भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों के लिए आज का दिन निराशाजनक साबित हुआ। बीएसई सेंसेक्स में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसके कारण निवेशकों को चार लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है। बाजार में यह गिरावट तब आई जब अमेरिकी जॉब डेटा ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया। सेंसेक्स 654 अंक या 0.85 प्रतिशत गिरकर 76,714 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी50 में 193 अंक या 0.82 प्रतिशत की कमी आई, वह 23,238 के स्तर पर बंद हुआ।
अमेरिकी रोजगार बाजार से संबंधित आंकड़ों में अप्रत्याशित तेजी ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। दिसंबर माह में अमेरिका में 2.56 लाख नौकरियों का सृजन हुआ, जो कि उम्मीद से कहीं अधिक था। इससे अमेरिका में बेकारी दर घटकर 4.1 प्रतिशत हो गई है। इस मजबूत रोजगार बाजार की वजह से निवेशक अब 2025 में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम करने लगे हैं। यह निवेशकों के लिए एक निराशाजनक संकेत बन गया है, खासकर तब जब भारतीय बाजार के लिए ये संकेत अच्छा नहीं माना जा रहा है।
भारतीय बाजारों के लिए मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। ब्याज दरों में संभावित कटौती के धुंधला होने से निवेशकों के लिए आने वाले समय में चुनौतियां बढ़ सकती हैं। अमेरिकी डेटा संकेत देता है कि वहां की अर्थव्यवस्था अब और अधिक प्रोत्साहन की आवश्यकता नहीं रखती है। जिस कारण, ग्लोबल पूंजी का प्रवाह भारत जैसे उभरते हुए बाजारों से निकलने की संभावना है। छोटे और मझौले शेयरों में 1.4% तक की कमी के साथ ही सभी प्रमुख सेक्टोरल सूचकांकों में गिरावट देखी गई।
वित्तीय सेवाओं के विशेषज्ञ वी के विजयकुमार ने बताया कि इस निराशाजनक परिदृश्य में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने संकेत दिए हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़ती परिस्थितियों के आधार पर ही अगला कदम उठाना चाहिए। हालांकि, बाजारों में अस्थिरता अपेक्षित है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशक चुस्त रह सकते हैं। छोटे और मझौले निवेशकों के लिए यह समय पुनर्विचार करने और जरूरत के हिसाब से अपनी निवेश रणनीतियों को पुनःव्यवस्थित करने का सही समय हो सकता है।
सिद्धांत यह है कि बाजार में गिरावट स्थायी नहीं होती। अगले कुछ दिनों में बाजार का ध्यान अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक निर्देशांक पर भी रहेगा। वैश्विक बाजार में होने वाले वृत्तियों का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ सकता है। इसलिए विशेषज्ञों का मानना है कि अल्पकालिक सुधार के लिए तैयार रहें, लेकिन भविष्य के लिए दीर्घकालिक योजना बनाना ना भूलें। यह समग्र स्थिति उन लोगों के लिए चुनौतियों और अवसरों का संगम है जो बाजार में चंचलता को समझते हैं और उसके अनुसार कार्य करने की योग्यता रखते हैं।
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