हर साल 21 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन को भारत के प्राचीन विज्ञान योग को पहचान देने के लिए स्थापित किया गया था। भारत में इसे बड़े उत्सव के साथ मनाते हैं, स्कूल‑कॉलेज में मुफ्त क्लासेस होते हैं और कई मशहूर योगाचार्य अपने सत्र साझा करते हैं।
अगर आप सोच रहे हैं कि योग करने से क्या फ़ायदा होगा, तो ये कुछ आसान‑साधे कारण हैं। पहले, नियमित योग से आपके शरीर की लचीलापन बढ़ती है। दूसरा, सांस पर ध्यान देने से तनाव कम होता है और मन शांत रहता है। तीसरा, योग के पोज़िशन्स शरीर की मसल्स को मजबूत बनाते हैं, जिससे चोट का जोखिम घटता है। इन सब फायदों को महसूस करने के लिए रोज़ 15‑20 मिनट ही काफी होते हैं।
दिन शुरू करने से पहले एक शांत जगह चुनें, जहाँ कम शोर हो। मैट या साफ़ कपड़े पर बैठें और कुछ गहरी साँसें लें। फिर साधारण ताड़ासन (पैरों को साथ में रखकर सीधा खड़े हों) से शुरू करें। अगर आप नए हैं तो त्रिकोणासन और बालासन जैसी आसान आसनों को आज़मा सकते हैं। हर पोज़ को 30 सेकंड तक रखें और दो‑तीन बार दोहराएँ। अंत में शवासन (लेट कर आराम) के साथ सत्र खत्म करें। यह आसान रूटीन आपके शरीर को एक्टिव रखेगा और मानसिक तनाव कम करेगा।
यदि आप वर्गीय योग क्लास लेना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी योगा स्टूडियो या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर खोजें। कई बार स्थानीय सरकारी संस्थाएँ या NGOs मुफ्त क्लासेस भी चलाते हैं, इसलिए समाचार के लिए स्थानीय घोषणा बोर्ड या वेबसाइट देख सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपने दोस्तों या परिवार को भी शामिल करें। समूह में योग करने से ऊर्जा बढ़ती है और यह एक मज़ेदार सामाजिक गतिविधि बन जाती है। बच्चे भी इसे खेल की तरह ले सकते हैं, जिससे उन्हें फिटनेस की आदत जल्दी से बन जाएगी।
इस दिन कुछ खास चीज़ें भी कर सकते हैं: पवन या नदियों के किनारे योग करना, प्रकृति के साथ जुड़ कर शांति महसूस करना। अगर आपके पास बगीचा है, तो सुबह की ठंडी हवा में हल्का प्रैक्टिस आपके मन को ताज़ा कर देगा।
अंत में, योग का अर्थ सिर्फ शारीरिक एक्सरसाइस नहीं है, बल्कि जीवन शैली है। रोज़ाना थोड़ा‑बहुत योग करने से आप स्वस्थ, खुश और ऊर्जा से भरपूर रहेंगे। तो इस अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को एक नई शुरुआत मानें और अपनी रोज़मर्रा की दिनचर्या में योग को शामिल करें।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर की डल झील पर योग साधकों को संबोधित किया। उन्होंने योग की महत्ता पर जोर देते हुए बताया कि कैसे योग जीवन का अभिन्न हिस्सा बन सकता है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने बारिश के बावजूद योग के प्रति अपनी उच्च प्रतिबद्धता दिखाई। उन्होंने ध्यान और एकाग्रता के लाभों पर चर्चा की और पर्यटन के साथ योग को जोड़कर रोजगार के सृजन की संभावनाओं पर भी बात की।