हर दिन भारत से ऐसी खबरें आती हैं जो दिखाती हैं कि हमारे वैज्ञानिक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कितने आगे हैं। चाहे वह Meta AI में काम करने वाला 23 साल क़ा भारतीय‑अमेरिकी इंजीनियर हो या ब्रह्मोस जैसी सुपर‑मिसाइल को अपडेट करना, हर कहानी एक प्रेरणा देती है। इस पेज पर हम उन सभी खबरों को इकट्ठा कर रहे हैं जो आपके लिए उपयोगी और रोचक हैं।
सबसे पहले बात करते हैं Manoj Tumu की, जो सिर्फ 23 साल की उम्र में Amazon छोड़ कर Meta की AI टीम में शामिल हो गए। उनका पैकेज 3.36 करोड़ रुपये था, लेकिन असली जीत उनका करियर का सफर है। उन्होंने बताया कि रिज़्यूमे में प्रोजेक्ट्स को हाइलाइट करना, इंटर्नशिप करना और कंपनी के मूल्यों को समझना कितना जरूरी है। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सही स्किल और निरंतर सीखना आपके सपनों को सच कर सकता है।
दूसरी बड़ी खबर है ब्रह्मोस मिसाइल पर। भारतीय वायु सेना और नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस किफायती और तेज़ मिसाइल को बड़े पैमाने पर खरीदने का फैसला किया। इसका मतलब है भारतीय वैज्ञानिकों की रक्षा तकनीक में नई ऊँचाइयाँ और “मेक इन इंडिया” को एक बड़ा बूस्ट। ऐसी उपलब्धियों से देश की सुरक्षा और रोजगार दोनों बेहतर होते हैं।
अगर आप भी विज्ञान में करियर बनाना चाहते हैं तो यहाँ कुछ आसान कदम हैं:
ध्यान रखें, सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। लगातार मेहनत, खुद को अपडेट रखना और असफलताओं से सीखना ही रास्ता है।
हम इस टैग पेज पर रोज़ नई कहानियाँ, करियर गाइड और वैज्ञानिक खोजें जोड़ते रहेंगे। अगर आप विज्ञान से जुड़े अपडेट चाहते हैं तो यहाँ पर ही बने रहें, क्योंकि भारतीय वैज्ञानिकों की कहानियाँ रोज़ नई दिशा देती हैं।
आज भारत के 'मिसाइल मैन', डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की नौवीं पुण्यतिथि है। 1931 में जन्में कलाम ने भारतीय स्पेस और मिसाइल कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित हुए। उनके प्रमुख योगदानों में प्रथ्वी, अग्नि और त्रिशूल मिसाइलों का विकास शामिल है।