अगर आप भारतीय इतिहास या समकालीन सामाजिक कार्यों में रूचि रखते हैं, तो शायद आपने बुद्धदेब भट्टाचार्य का नाम सुना होगा। वह एक सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक और विचारक हैं, जिन्होंने शिक्षा और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कई पहलें शुरू कीं।
बुद्धदेब का जन्म मध्य प्रदेश के एक छोटे कस्बे में हुआ था। बचपन से ही पढ़ाई में तेज़ थे और सामाजिक मुद्दों पर सवाल उठाते रहते थे। कॉलेज के बाद उन्होंने सामाजिक सेवा में अपना करियर बनाया और कई NGOs में काम किया।
उनके सबसे बड़े प्रोजेक्ट में एक ग्रामीण स्कूल नेटवर्क शामिल है, जहाँ उन्होंने गाँव‑गाँव में 50 से ज्यादा स्कूल स्थापित किए। इस नेटवर्क का उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना और ड्रॉप‑आउट रेट को कम करना है।
इसके अलावा, बुद्धदेब ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए। महिलाओं को सिलाई, फॉर्मिंग और माइक्रो‑क्रेडिट के बारे में जानकारी दी गई, जिससे कई परिवारों की आय में सुधार आया।
वह अक्सर मीडिया में अपने विचार शेयर करते हैं। हाल ही में उन्होंने डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च किया, जहाँ ग्रामीण लोग मुफ्त में कंप्यूटर कोर्स कर सकते हैं।
कौवे का घोंसला ने अभी हाल ही में बुद्धदेब के नए प्रोजेक्ट की घोषणा की है – “ग्रीन इंडिया”। इस अभियान में गाँवों में सौर पैनल लगाकर ऊर्जा समस्या को हल करने की कोशिश होगी। बजट के अनुसार अगले दो साल में 200 गाँवों में यह कार्य होगा।
वहीँ, उनके द्वारा लिखी गई नई किताब “समाजिक बदलाव की राह” भी इस महीने रिलीज़ हो रही है। इस किताब में उन्होंने अपने अनुभवों को कहानी के रूप में पेश किया है, जिससे आम पाठक भी आसानी से समझ सके।
अगर आप उनके काम से जुड़ना चाहते हैं, तो वेबसाइट पर वॉलंटियर फॉर्म भर सकते हैं या सोशल मीडिया पर #BuddhadevBhatta को फॉलो कर नवीनतम अपडेट्स पा सकते हैं।
संक्षेप में, बुद्धदेब भट्टाचार्य सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक विचार और कार्रवाई का मिश्रण हैं। उनकी कोशिशें दिखाती हैं कि छोटे‑छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं। आप भी अगर बदलाव में भाग लेना चाहते हैं, तो उनके प्रोजेक्ट्स में जुड़ें – यही सबसे आसान रास्ता है।
पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का 8 अगस्त 2024 को कोलकाता स्थित उनके आवास में निधन हो गया। 80 वर्षीय भट्टाचार्य लंबे समय से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।