दिलीप ट्रॉफी 2024 में संजू सैमसन ने इंडिया डी और इंडिया बी के बीच हुए मुकाबले में एक विशेष प्रदर्शन किया। शुक्रवार को अनंतपुर में दूसरे दिन के खेल में सैमसन ने 11वां प्रथम श्रेणी शतक बनाते हुए क्रिकेट के इतिहास में खुद को और ऊंचाई पर पहुंचाया। इस शतक के साथ, वह केरल से आने वाले खिलाड़ियों में से तीसरे पर सबसे ज्यादा प्रथम श्रेणी शतक दर्ज कराने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे आगे सचिन बेबी (18) और रोहन प्रेम (13) हैं।
यह शतक तब आया जब सैमसन टीम के लिए एक कठिन समय में क्रीज पर उतरे। कप्तान श्रेयस अय्यर का शून्य पर आउट होने के बाद सैमसन ने मैदान संभाला। शुरुआती दौर में उनके साथ रिकी भुई ने एक छोटी साझेदारी की, जिसने कुछ देर तक टीम को स्थिर किया। रिकी भुई के अर्धशतक के बाद, सैमसन ने कमान संभाली और सरांश जैन के साथ एक मजबूत साझेदारी की, जिसने इंडिया डी को पहले दिन के अंत तक 306/5 तक पहुंचा दिया।
दूसरे दिन के खेल की शुरुआत में सरांश जैन का विकेट गिर जाने के बाद संजू सैमसन ने और मजबूत होते हुए सौरभ कुमार के साथ मिलकर पारी को बढ़ाया। 95 गेंदों में अपने शतक का आंकड़ा पार करने वाले सैमसन ने 101 गेंदों पर 106 रन बनाए, जिसमें 12 चौके और 3 छक्के शामिल थे।
संघर्षभरा लेकिन महत्वपूर्ण यह प्रदर्शन, सैमसन के करियर के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। पिछले कुछ सालों से सैमसन भारतीय टीम के वाइट-बॉल सेटअप का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उनके मौके अक्सर अधूरे रह गए हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ निर्णायक मैच में शतक लगाने के बावजूद भी वह वनडे टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए थे।
संजू सैमसन के इस प्रदर्शन को भारतीय क्रिकेट के वरिष्ठ अधिकारी भी काफी गंभीरता से देख रहे हैं। उनके इस अद्वितीय प्रदर्शन ने उनके संभावित टेस्ट कॉल-अप के दरवाजे खोल दिये हैं। जिस तरह से उन्होंने इस मैच में खेला, वह एक टेस्ट मैच की तैयारी और मानसिकता को दर्शाता है, जिससे चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी ओर आकर्षित होना स्वाभाविक है।
दूसरे दिन इंडिया डी ने मजबूत स्थिति में प्रवेश किया और सैमसन का शतक इस पारी का मुख्य आकर्षण बन गया। मैच के बाद प्रेसवार्ता में सैमसन ने कहा कि वह इस प्रदर्शन से बेहद खुश हैं और आने वाले मैचों में भी इसी आत्मविश्वास के साथ खेलना चाहते हैं।
इस तरह के प्रदर्शन न केवल एक खिलाड़ी की व्यक्तिगत उपलब्धियों को बढ़ाते हैं, बल्कि टीम की एकजुटता और आत्मविश्वास को भी मजबूत बनाते हैं। सैमसन का यह शतक आगामी मैचों के लिए टीम के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, और वह अपने इस फॉर्म को बरकरार रखकर भविष्य में और भी अधिक सफलताओं को हासिल करने का लक्ष्य रखेंगे।
संजू सैमसन के इस प्रदर्शन से उनके प्रशंसकों और क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक खास उत्तेजना का संचार हुआ है। केरल क्रिकेट समुदाय में भी जश्न का माहौल है, जिन्होंने सैमसन की प्रगति को करीब से देखा है।
कुल मिलाकर, संजू सैमसन का यह 11वां प्रथम श्रेणी शतक उनके करियर के लिए एक महत्वपूर्ण पायदान साबित हुआ है। यह प्रदर्शन उनके टेस्ट क्रिकेट के सपनों की ओर एक कदम है और उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में एक स्थायी स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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