भारत और नाइजीरिया के बीच रिश्ता केवल दोस्ताना नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इन दोनों देशों के बीच व्यापार में तेजी से वृद्धि हुई है। इन दो देशों के 2023-24 वित्तीय वर्ष में आपसी व्यापार का आंकड़ा $7.89 बिलियन तक पहुँच गया है। ये वृद्धि कई सालों के उतार-चढ़ाव के बाद हुई है, जहाँ नाइजीरिया भारत का अफ्रीका में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझीदार बना हुआ है। 2022-23 में दोनों देशों के बीच व्यापार $11.8 बिलियन तक पहुँच गया था।
भारत की 200 से अधिक कंपनियां नाइजीरिया में कई क्षेत्रों में, जैसे की फार्मास्युटिकल्स, ऊर्जा और निर्माण में व्यापार कर रही हैं। इनका कुल निवेश लगभग $27 बिलियन के करीब है। भारतीय कंपनियाँ नाइजीरिया में सबसे बड़े नियोक्ताओं में से एक हैं, जिसमें केवल फेडरल सरकार ही उन्हें पीछे छोड़ती है।
भारत और नाइजीरिया के रिश्ते में पेट्रोलियम उत्पादों का व्यापार एक विशेष भूमिका निभाता है। नाइजीरिया भारत को कच्चा तेल सप्लाई करने वाला एक अहम देश है। वर्तमान में भारत हर दिन करीब 4.6 मिलियन बैरल तेल, मुख्यतः मध्य पूर्व से, आयात करता है। मध्य पूर्व की राजनीतिक अस्थिरता के कारण भारत अपने तेल और गैस की आपूर्ति में विविधता लाने की कोशिश कर रहा है। नाइजीरिया, जिसने करीब 37.1 बिलियन बैरल कच्चे तेल और 209.5 ट्रिलियन घन फुट प्राकृतिक गैस के प्रमाणिक भंडार की रिपोर्ट की है, भारत के लिए एक संभावित विकल्प के रूप में उभर रहा है।
नाइजीरिया की आर्थिक पुनरुत्थान और विकास योजना का उद्देश्य तेल आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर विविधीकृत अर्थव्यवस्था बनाना है। हाल ही में सरकारी सुधारों में पेट्रोल सब्सिडी को हटाना और मुद्रा विनिमय दरों के नियंत्रण को समाप्त करना शामिल है। इन सरकार सुधारों से अबूजा की आर्थिक सुधार के प्रति प्रतिबद्धता प्रकट होती है। भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति (JTC) एक लोकल मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासरत है ताकि दोंनो देशों के आर्थिक संबंध और मजबूत हों।
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश में सुधार के लिए बाजार पहुंच मुद्दों के समाधान, कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, ऊर्जा, फार्मास्युटिकल्स, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा, परिवहन, रेलवे, विमानन, और MSME क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने की दिशा में जोर दिया जा रहा है। इस सहयोग में संयुक्त अभ्यास, जानकारी साझा करना, और समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुद्री साझेदारी अभ्यास शामिल हैं।
व्यापार के अलावा, भारत और नाइजीरिया अंतरिक्ष और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में भी मिलकर काम कर रहे हैं। अंतरिक्ष सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन से द्विपक्षीय संबंधों में सुधार होगा, जिसमें नाइजीरिया की राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए 2025 तक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम निर्धारित हैं। सहयोग दूरस्थ संवेदन, मानचित्रण और उपग्रह विकास पर केंद्रित होगा।
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाइजीरिया का दौरा किया। यह 17 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अफ्रीकी देश की पहली राजकीय यात्रा थी। ये यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को उजागर करती है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई थी।
कोविड-19 महामारी के बावजूद, दोनों देशों के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2020-21 में $8.8 बिलियन से बढ़कर 2021-22 में $14.95 बिलियन तक व्यापारिक लेन-देन पहुँच गया है। ये संदर्भ भारत की रणनीतिक महत्वता को नाइजीरिया के लिए दर्शाता है जो व्यापार, निवेश और रणनीतिक सहयोग के बहुआयामी पहलुओं को सम्मिलित करता है, जो दोनों देशों के लिए हितकारी है।
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