राहुल की बैटिंग ने फिर से साबित कर दिया कि वह भरोसेमंद ओपनर है। उनके 100 रन टीम के लिए स्थिरता लाते हैं। इस परफॉर्मेंस से भारत के टेस्ट स्कोरकार्ड में सकारात्मक बदलाव आएगा।
जब KL राहुल, टेस्ट ओपनर भारत क्रिकेट टीम ने 3 अक्टूबर 2025 को अहमदाबाद में वेस्ट इंडीज के खिलाफ ठीक 100 रन बनाकर नौ साल की प्रतीक्षा तोड़ी, तो स्टेडियम में एक हलचल मच गई। यह शतक उनका 11वां टेस्ट शतक और ओपनर के रूप में 10वां शतक बन गया, जिससे फिर से आँकड़े ताज़ा हो गए।
राहुल का पिछले घर की जमीन पर शतक 2016 में था, यानी 8 वर्ष, 9 महीने और 16 दिन का अंतर – यह अंतर भारतीय बल्लेबाजों में सबसे लंबा रिकॉर्ड है। पहले इस खिताब पर केवल इंग्लैंड के जॉर्ज गन्न (17 साल) और ऑस्ट्रेलिया के वॉरेन बर्ड्सले (13 साल) ने कब्ज़ा किया था। अब KL राहुल इस सिलसिले को तोड़ते हुए इतिहास में अपना नाम अंकित कर चुके हैं।
पहले दिन वेस्ट इंडीज ने सिर्फ 162 रन बनाकर भारत को कठिन स्थिति में डाल दिया। लेकिन दूसरे दिन भारत का जवाब जोरदार था। शुबमन गिल, जो टीम के कप्तान भी हैं, ने 50 रन बनाकर बचाव में मदद की। उनका साथ देने वाला यशस्वी जगदीश (जैसे वे अक्सर लिखे जाते हैं) ने 36 रन जोड़े। फिर राहुल और गिल ने मिलकर 98 रन की साझेदारी की, जो भारत को 200 से आगे ले गई।
वेस्ट इंडीज की इनिंग में मोहम्मद सिराज ने 4/40 की शानदार गेंदबाज़ी की, जबकि जसप्रीत बुमराह ने तीन विकेट लिए और कुलदीप यादव ने दो विकेट पर पारी समाप्त कर दी। वेस्ट इंडीज के कप्तान रॉस्टन चेसे ने अपनी टीम को 44 ओवर में ही रोक दिया।
शतक बनाने के बाद KL राहुल ने अपने कोच गौतम गैंबीर और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा को पीछे छोड़ते हुए भारतीय ओपनरों में चौथे स्थान पर चढ़ गए। वर्तमान सूची में सुनिल गावस्कर (33 शतक), वीरेंद्र सहवांग (22), और मुरली विजय (12) शीर्ष पर हैं, जबकि राहुल ने अब 10 शतक करके गैंबीर (9) और रोहित (9) को पीछे छोड़ दिया है।
भारत ने अभी तक 2‑0 की जीत नहीं पाई है, लेकिन राहुल की निरंतर फ़ॉर्म और टीम की गेंदबाज़ी की कड़ी मेहनत से सीटीटी (World Test Championship) में आगे की राह साफ़ लगती है। पिछले पाँच टेस्ट में इंग्लैंड में उन्होंने 532 रन बनाए थे, औसत 50 से ऊपर, और इस सीज़न में कुल 632 रन संग्रहीत हैं। यदि वह इस गति को बनाए रखते हैं, तो वह अगले वर्ष की टीम के मुख्य स्तम्भ बन जाएंगे।
शतक ने भारत को शुरुआती दबाव से बाहर निकाला, मध्य क्रम के टॉप ऑर्डर में भरोसा बढ़ाया और टीम को सीटीटी पॉइंट्स में बढ़त दिलाई। यह भरोसा विशेषकर खुले स्वरूप की पिच पर बहुत जरूरी है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि राहुल का फॉर्म जारी रहेगा, इसलिए अगला टेस्ट भी मजबूत साझेदारी की संभावना है। साथ ही, बुमराह और सिराज की गेंदबाज़ी भी विरोधी टीम को परेशान करेगी।
इतिहास में केवल जॉर्ज गन्न (इंग्लैंड) और वॉरेन बर्ड्सले (ऑस्ट्रेलिया) ने अधिक लंबा अंतर बनाते हुए घर में शतक लगाया था, लेकिन भारतीयों में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।
सिराज की तेज़ शुरुआती गेंदबाज़ी और बुमराह की सतत दबाव ने वेस्ट इंडीज को जल्दी आउट किया। साथ ही, उनका फील्डिंग भी बारीकी से किया गया, जिससे कई कीमती रनों को बचा नहीं सकी।
भले ही वह अभी तक कप्तान नहीं बने हैं, लेकिन लगातार बड़ी पारी बनाते रहने से कोचिंग स्टाफ और खिलाड़ियों के बीच उनका सम्मान बढ़ रहा है, जिससे भविष्य में नेतृत्व की जिम्मेदारी मिल सकती है।
राहुल की बैटिंग ने फिर से साबित कर दिया कि वह भरोसेमंद ओपनर है। उनके 100 रन टीम के लिए स्थिरता लाते हैं। इस परफॉर्मेंस से भारत के टेस्ट स्कोरकार्ड में सकारात्मक बदलाव आएगा।
इतना लंबा अंतर तोड़ना बड़ाई है, लेकिन अंततः इसे लगातार अच्छे पाहरियों से समर्थन मिलना चाहिए, न कि एक ही शतक से।
इतिहास में इस तरह के आंकड़े अक्सर एक बड़े सांख्यिकीय विश्लेषण के बाद ही महत्व पाते हैं; केवल शतक के आँकड़े को ही प्रमुखता देना कुछ हद तक सतही है।
वाह, शानदार शतक!
यह शतक न सिर्फ राहुल के करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जाता है, बल्कि भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों में आशा की नई लौ भी जलाता है। ऐसा लगता है जैसे हर बार जब वह बैटिंग सेंटर में आता है, तो स्टेडियम में ऊर्जा का लेवल दोगुना हो जाता है। उसकी ताज़गी भरी दलेरियों ने हमारे युवा खिलाड़ियों के लिए एक चमकदार मार्ग तैयार किया है। वास्तव में, ऐसे क्षण ही खेल को जीवंत बनाते हैं।
अहमदाबाद की पिच पर शतक बनाना आसान नहीं, खासकर जब विरोधी टीम के पास तेज़ पेसर्स हों। राहुल ने इस चुनौती को बेहतरीन तकनीक और धीरज से पार किया। यह दर्शाता है कि भारतीय ओपनर्स अब विभिन्न परिस्थितियों में अनुकूलन क्षमता रखते हैं।
राहुल की पारी में किन्हीं विशिष्ट शॉट्स ने बदलते हुए मोमेंटम को दिखाया, जैसे उसने 12वें ओवर में क्लोज़-इंडेड को पूरी तरह से काउंटर किया। इसके अलावा, उसकी साझेदारी ने टीम को तनाव से मुक्त किया। इस तरह के तकनीकी विवरण पढ़ने से पिच रिपोर्ट लिखने वालों को मदद मिलती है।
राहुल का शतक कई तरफ़ से असर डालता है टीम के आत्मविश्वास पर साथ ही फील्डिंग यूनिट की ऊर्जा को भी बढ़ाता है
आजकल की मीडिया अक्सर इन खेलों को राजनीति में बदल देती है और किसी खिलाड़ी की व्यक्तिगत उपलब्धियों को राष्ट्रीय गर्व के रूप में प्रस्तुत करती है; यह न केवल खिलाड़ी के व्यक्तिगत प्रयास को कम आंकता है, बल्कि दर्शकों को भी गलत दिशा में ले जाता है। हमें चाहिए कि हम केवल आंकड़ों पर ध्यान दें, न कि अतिरंजित भावनात्मक व्याख्याओं पर। खासकर जब बात एक ऐसे शतक की हो जो नौ साल के अंतर के बाद आया हो, तब यह समझदारी होगी कि हम इसे एक ऐतिहासिक आंकड़ा मानें न कि किसी राष्ट्रीय हीरो की पूजा।
क्या इस शतक से राहुल को अगली सीरीज़ में और जिम्मेदारी मिल सकती है?
राहुल की इस पारी ने न केवल टीम की मनोवैज्ञानिक स्थिति को मजबूत किया है; आपके विश्लेषण में यह बिंदु संक्षिप्त लेकिन महत्वपूर्ण है। यह देखना दिलचस्प है कि भविष्य में वह किस तरह की स्थितियों में भी अपना फॉर्म बनाए रखेगा।
KL राहुल द्वारा अहमदाबाद में बनाए गया शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक विशिष्ट स्थान प्राप्त करता है। यह शतक न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर नई आशा का प्रतीक भी है। आठ साल नौ महीने का अंतर इस तथ्य को उजागर करता है कि खिलाड़ी अपने करियर में कभी भी पुनः उभर सकते हैं। इस पारी में राहुल ने विविध शॉट्स का प्रयोग किया, जिससे गेंदबाज़ी को भी चुनौती मिली। विशेष रूप से, 45वें ओवर में उनका ड्राइविंग शॉट विशेष उल्लेखनीय था। साथ ही, उनकी साझेदारी ने टीम को स्थिरता प्रदान की। इस शतक से भारतीय ओपनर्स की रैंकिंग में भी बदलाव आया। वह अब चौथे स्थान पर पहुंच गये हैं, जो उनके निरंतर परिश्रम का परिणाम है। इस उपलब्धि से युवा क्रिकेटरों को प्रेरणा मिलनी चाहिए। यह दर्शाता है कि कठिनाइयों के बाद भी फॉर्म को वापस पा सकते हैं। क्रिकेट विश्व में भारत का महत्व अब और अधिक स्पष्ट हो गया है। इस शतक के बाद आगामी सीरीज़ में उनकी भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि उनका बैटिंग ऐवरेज अगले कुछ महीनों में और बढ़ेगा। हालांकि, निरंतर सफलता के लिए उन्हें अपनी फील्डिंग भी सुधरनी चाहिए। अंत में, इस शतक को एक एकल घटना नहीं बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा मानना चाहिए। इस प्रकार, राहुल का योगदान भारतीय क्रिकेट की समृद्धि में एक और अध्याय लिखता है।
राहुल ने दिखाया कि कठिनाइयों के बाद भी दृढ़ संकल्प से सब कुछ संभव है, जिससे सभी युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलती है।
इतिहास में ऐसे शतक काफी कम देखने को मिलते हैं, इसलिए हम सभी को इस क्षण को सम्मान देना चाहिए।
राहुल का शतक देख कर तो दिल ही दवाब हो गया 😎🏏! ऐसे मोमेंट्स ही क्रिकेट को रोमांचक बनाते हैं।
यह शतक केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है!!! भारत की ताकत को दुनिया को दिखाने के लिए यह एक शानदार उदाहरण है!!!
Stavya Sharma
KL राहुल का यह शतक वाकई में अद्भुत है, लेकिन हमें यह भी देखना चाहिए कि इस पारी में किस प्रकार की गेंदबाज़ी का सामना किया गया। उनका भाग्यशाली आँकड़ा सिर्फ एक व्यक्तिगत माइलस्टोन नहीं, बल्कि टीम के भरोसे को भी नया आयाम देता है। फिर भी कुछ लोग भूल जाते हैं कि इस जीत में भारतीय गेंदबाज़ी का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा। कुल मिलाकर, यह परफ़ॉर्मेंस भारतीय टेस्ट क्रिकेट की स्थिरता को दर्शाता है।