भारत और नाइजीरिया दोनों ही युवा जनसंख्या वाले देश हैं, इसलिए आपसी व्यापार में बहुत संभावना है। हाल के आँकड़े दिखाते हैं कि भारत‑नाइजीरिया दो‑तरफ़ा व्यापार 2023 में 6 % बढ़ा, लेकिन अभी भी बहुत जाया बाकी है। अगर आप कंपनी के मालिक हैं या निवेश में रुचि रखते हैं, तो इस लेख में बताए गए आसान कदम आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।
नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, इसलिए कच्चा तेल और डीज्ल‑डेरिवेटिव्स भारत के लिए प्रमुख आयात वस्तु हैं। भारत की निर्यात वस्तु में ड्रग‑फ़ॉर्मूलेशन, फार्मा‑उपकरण, इंजीनियरिंग पार्ट्स, टाइल्स और कॉटन वस्त्र प्रमुख हैं। साथ ही, नाइजीरिया की कृषि शक्ति को देखते हुए फसल‑उपयोगी मशीनरी, सौर पैनल और खाद्य प्रसंस्करण उपकरण भी बड़ी मांग में हैं। इस द्विपक्षीय सिनेर्जी को समझकर आप सही उत्पाद चुन सकते हैं।
भारत सरकार ने ‘अफ़्रीका‑ऑफ़िस’ के तहत नाइजीरिया में व्यावसायिक काउंसिल खोलकर कंपनियों को सुगम बनाने का काम किया है। वहीं, नाइजीरिया की “एनआईपी (National Investment Promotion) योजना” विदेशी निवेशकों को टैक्स रिवॉर्ड और आसान लाइसेंस प्रक्रिया देती है। दोनों पक्षों की व्यापार मानक (GST, CE) को पार करने के लिए इक्विटी‑सहायता वर्कशॉप्स भी आयोजित होते हैं, जो मुफ्त में हिस्सा ले सकते हैं।
डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग भी काफी आसान हो गया है। भारत के ‘डायरेक्ट ट्रेड पोर्टल’ और नाइजीरिया का ‘नाइझी‑मार्केट’ दोनों ही बाय‑सेल डेटा, फॉर्मेटेड इनवॉइस और लॉजिस्टिक ट्रैकिंग को एक जगह पर लाते हैं। इन टूल्स को एप्प या वेब के ज़रिए एक्सेस करके आप बिना मध्यस्थ के सीधे संपर्क बना सकते हैं।
1. बाजार रिसर्च: पहले नाइजीरिया के प्रमुख शहरों (लागोस, अबुजा, पोर्ट हार्ट) में व्यावसायिक रिपोर्ट देखें। 2. भागीदार खोज: स्थानीय ट्रेड असोसिएशन या कॉम्पनी डेटाबेस से भरोसेमंद एजेंट चुनें। 3. मानक समझें: भारत के ISI और नाइजीरिया के SON मानक को मिलाकर अपने प्रोडक्ट को सर्विसेबल बनाएँ। 4. लॉजिस्टिक पार्टनर: समुद्री शिपिंग के लिये ‘एमएएमएम’ या ‘डेनिस स्टोरेज’ जैसी कंपनियों से कोट प्राप्त करें, क्योंकि कंटेनर दरों में उतार-चढ़ाव होता है। 5. फाइनेंसिंग: भारत के एक्सपोर्ट इंस्युरेंस कॉर्पोरेशन (EXIM) और नाइजीरिया के सेंट्रल बैंक्स से क्रेडिट लाईन ले सकते हैं।
इन छोटे‑छोटे कदमों को दैनिक कार्य योजना में डालें और हर महीने एक मीटिंग रखें। अगर आप छोटे व्यापारी हैं तो पहले एक-त्रि‑उत्पाद पर फोकस करें, फिर धीरे‑धीरे पोर्टफ़ोलियो बढ़ाएँ।
नाइजीरिया का युवा बाजार और भारत की टेक‑कौशल मिलकर नई व्यापार कहानियों को जन्म दे सकते हैं। अभी अपना पहला कदम रखें, चाहे वह एक ई‑मेल हो या सरकारी पोर्टल पर रजिस्टर करना। सफलता का सफर छोटे‑छोटे निर्णयों से शुरू होता है।
भारत और नाइजीरिया के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं। नाइजीरिया, अफ्रीका में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार है और यहाँ 200 से अधिक भारतीय कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में निवेश कर रही हैं। इस सम्बन्ध की मुख्य धुरी पेट्रोलियम उत्पाद हैं।