ओयो की नई चेक-इन नीति का परिचय
देश के अग्रणी यात्री बुकिंग प्लेटफ़ॉर्म ओयो ने अपनी चेक-इन नीति में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। इस नई नीति ने विशेषकर अविवाहित जोड़ों को प्रभावित किया है और इसे शुरू में मेरठ के होटलों में लागू किया गया है। ओयो की यह नई पहल 2025 से प्रभावी होगी और इसके अंतर्गत सभी जोड़ों से चेक-इन के समय वैध संबंध प्रमाण पत्र की मांग की जाएगी, चाहे बुकिंग ऑनलाइन की गई हो या ऑफलाइन।
इस नीति के पीछे का उद्देश्य स्थानीय सामाजिक संवेदनशीलता के साथ मिलकर एक सार्थक संतुलन स्थापित करना है। ओयो ने अपने साथी होटलों को अविवाहित जोड़ों की बुकिंग को उनके विवेक पर खारिज करने का अधिकार दिया है। यह कदम सामुदायिक समूहों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के परिणामस्वरूप लिया गया, जिन्होंने विशेषकर मेरठ में इस दिशा में कार्यवाही की मांग की थी।
सामाजिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण
ओयो का यह निर्णय किसी भी स्थान पर सामाजिक-बाध्यताओं और स्थानीय समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। यह एक दुरुस्त तरीके से स्थानीय कानूनों और समाज की सहमति का पालन करने की कोशिश करता है। यह न केवल सुरक्षा का प्रश्न है, बल्कि यह ओयो के ब्रांड की छवि को सुरक्षित रखने की एक पहल भी है।
ओयो के उत्तर भारत क्षेत्र प्रमुख पावस शर्मा ने कहा है कि कंपनियां अपनी नीतियों में परिवर्तन कर समाजिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग होती हैं। ओयो की इस नीति के पीछे सोच है कि वे एक तरफ़ यात्रा करने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करें, वहीं दूसरी तरफ़ स्थानीय समाज की मान्यताओं का सम्मान भी बरकरार रखें।
लंबे समय तक रहने और वफादारी में वृद्धि
ओयो का लक्ष्य अपने प्रतिष्ठान को सुरक्षित और सहायक स्थान बनाने का है, जहां परिवार, छात्र, व्यवसायिक, धार्मिक, और अकेले यात्री सभी को एक बेहतरीन अनुभव हो। ओयो की इस नीति का एक अन्य बड़ा उद्देश्य है ग्राहकों को लंबे समय तक रुकने और अधिक बुकिंग करने के लिए प्रेरित करना।
इसके लिए ओयो ने कुछ अतिरिक्त पहल की भी योजना बनाई है। इनमें सुरक्षित आतिथ्य पर पूछताछ संगोष्ठी शामिल हैं, जिसमें पुलिस और होटल भागीदार शामिल होंगे। इसके अलावा, ओयो ने उन होटलों को ब्लैकलिस्ट करना शुरू कर दिया है जिनकी गतिविधियाँ असामान्य प्रभाव डाल रही थीं।
अन्य शहरों में विस्तार की संभावना
हालांकि यह नीति फिलहाल केवल मेरठ में लागू है, लेकिन भविष्य में ओयो इसे और स्थानों पर लागू करने की योजना बना सकता है। वर्तमान स्थिति पर नज़र रखते हुए, ओयो ने कहा है कि उन्हें देशभर से प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। खासकर उन शहरों से जहां की जनता ने अविवाहित जोड़ों के प्रवेश को लेकर चिंता व्यक्त की है।
ओयो के इस नए कार्यक्रम के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनकी सदस्य होटलों को नियमों का पालन करने और कानून के दायरे में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ओयो यह सुनिश्चित कर रहा है कि उनका ब्रांड न केवल प्रसिद्ध हो बल्कि एक जिम्मेदार और विश्वसनीय नाम भी बने।
Aniket Jadhav
bhai yeh sab kya baat hai? log apne zindagi ka faisla khud lete hain, hotel ka kya? yeh policy toh 2005 ki lag rahi hai.
merath mein toh bas ek choti si jagah hai, isse pehle bhi kai jode aate the, kisi ne kuch nahi kaha. ab yeh sab kyun?