नवंबर 16, 2025 को आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) 2025-27 की अंतिम स्थिति में इंग्लैंड की टीम तीसरे स्थान पर उतर गई — और ये गिरावट किसी बड़ी हार या खराब प्रदर्शन के कारण नहीं, बल्कि एक तकनीकी गलती के कारण हुई। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) को एक या अधिक परीक्षण मैचों में न्यूनतम ओवर रेट पूरा न करने के लिए 2 अंक काट लिए गए। ये दंड इतना छोटा लग सकता है, लेकिन इसने टीम के पॉइंट्स परसेंटेज को 43.33% तक घटा दिया, जिससे वह ऑस्ट्रेलिया और भारत के पीछे तीसरे स्थान पर आ गई। अब इंग्लैंड के पास 5 मैचों में 26 अंक हैं — जो देखने में तो अच्छे लगते हैं, लेकिन असलियत ये है कि वे 28 अंक के बजाय यहीं पहुंचे।
कैसे हुआ ये दंड?
आईसीसी के नियम के अनुसार, अगर कोई टीम निर्धारित ओवर रेट (प्रति घंटे 15 ओवर) से पीछे रह जाती है, तो हर ओवर के लिए एक अंक काट लिया जाता है। इंग्लैंड को एक मैच में शायद 2 ओवर कम खेलने के कारण ये दंड मिला। ये नियम 2019-21 के WTC से लागू है, और इस बार भी इसे कड़ाई से लागू किया गया। ये बात ध्यान देने वाली है कि इंग्लैंड ने अपने 5 मैचों में 2 जीत, 2 हार और 1 ड्रॉ दर्ज किया है — जिससे उनका स्वाभाविक स्कोर 28 होना चाहिए था। लेकिन दंड के बाद वह 26 पर रुक गया। इसका मतलब? एक छोटी सी लापरवाही ने टीम को एक जगह खो दी।
अब स्थिति क्या है?
अभी टॉप तीन टीमें इस तरह हैं:
- भारत — 52 अंक (8 मैच, 4 जीत, 3 हार, 1 ड्रॉ) — पहला
- ऑस्ट्रेलिया — 36 अंक (3 मैच, 3 जीत) — दूसरा
- इंग्लैंड — 26 अंक (5 मैच) — तीसरा
चौथे स्थान पर दक्षिण अफ्रीका है, जिनके पास 24 अंक हैं, लेकिन उन्होंने सिर्फ 3 मैच खेले हैं। इसलिए उनका परसेंटेज (66.67%) इंग्लैंड (43.33%) से काफी बेहतर है। यही बात आईसीसी के नियम की असली बात है — परसेंटेज ही निर्णायक है, न कि कुल अंक। ये ताकतवर नियम है, जिससे टीमें जल्दी-जल्दी मैच खेलकर अंक जमा करने की कोशिश नहीं कर सकतीं।
इंग्लैंड के लिए अब क्या है रास्ता?
इंग्लैंड के पास अभी भी दूसरे स्थान पर वापसी का मौका है — लेकिन वह बहुत छोटा है। उन्हें अगले दो मैच सीरीज़ में जीत की जरूरत है: पाकिस्तान के खिलाफ घर पर (जनवरी 2026) और श्रीलंका के खिलाफ अप्रैल 2026 में। अगर वे इन दोनों सीरीज़ में 12-12 अंक जीत लेते हैं, तो उनके पास 50 अंक हो जाएंगे — जो ऑस्ट्रेलिया के 36 अंक के आधार पर अभी तक बहुत बेहतर है। लेकिन ये सिर्फ तभी संभव है जब वे अगले 12 महीनों में किसी भी मैच में ओवर रेट की गलती न करें।
इस बारे में ECB के प्रदर्शन निदेशक मो बोबट का कहना है कि अब हर मैच के बाद एक अलग टीम ओवर रेट की निगरानी करेगी। ये टीम बैटिंग और बॉलिंग टाइमिंग के साथ-साथ खिलाड़ियों के बीच बातचीत, चोट के बाद रिकवरी और टॉस के बाद बदलावों के समय को भी ट्रैक करेगी। ये एक नया अभ्यास है — जो पहले कभी नहीं था।
अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: क्यों ये अंक इतने महत्वपूर्ण हैं?
इस चैंपियनशिप का सिर्फ गौरव नहीं, बल्कि बड़ा वित्तीय फायदा भी है। आईसीसी के वित्तीय मॉडल के अनुसार, टॉप दो टीमों को 2025-27 चक्र में कम से कम 1.5 मिलियन डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) का अतिरिक्त वित्तीय बंटवारा मिलता है। इंग्लैंड के लिए ये पैसा न सिर्फ खिलाड़ियों के वेतन बढ़ाने में आएगा, बल्कि युवा खिलाड़ियों के ट्रेनिंग प्रोग्राम, स्टेडियम अपग्रेड और ग्रामीण क्रिकेट विकास में भी लगेगा। इसलिए ये दंड केवल एक अंक का नुकसान नहीं — ये एक करोड़ों रुपये का नुकसान है।
आगे क्या है?
अगले बड़े मैच देखने लायक हैं: भारत की घरेलू सीरीज़ न्यूजीलैंड के खिलाफ 1 दिसंबर, 2025 से शुरू होगी। और फिर ऑस्ट्रेलिया जनवरी 2026 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूर के मैदान पर जा रही है — जहां वह अपनी अजेय रिकॉर्ड बनाए रख सकती है।
चैंपियनशिप का लीग स्टेज 30 अप्रैल, 2027 तक चलेगा। फाइनल जून 2027 में होगा — जिसकी मेजबानी अभी तक तय नहीं हुई है। लेकिन एक बात साफ है: अगर इंग्लैंड अगले 18 महीनों में अपनी ओवर रेट की आदतें नहीं बदलता, तो वह फाइनल के लिए भी नहीं जा सकता। और ये सिर्फ एक बार की गलती नहीं, बल्कि एक नियमित आदत बन गई है।
क्या ये पहली बार है?
नहीं। 2021-23 WTC में श्रीलंका को भी एक ओवर कम खेलने के कारण 1 अंक काट लिया गया था। लेकिन वह बार उनका पूरा रिकॉर्ड बर्बाद नहीं हुआ था। इस बार इंग्लैंड के लिए ये बहुत बड़ी चेतावनी है — क्योंकि उनकी टीम अभी तक इस तरह की लापरवाही के लिए जानी जाती रही है। बाहरी देखने वाले कहते हैं: "इंग्लैंड के खिलाड़ी अक्सर ओवर रेट को एक फॉर्मलिटी समझते हैं, न कि एक नियम।"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
इंग्लैंड के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर वापसी का क्या रास्ता है?
इंग्लैंड को अगले दो मैच सीरीज़ — पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ — में पूरी जीत दर्ज करनी होगी। अगर वे दोनों सीरीज़ में 12-12 अंक जीत लेते हैं, तो उनके पास 50 अंक हो जाएंगे, जो ऑस्ट्रेलिया के 36 अंकों को पार कर जाएगा। लेकिन इसके लिए उन्हें अगले 12 महीनों में किसी भी मैच में ओवर रेट की गलती नहीं करनी होगी।
ओवर रेट दंड क्यों लागू किया जाता है?
आईसीसी का उद्देश्य है कि मैच समय पर समाप्त हों और दर्शकों को बिना लंबी प्रतीक्षा के अंत देखने का मौका मिले। धीमी ओवर रेट से टीमें खिलाड़ियों को आराम देने, बैटिंग टाइम बढ़ाने या गेंदबाजों को थकाने का फायदा उठाती हैं। ये खेल की नैतिकता के खिलाफ है, इसलिए आईसीसी ने इसे एक अंक के दंड के रूप में दंडित किया है।
इंग्लैंड को ये दंड किस मैच में मिला?
अभी तक आधिकारिक तौर पर ये बताया नहीं गया है कि कौन सा मैच इस दंड का कारण रहा। हालांकि, समाचार स्रोतों के अनुसार, यह नवंबर 2025 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की संभावना है, जहां बारिश और बैटिंग टाइम के कारण ओवर रेट 14.2 ओवर प्रति घंटे रही।
अगर इंग्लैंड फाइनल में नहीं पहुंच पाता, तो क्या होगा?
फाइनल में न पहुंच पाने का मतलब है कि इंग्लैंड को आईसीसी के वित्तीय बंटवारे का 1.5 मिलियन डॉलर का हिस्सा नहीं मिलेगा। इसके अलावा, उनकी टीम की दुनिया भर में छवि भी प्रभावित होगी। टीम के लिए ये एक निराशाजनक अवसर होगा, जिसे वे बहुत सालों बाद फिर से नहीं पा सकते।
क्या अन्य टीमों को भी ऐसा दंड मिला है?
हां, 2021-23 चक्र में श्रीलंका को एक ओवर कम खेलने के लिए 1 अंक काट लिया गया था। इससे पहले, भारत और ऑस्ट्रेलिया भी कभी-कभी इस नियम के तहत दंडित हुए। लेकिन इंग्लैंड के मामले में ये पहली बार है जब एक बड़ी टीम को इतना बड़ा दंड मिला है, जिसने उनकी टॉप-2 पोजीशन की आशा को तोड़ दिया है।
आईसीसी ओवर रेट को बदलने की योजना बना रहा है?
अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन आईसीसी के अंदरूनी स्रोतों के अनुसार, वे अगले चक्र (2029-31) में ओवर रेट को 15 के बजाय 14.5 ओवर प्रति घंटे करने पर विचार कर रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि टीमें ज्यादा तनाव में न रहें, लेकिन फिर भी खेल का गति बना रहे।
Pratiksha Das
ye toh bas ek choti si galti thi par 2 points ka naakamal? ECB ka team toh bas apne khelne ke time pe hi dhyan deti hai, over rate ki kya baat? 😅