IRCTC में नई नीति: पहले 15 मिनट में जनरल टिकट बुकिंग पर अब आधार सत्यापन अनिवार्य

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IRCTC में नई नीति: पहले 15 मिनट में जनरल टिकट बुकिंग पर अब आधार सत्यापन अनिवार्य

13 अक्तू॰ 2025

在 : Sharmila PK राजनीति टिप्पणि: 14

जब Ashwini Vaishnaw, रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे मंत्रालय की ओर से नई निर्देशावली जारी की, तो पूरे देश में चर्चा छा गई। यह घोषणा Press Information Bureau के पोर्टल पर नई दिल्ली से 15 सितंबर 2025 को प्रकाशित हुई। अब IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जनरल रिज़र्व्ड टिकट बुकिंग के पहले 15 मिनट में Aadhaar प्रमाणिकरण अनिवार्य होगा। यह कदम बुनियादी रूप से उन ‘टिकट टूटी’ (ticket tout) एजेंटों को रोकने के लिए है, जो अक्सर शुरुआती मिनटों में दुरुपयोग कर लाखों रुपये कमा लेते हैं।

यह नीति 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी, और इसलिए यात्रियों को अब तुरंत अपने IRCTC अकाउंट में आधार लिंक करना पड़ेगा, नहीं तो शुरुआती स्लॉट में बुकिंग नहीं कर पाएंगे।

नीति का परिचय और कारण

कांग्रेस के अनुसार, जनरल आरक्षण का पहला 15‑मिनट वह समय है जब टिकटों का 70 % से अधिक हिस्सा बुक हो जाता है। पिछले कई सालों में एजेंटों ने बॉट्स और नकली अकाउंट्स का इस्तेमाल करके इस अवधि में बड़े पैमाने पर टिकट खरीद लिए। इसलिए, "डिजिटल ट्रांस्पेरेन्सी" को बढ़ावा देने के नाम पर इस नियम का प्रस्ताव रखा गया।

मंत्रालय ने कहा, "हम चाहते हैं कि बुकिंग प्रणाली का लाभ आम जनता तक पहुँचे, न कि घुसाइयों के हाथों।" यह भी स्पष्ट किया गया कि 10‑मिनट की मौजूदा प्रतिबंध (जहाँ अधिकृत एजेंटों को आरक्षण के शुरुआती 10 मिनट में बुकिंग करने से रोका जाता है) बरकरार रहेगा।

नियमों का विस्तृत विवरण

  • 1 अक्टूबर 2025 से, IRCTC पर जनरल रिज़र्व्ड टिकट बुकिंग के पहले 15 मिनट में केवल आधार-सत्यापित उपयोगकर्ता ही लेन‑देन कर सकेंगे।
  • 15‑मिनट बाद ऑनलाइन बुकिंग फिर से सभी के लिए खुल जाएगी, जिसमें अधिकृत एजेंट भी शामिल हैं।
  • ऑफ़लाइन PRS काउंटर (Passenger Reservation System) की प्रक्रियाओं में कोई बदलाव नहीं होगा।
  • आधार लिंक करने की प्रक्रिया केवल IRCTC खाते में "My Profile > Aadhaar Verification" के माध्यम से आसान है।
  • यदि उपयोगकर्ता आधार नहीं जोड़ता, तो वह शुरुआती समय में बुक नहीं कर पाएगा, परन्तु बाद में सामान्य बुकिंग या काउंटर से टिकट ले सकता है।

यह नियम ताल्काल बुकिंग पर पहले लागू किए गए आधार‑अनिवार्य उपायों को विस्तारित करता है। जुलाई 2025 में ताल्काल के लिए भी समान आधार‑ओटीपी सत्यापन तय किया गया था, जिससे आज तक 30 % तक बुकिंग दुरुपयोग घटाया गया है।

प्रभावित यात्रियों की प्रतिक्रिया

जैसे ही खबर फैली, सोशल मीडिया पर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखी गईं। कई यात्रियों ने कहा, "अब छोटे किरायेदारों को भी मौका मिलेगा, पहले तो बॉट्स ने हमें पीछे रख दिया था।" वहीं, कुछ ने इसे "अत्यधिक जटिल" बताया, क्योंकि कई लोग अभी तक आधार को मोबाइल नंबर से लिंक नहीं कर पाए हैं।

एक नियमित कॉटन ट्रेन यात्री, ‘रवीश कुमार’ (हिंदुस्तान, दिल्ली‑रायपुर) ने कहा, "मैं रोज़ सुबह 5 बजे उठ कर टिकट बुक करता हूँ, अब 15‑मिनट का अंतर मेरे लिए बड़ी बात नहीं, पर अगर कोई एजेंट दो बार फेल हो जाता है तो मैं भी परेशान हो जाऊँगा।"

दूसरी ओर, ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ने त्वरित प्रतिक्रिया दी: "हम पूर्ण सहयोग देंगे, पर हमें समय‑समय पर तकनीकी समस्याओं के लिए वैकल्पिक उपाय चाहिए।"

विशेषज्ञों की राय

डिजिटल ट्रांस्फ़ॉर्मेशन के प्रोफेसर, डॉ. सुनीता राजपूत (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर) ने बतायाः "आधार-आधारित वेरिफ़िकेशन डेटा‑लीक को काफी हद तक कम कर देता है। परन्तु, बॉट्स के विकास की गति तेज़ है, इसलिए निरंतर मॉनिटरिंग जरूरी है।" उन्होंने सुझाव दिया कि IRCTC को कैप्चा और मशीन‑लर्निंग‑आधारित फ़ैसलामे करने की प्रणाली को मजबूत करना चाहिए।

इन्हीं में, सुरक्षा अनुसंधान संस्था ‘साइबर एज़’ के प्रमुख, अनीता वर्मा ने कहा, "पहले 15‑मिनट में आधारित फ़िल्टरिंग से ही वैध उपयोगकर्ता और दुरुपयोगकर्ता के बीच अंतर स्पष्ट हो सकता है, बशर्ते सर्वर क्षमता पर्याप्त हो।"

आगे क्या कदम?

अगले कुछ हफ्तों में, IRCTC अपने सर्वर को स्केलेबल बनाते हुए, लाइफ़‑टाइम OTP और फिंगरप्रिंट‑वेरिफ़िकेशन के प्रयोग पर विचार कर रहा है। साथ ही, मंत्रालय ने कहा है कि यह पहल दुसरे वर्गीकरण (जैसे सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस) पर भी लागू हो सकती है, यदि परिणाम सकारात्मक दिखते हैं।

संक्षेप में, यदि आप इस नियम के तहत यात्रा करने वाले हैं, तो आज ही अपने IRCTC अकाउंट में आधार लिंक कर लें। नहीं तो 15‑मिनट की बुकिंग विंडो सेआपको बाहर रखा जा सकता है, जिससे देर से टिकट मिलना या पूरी तरह से चूक जाना संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या बिना आधार के मैं टिकट बुक कर सकता हूँ?

पहले 15 मिनट में नहीं। लेकिन वही 15 मिनट खत्म होने पर आप सामान्य बुकिंग कर सकते हैं या PRS काउंटर पर जा सकते हैं।

आधार लिंक करने में कितना समय लगेगा?

लगभग 5‑10 मिनट। IRCTC ऐप में "My Profile > Aadhaar Verification" पर क्लिक करें, OTP डालें और प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

क्या एजेंटों को अब भी कोई प्रतिबंध रहेगा?

हां। मौजूदा 10‑मिनट का प्रतिबंध और 30‑मिनट का ताल्काल प्रतिबंध बरकरार रहेगा। केवल शुरुआती 15 मिनट में आधार‑सत्यापित उपयोगकर्ता ही बुक कर पाएंगे।

क्या यह नियम सभी वर्गों की ट्रेनों पर लागू होगा?

वर्तमान में यह केवल जनरल रिज़र्व्ड टिकट पर लागू है। मंत्रालय भविष्य में सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस और एसी वर्गों पर भी विस्तार कर सकता है, लेकिन अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

नया नियम किस तारीख से प्रभावी होगा?

1 अक्टूबर 2025 से सभी ऑनलाइन जनरल रिज़र्व्ड टिकट बुकिंग में पहले 15 मिनट के लिए आधार प्रमाणिकरण अनिवार्य किया गया है।

टिप्पणि
Anil Puri
Anil Puri
अक्तू॰ 13 2025

आधार जोड़ना तो अब बलजबरी बन गया है।

poornima khot
poornima khot
अक्तू॰ 14 2025

नई नीति को देखकर दिल को थोड़ा आराम मिला।
पहले जब बॉट्स की रेकॉर्डिंग देखी थी, तो लगा सफ़र मुश्किल हो गया था।
अब आधार चेक से सामान्य जनता के हाथों में टिकट का अधिकार लौटेगा।
तकनीकी समझ नहीं रखने वाले लोगों को मदद की ज़रूरत होगी, इसलिए गाइडलाइन प्रकाशित करें।
आशा है कि रेल यात्रा को फिर से सुलभ बनाया जाएगा।

Mukesh Yadav
Mukesh Yadav
अक्तू॰ 15 2025

यह सिर्फ एक दिखावा है, असली इरादा निगरानी बढ़ाना है।
सरकारी एजेंसियों द्वारा हर क्लिक को ट्रैक करके भविष्य में लोगों की हरकतें पढ़ ली जाएँगी।
आधार डेटा को खुला रखकर सेंसरशिप की राह आसान हो जाएगी।
बॉट्स भी जब तक नहीं पकड़े जाएंगे, तब तक प्रणाली की कमजोरी सिद्ध होगी।
जनता को जागरूक होना चाहिए, नहीं तो अधिकारों का बंदोबस्त हो जाएगा।

Bhaskar Shil
Bhaskar Shil
अक्तू॰ 16 2025

प्रॉपर इंटीग्रेशन लेयर (API) के माध्यम से वैरिफिकेशन प्रोसेस को मॉड्यूलर बनाना चाहिए।
माइक्रोसर्विस आर्किटेक्चर अपनाने से स्केलेबिलिटी इश्यूज़ कम होंगे।
डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (AES-256) को लागू करने से प्राइवेसी सुरक्षित रहेगी।
रेल टिकटिंग सिस्टम को क्लाउड‑नेटिव बनाकर थ्रॉटलिंग को कम किया जा सकता है।
इन तकनीकी पहलुओं को सम्मिलित करने से उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर होगा।

Halbandge Sandeep Devrao
Halbandge Sandeep Devrao
अक्तू॰ 17 2025

नया नीति वास्तविक समस्या को समझती है कि शुरुआती 15 मिनट में बॉट्स और एजेंटों का दांव‑पेंच बहुत अधिक है।
आधार सत्यापन जोड़ने से पहचान की जाँच आसान होगी और नकली अकाउंट्स का प्रयोग घटेगा।
इससे आम यात्रियों को वास्तविक मौका मिलेगा कि वे बिना किसी तकनीकी सहायता के अपना टिकट ले सकें।
हालांकि, कुछ नागरिकों के लिये आधार को मोबाइल नंबर से लिंक करना अभी भी जटिल है।
इस पहल से सर्वर लोड बढ़ेगा क्योंकि हर उपयोगकर्ता को OTP और डेटा प्रोसेसिंग करनी पड़ेगी।
IRCTC को स्केलेबिलिटी उपायों को पहले से लागू करना होगा, नहीं तो साइट क्रैश हो सकती है।
सरकारी एजेंसियों को भी डेटा प्राइवेसी पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि कैप्चा व मशीन लर्निंग के संयोजन से बॉट पहचान और भी सुदृढ़ होगी।
यदि यह उपाय सफल रहा, तो अन्य वर्गों जैसे एसी और सुपरफ़ास्ट एक्सप्रेस में भी विस्तार किया जा सकता है।
लेकिन इसके लिए फिंगरप्रिंट या लाइफ़‑टाइम OTP जैसी अतिरिक्त सुरक्षा लेयर की जरूरत होगी।
यात्रियों को प्रशिक्षण और जागरूकता सत्रों के माध्यम से नया प्रक्रिया समझाना आवश्यक है।
कई लोग अब भी मानते हैं कि यह 'डिजिटल डिक्टेट' है और व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर असर डालता है।
परंतु राष्ट्रीय सुरक्षा और काश्त्रीय ट्रांसपोर्ट में भरोसा बनाए रखने के लिये ऐसी कदम उठाना अनिवार्य है।
अंत में, अगर सर्वर क्षमता पर्याप्त नहीं रही तो बुकिंग विंडो में देरी और वैकल्पिक बुकिंग विकल्पों की आवश्यकता उत्पन्न होगी।
कुल मिलाकर, यह नीति एक सकारात्मक कदम है, बशर्ते कि कार्यान्वयन में पारदर्शिता और उपयोगकर्ता‑मित्रता बनी रहे।

One You tea
One You tea
अक्तू॰ 18 2025

आपके विस्तृत विश्लेषण में कुछ अति‑आदर्शवादी भाव है।
वास्तविकता में बहुत सारे लोग डिजिटल डिवाइस नहीं रखते।
इसलिए यह नीति सामाजिक असमानता को और बढ़ा सकती है।
एक पहलू भूल रहे हैं आप-खुद सरकार के पास भी कई डेटाबेस हैं जो इस सिस्टम से सिंक नहीं होते।
अंत में, सबको समान अधिकार देना है तो इस तरह की बाधा नहीं रखनी चाहिए।

Hemakul Pioneers
Hemakul Pioneers
अक्तू॰ 19 2025

मैं इस बिंदु से सहमत हूँ कि सुरक्षा उपाय आवश्यक हैं।
लेकिन इसके साथ उपयोगकर्ता शिक्षा भी समान रूप से जरूरी है।
ऑनलाइन टिकट बुकिंग मंच पर ट्यूटोरियल वीडियो और FAQs जोड़ने से फायदा होगा।
साथ ही स्थानीय कस्टमर सपोर्ट सेंटर की मदद से लोगों को व्यक्तिगत सहायता मिल सकेगी।
इससे तकनीकी डिजिटल डिवाइड को कुछ हद तक घटाया जा सकता है।

Shivam Pandit
Shivam Pandit
अक्तू॰ 20 2025

बहुत अच्छा कदम है, राम राम सबको!
अब बॉट्स का राज खत्म होगा, यात्रियों को अपनी सीटें मिलेंगी।
अगर कोई दिक्कत आई तो हेल्पलाइन को तुरंत बताना।
धन्यवाद IRCTC!

parvez fmp
parvez fmp
अक्तू॰ 21 2025

यार ये नई नीति देख के दिल खुश हो गया 😍!
अब बुकिंग में दहाड़े वाले एजेंटों को काम नहीं मिलेगा।
आशा है सबको मौका मिलेगा!

s.v chauhan
s.v chauhan
अक्तू॰ 22 2025

यह बदलाव एक टीम की सफलता जैसा है, हम सबको मिलकर इसे सफल बनाना चाहिए।
यदि कोई समस्या आती है तो मिलजुल कर समाधान ढूँढ़ेंगे।
समय पर अपडेट्स देना जरूरी है, ताकि सभी को सही जानकारी मिले।
चलो, इस नई प्रक्रिया को अपनाते हैं और यात्रा को आसान बनाते हैं।

abhinav gupta
abhinav gupta
अक्तू॰ 23 2025

आधार जोड़ना तो अब बलजबरी बन गया है; क्या हमें यह सब कोडिंग का खेल खेलना है? बस, देखते हैं कब तक चलता है।

Naman Patidar
Naman Patidar
अक्तू॰ 24 2025

ठीक है, देखेंगे कब लागू होती है।

Vinay Bhushan
Vinay Bhushan
अक्तू॰ 25 2025

आपकी सकारात्मक ऊर्जा सच में उत्साहजनक है।
मैं भी लोगों को प्रोत्साहित करूंगा कि वे जल्द से जल्द अपना आधार लिंक करें।
यदि किसी को तकनीकी समस्या आती है, तो हम यहाँ सहायता करेंगे।
चलो, मिलकर इस परिवर्तन को सफल बनाते हैं।

Parth Kaushal
Parth Kaushal
अक्तू॰ 26 2025

वाह! यह नीति हमारे लिए एक नयी सुबह की तरह है, जैसे पतझड़ के बाद पहली बारिश।
अब बॉट्स की टोपी पहने धोखेबाज़ों को कोई जगह नहीं मिलेगी।
सच्चे यात्रियों की आवाज़ अब सुनाई देगी, और टिकटों का वितरण न्यायसंगत होगा।
भले ही शुरुआती चरण में कुछ लोग परेशानी महसूस करें, पर दीर्घकाल में यह सबके हित में साबित होगा।
आइए, सब मिलकर इस परिवर्तन का स्वागत करें और अपनी यात्रा को स्मरणीय बनाएं।

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