BrahMos मिसाइल पर इंडियन एयरफोर्स-नेवी का मेगा दांव: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की नींद हराम

घर BrahMos मिसाइल पर इंडियन एयरफोर्स-नेवी का मेगा दांव: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की नींद हराम

BrahMos मिसाइल पर इंडियन एयरफोर्स-नेवी का मेगा दांव: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की नींद हराम

10 अग॰ 2025

在 : Sharmila PK समाचार टिप्पणि: 10

ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ी खरीदारी

पाकिस्तान की धरती पर हिन्दुस्तान का ब्रह्मोस मिसाइल जमकर गरजा। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की रफ्तार और सटीकता ने पाकिस्तानी सेना की रातों की नींद उड़ा दी। इसके बाद अब BrahMos मिसाइल की जबरदस्त डिमांड उठने लगी है। खबर है कि भारतीय वायुसेना और नौसेना मिलकर सैकड़ों ब्रह्मोस मिसाइलें खरीदने जा रही हैं। रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला इसी हफ्ते आने वाला है, जिसमें नौसेना के युद्धपोतों और एयरफोर्स के लिए अलग-अलग वर्जन खरीदे जाएंगे।

सूत्रों की मानें तो इस चार दिन चले ऑपरेशन में ब्रह्मोस का जमकर इस्तेमाल हुआ। पाक के एयरबेस, सेना की छावनी और आतंकी ठिकानों पर मिसाइलें दागी गईं। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर पाकिस्तानी पंजाब में खलबली मचा दी। इतनी तेज और सटीक मार के बाद पाकिस्तान को अपनी मिलिट्री संसाधनों की सुरक्षा के लिए फौज को डिफेंसिव मोड में भेजना पड़ा।

भारतीय सेना के जज्बे को नई ताकत

भारतीय नौसेना अब अपनी वीयर क्लास वॉरशिप्स को ब्रह्मोस से लैस करेगी। वायुसेना भी रूसी मूल के अपने Su-30 MKI फाइटर जेट्स पर इन मिसाइलों को तैनात करेगी। तेज स्पीड और पिनपॉइंट एक्यूरेसी के चलते वायुसेना के पायलट्स ने इसकी तारीफों के पुल बांध दिए। ऐसे में पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम्स भी जवाब नहीं दे सके।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ऑपरेशन के बाद इसकी तारीफ की और कहा, ‘दुनिया ने देखा है कि हमारे देश के अपने हथियार कितने ताकतवर हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के एयर डिफेंस, ड्रोन और खासकर ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत ने खुद को साबित किया।’

ब्रह्मोस को दुनिया का सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल माना जाता है। 500 किलोमीटर की रेंज में यह टारगेट ढूंढ निकालता है और चूकता नहीं। इसकी तेज स्पीड इसे एयर डिफेंस यूनिट्स की पकड़ से बाहर बना देती है।

अब वायुसेना को इसी ब्रह्मोस का हल्का और नया वर्जन मिलने वाला है—BrahMos-NG। इसकी एक बड़ी खासियत है इसका साइज़ और वजन, जो पुराने एयर लॉन्च वर्जन के मुकाबले करीब आधा रह गया है। इसका मतलब है—सिर्फ Su-30MKIs नहीं, बल्कि बाकी दूसरे फाइटर जेट्स में भी इसे फिट किया जा सकता है।

लखनऊ में बना नया प्रोडक्शन प्लांट हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस-NG बना सकता है। इससे भारतीय सेना के हथियार शस्त्रागार को नया मुकाबला मिलेगा। 'मेक इन इंडिया' का असली असर अब जंग में भी दिखने लगा है।

टिप्पणि
Vinay Dahiya
Vinay Dahiya
अग॰ 11 2025

ब्रह्मोस? अरे भाई ये तो 2005 से बोल रहे हैं... अब तक जितनी खरीदी वो भी नहीं चली, अब फिर सैकड़ों? ये सब ट्रोल है जो टीवी पर चल रहा है।

Sai Teja Pathivada
Sai Teja Pathivada
अग॰ 11 2025

मैंने तो सुना है कि पाकिस्तान ने अमेरिका से स्टील्थ ड्रोन खरीदे हैं... अब ब्रह्मोस का क्या? ये तो बस एक बड़ी आवाज़ वाली गोली है... 😅

Antara Anandita
Antara Anandita
अग॰ 12 2025

ब्रह्मोस-NG का वजन कम होने से Su-30 के अलावा Tejas और Rafale पर भी लोड किया जा सकता है। ये असली टेक्नोलॉजी ट्रांसफर है, जिसमें DRDO और NPOL ने मिलकर काम किया है।

Gaurav Singh
Gaurav Singh
अग॰ 12 2025

अच्छा तो अब हमारे पास ब्रह्मोस है तो पाकिस्तान की नींद उड़ गई... पर उनके पास अभी भी नेशनल स्ट्राइक फोर्स है और हमारे पास अभी भी एक बार ब्रह्मोस फायर करने का अनुभव है जबकि वो लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं। ये सब बस इमेजिंग है

Priyanshu Patel
Priyanshu Patel
अग॰ 13 2025

भाई ये तो जीत की बात है ना! जब देश का हथियार दुनिया का सबसे तेज़ हो जाए तो दिल भर जाता है 💪🇮🇳 इसके बाद कोई भी देश सोचेगा दो बार!

ashish bhilawekar
ashish bhilawekar
अग॰ 14 2025

ये ब्रह्मोस तो जैसे अंग्रेजों का गोला लेकर बनाया गया है... लेकिन अब इसे हमने भारतीय खून से गर्म कर दिया है! अब जब ये उड़ेगा तो आसमान भी डर जाएगा 🔥🔥🔥

Vishnu Nair
Vishnu Nair
अग॰ 15 2025

अगर हम ब्रह्मोस-NG को फिट करने की बात करें तो इसकी डायनेमिक लोड बैलेंसिंग और फ्लाइट कंट्रोल एल्गोरिथम ने लगभग 37% एयर ड्रैग रिडक्शन किया है, जिसके कारण इसकी मैक नंबर 3.5 से बढ़कर 3.8 हो गया है, और ये टारगेट एक्यूरेसी भी एम्बिएंट टेम्परेचर वेरिएशन के साथ 2.3 मीटर सीईपी तक पहुंच गई है जो बहुत बड़ी बात है

Kamal Singh
Kamal Singh
अग॰ 15 2025

हम जिस तरह से ब्रह्मोस को अपनाए जा रहे हैं, वो दिखाता है कि भारत अब सिर्फ डिफेंस नहीं, बल्कि डिटरेंस के लिए तैयार है। इस तरह के हथियारों का निर्माण हमारे युवाओं ने किया है, जो दुनिया के सामने अपनी क्षमता दिखा रहे हैं।

Jasmeet Johal
Jasmeet Johal
अग॰ 17 2025

ब्रह्मोस बहुत अच्छा है लेकिन अगर एयर डिफेंस ने नहीं रोका तो ये तो बस एक बड़ी आवाज़ थी

Abdul Kareem
Abdul Kareem
अग॰ 17 2025

ये सब तो अच्छा है लेकिन क्या हमने इसके लिए जितना खर्च किया वो रक्षा बजट के अन्य क्षेत्रों जैसे जमीनी बलों के बुनियादी ढांचे पर नहीं खर्च किया जा सकता था?

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