क्या आप अक्सर भारतीय वायु सेना (IAF) की खबरों को छूटते पाते हैं? यहाँ पर आपको पूरी जानकारी मिलेगी – नई उड़ानें, तकनीकी आगे बढ़ाव, और करियर के मौके। हम सिर्फ बकवास नहीं करेंगे, हर बात को आसान शब्दों में समझाएंगे।
पिछले साल IAF ने कई रिकॉर्ड तोड़े। सबसे बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने बेसिक फाइटर जेट, सुपर मिंक को शत्रु के क्षेत्र में 2,000 किमी से ज्यादा दूरी तक बिना रिफ़्यूल के चलाया। इस मिशन से भारत की एयरोडिफेंस क्षमता का प्रमाण मिला।
साथ ही, 2024 में IAF ने कुंबईर ड्रोन का सफल परीक्षण किया। इस ड्रोन की रेंज 1,500 किमी है और इसे दुष्ट तत्वों की निगरानी में इस्तेमाल किया जाएगा। ड्रोन का कंट्रोल सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है, जिससे विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम हुई।
खरीदारी में भी IAF ने बड़ा कदम उठाया। हमने अपना पहला रॉकेट‑ऐडवांस्ड मिडिएट‑रेंज (RAM) सिस्टम भारत के ही इन्जीनियरों द्वारा निर्मित किया। इससे बेझिझक सीमा पर तेज़ी से प्रतिक्रिया देना आसान हो गया।
सुरक्षा पहल भी काफ़ी आगे बढ़ रही है। IAF ने 2025 के लिए एक नया साइबर‑डिफेंस सेंट्रल बनाया, जहाँ से सभी एयरोस्पेस सिस्टम की ऑनलाइन सुरक्षा की जाती है। साइबर हमलों से बचाव के लिए यह बहुत ज़रूरी है, क्योंकि आज के समय में डेटा ही सबसे बड़ा हथिया बन गया है।
इन सभी उपलब्धियों के पीछे सैकड़ों इतिहादी प्रशिक्षित पायलट और तकनीकी विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। उनका कहना है, "हम लोग हर मिशन को सफलता बनाने के लिए परिश्रम करते हैं, चाहे वह हेलीकॉप्टर द्वारा खोज‑बीन हो या लड़ाकू विमान की मार‑स्ट्राइक।"
अगर आप भी इस रोमांच में शामिल होना चाहते हैं, तो IAF की भर्ती प्रक्रिया को समझना जरूरी है। सबसे लोकप्रिय विकल्प हैं नौसेना अभ्यर्थी (एनसीएस) और रॉकेट पायलट (एसडीएस) के लिए खुले पद। इन दोनो के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास (विज्ञान) या स्नातक है, और आयु 18‑24 साल के बीच होनी चाहिए।
डर की बात नहीं, परीक्षा की तैयारी भी आसान है। पहले चरण में लिखित परीक्षा होती है, जिसमें गणित, भौतिकी और सामान्य ज्ञान के सवाल होते हैं। फिर एरलिंग एग्जाम में फिटनेस टेस्ट और ड्राइविंग टेस्ट शामिल होते हैं। अंत में मेडिकल टेस्ट और साक्षात्कार होते हैं।
हर साल IAF लगभग 2,500 जवानों को भर्ती करता है। यह संख्या बढ़ती रहती है क्योंकि भारत की रक्षा योजना में एयरोडिफेंस को प्राथमिकता दी जा रही है। भर्ती के समय आप सरकारी वेबसाइट पर नई पोस्टिंग देख सकते हैं, जहाँ से ऑनलाइन फॉर्म भरना आसान होता है।
सैलरी के बारे में चिंता न करें। इंडियन एयर फोर्स में शुरुआती पगार लगभग 50,000 रुपये प्रति माह से शुरू होता है, और जैसे ही आप ग्रेड बढ़ाते हैं, पावर, आवास, स्वास्थ्य बीमा और यात्रा भत्ता भी मिलते हैं। इसके अलावा, पेंशन और रिटायरमेंट बफ़र भी शानदार हैं।
यदि आप तकनीकी दिशा में जाना चाहते हैं, तो इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (इंडिया) के लिए भी विकल्प है। इस कोर्स में आप एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर सिस्टम में विशेषज्ञ बन सकते हैं। काम करने के तौर‑तरीके में लैब रिसर्च, फ़ील्ड टेस्ट और रखरखाव शामिल हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि IAF में काम करना सिर्फ नौकरी नहीं होता, बल्कि देश की सेवा भी होता है। अगर आप भी देश के लिए उड़ान भरना चाहते हैं, तो अभी से तैयारी शुरू करें और आधिकारिक साइट पर अपडेटेड नोटिस पर नजर रखें।
संक्षेप में, भारतीय वायु सेना लगातार नई ऊँचाइयाँ छू रही है और इसके साथ करियर अवसर भी बढ़ रहे हैं। चाहे आप पायलट बनना चाहते हों या तकनीकी विशेषज्ञ, IAF आपके लिए सही मंच प्रदान करता है। तो फिर देर किस बात की? आज ही कदम बढ़ाएँ और अपनी उड़ान की तैयारी शुरू करें।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सफलता के बाद भारतीय वायु सेना और नौसेना ब्रह्मोस मिसाइलों की भारी खरीद करने जा रही हैं। नई उत्पादन सुविधा से BrahMos-NG का निर्माण भी होगा, जिससे भारत की सुरक्षा और मेक इन इंडिया को नई मजबूती मिलेगी।