सब तो बस एक नए इम्पीरियलिस्टिक नाटक का हिस्सा है। अमेरिका और उसके एजेंट्स ने हमेशा से इस तरह के विद्रोहों को प्रोत्साहित किया है - जब तक कोई देश अपनी संप्रभुता बरकरार रखता है, तब तक वो उसे टूटने के लिए तैयार रहते हैं। दारा खोना? बस एक शहर। लेकिन जब तक हम्स नहीं गिरा, तब तक असद का दिल अभी भी धड़क रहा है। रूस के पास अभी भी कुछ बचा है - यूक्रेन में उनकी जान भी लगी हुई है, और वो इस वक्त दो फ्रंट पर लड़ रहे हैं। ये जो लोग कहते हैं कि असद खत्म हो गया, वो शायद अभी तक ब्रिटिश न्यूज़ रिपोर्ट्स पढ़ रहे हैं।

Guru Singh
Guru Singh
दिस॰ 9 2024

हम्स का महत्व वास्तव में भू-राजनीतिक रूप से अत्यधिक है। यहाँ से दमिश्क को तटीय क्षेत्र से जोड़ने वाली सड़कें और रेल लाइनें गुजरती हैं। अगर विद्रोही हम्स पर कब्जा कर लेते हैं, तो असद की सेना के लिए सुप्लाई लाइन्स बिल्कुल टूट जाएंगी। ये बस एक सैन्य हार नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय अस्तित्व की चुनौती है। रूसी वायु सेना के हमले अब बहुत कम प्रभावी हो रहे हैं - इसका कारण न सिर्फ यूक्रेन का बोझ है, बल्कि विद्रोहियों ने अब शहरी युद्ध के लिए बहुत अच्छी तैयारी कर ली है।

Sahaj Meet
Sahaj Meet
दिस॰ 11 2024

अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा ड्रामा है। जैसे ही कोई बात बदलती है, लोग तुरंत असद के खत्म होने की बात करने लग जाते हैं। पर याद रखो, असद ने तो 13 साल तक लड़कर जीता है। अब भी उसके पास रूस, ईरान, और एक बड़ा सेना है। हम्स तो बस एक शहर है - अगर वो गिर गया तो फिर भी दमिश्क अभी भी बरकरार है। ये लोग जो कहते हैं कि अब सब खत्म हो गया, वो शायद अभी तक गूगल पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स देख रहे हैं। 😅

Madhav Garg
Madhav Garg
दिस॰ 13 2024

यहाँ एक अहम बात जो ज्यादातर लोग नज़रअंदाज़ कर रहे हैं - अलाईत समुदाय का आत्मसमर्पण नहीं हो रहा है। ये लोग असद के लिए अपनी जान भी दे देंगे। दारा के बाद हम्स असली टेस्ट है। अगर विद्रोही यहाँ भी अपना रास्ता बना लेते हैं, तो ये एक राष्ट्रीय विघटन की ओर बढ़ने का संकेत है। लेकिन याद रखें, असद के पास अभी भी एक बड़ा सैन्य अनुभव है। इस वक्त जो भी निष्कर्ष निकाल रहे हैं, वो जल्दबाज़ी में हैं।

Sumeer Sodhi
Sumeer Sodhi
दिस॰ 14 2024

क्या ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है? जब तक असद के पास रूस का समर्थन है, तब तक ये सब बस एक बड़ा नाटक है। इन विद्रोहियों के पास कोई रणनीति नहीं है, बस फ्रेंच और अमेरिकी ड्रोन्स के साथ भागने की आदत है। अगर वो हम्स भी ले लेते हैं, तो भी असद दमिश्क से नहीं जाएगा। ये सब लोग तो बस एक बार फिर न्यूज़ चैनल्स के शोर में भाग रहे हैं। वो जानते ही नहीं कि असद के पास अभी भी 200,000 से ज्यादा सैनिक हैं।

Vinay Dahiya
Vinay Dahiya
दिस॰ 14 2024

अरे यार, ये सब तो बस एक बड़ा फेक न्यूज़ फेस्टिवल है! रूस के पास यूक्रेन में खुद का बहुत कुछ लगा हुआ है - यहाँ क्या बचा है? असद के पास अभी भी एक बड़ा इंटेलिजेंस नेटवर्क है। विद्रोही जो कहते हैं कि वो हम्स पर कब्जा कर रहे हैं - ये लोग शायद अभी तक गूगल मैप्स नहीं खोले! और फिर भी ये लोग तुरंत असद के खत्म होने की बात करने लगे - जैसे कोई फिल्म का अंत देख लिया हो।

Sai Teja Pathivada
Sai Teja Pathivada
दिस॰ 16 2024

ये सब तो एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है - अमेरिका ने अभी तक नहीं छोड़ा है सीरिया को। रूस यूक्रेन में फंसा है, चीन शांत बैठा है, और इस बीच विद्रोही बढ़ रहे हैं। लेकिन ये सब एक ट्रैप है - जब विद्रोही हम्स पर कब्जा कर लेंगे, तो अमेरिका तुरंत उन्हें बर्बर बता देगा। और फिर वो फिर से एक बार बम बरसाएंगे। ये जो लोग अब विद्रोहियों की तारीफ कर रहे हैं, वो शायद अभी तक नहीं जानते कि हयात तहरीर अल-शाम के पास कितने जिहादी हैं। ये लोग तो बस एक बार फिर अपनी आँखें बंद करके नाच रहे हैं। 🤫💣

Antara Anandita
Antara Anandita
दिस॰ 17 2024

हम्स का महत्व असल में इस बात में है कि यहाँ से दमिश्क को तटीय क्षेत्र से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क गुजरती है। अगर ये रास्ता बंद हो जाता है, तो असद के पास अब तक की तरह सुप्लाई नहीं होगी। रूसी हवाई हमले अब बहुत कम प्रभावी हैं क्योंकि विद्रोही ने अब शहरी क्षेत्रों में बहुत अच्छी तरह से अपनी जगह बना ली है। ये सिर्फ एक युद्ध नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय भाग्य का निर्णय है।

Gaurav Singh
Gaurav Singh
दिस॰ 18 2024

असद के खिलाफ विद्रोह तो 2011 से चल रहा है - और अब तक कोई नहीं जीता। अगर विद्रोही हम्स पर कब्जा कर लेते हैं, तो ये एक बड़ा जीत होगा - लेकिन क्या वो एक देश बना पाएंगे? या फिर बस एक और खूनी अराजकता? ये सब तो बस एक बड़ा खेल है - जिसमें हर कोई अपनी ताकत दिखाना चाहता है। लेकिन असली सवाल ये है - अगर असद गिर गया, तो कौन आएगा? और क्या वो इससे बेहतर होगा?

Priyanshu Patel
Priyanshu Patel
दिस॰ 19 2024

ये तो बस एक बड़ा बदलाव है। असद अभी भी लड़ रहा है, और वो लड़ने के लिए तैयार है। जिंदगी बार-बार बदलती है - और ये बस एक नया मोड़ है। 🙌

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