दादा: हमारे जीवन में खास स्थान

क्या आपने कभी सोचा है कि दादा हमारे जीवन में कितनी बड़ी भूमिका निभाते हैं? बच्चे के लिए दादा सिर्फ़ एक वृद्ध व्यक्ति नहीं, बल्कि एक दोस्त, शिक्षक और कभी‑कभी सच्चे साथी होते हैं। उनकी कहानियों में इतिहास छुपा होता है, उनकी सलाह में अनुभव और उनकी प्यार में सुकून। इस लेख में हम दादा के साथ बिताए यादगार पलों, उनके साथ बेहतर संवाद और उनकी सेहत का ख्याल रखने के आसान उपायों पर बात करेंगे।

दादा के साथ बीते यादगार पल

दादा के साथ समय बिताना अक्सर सरल होता है—एक बगीचे में गहरी बात, पुरानी तस्वीरें देखना या उनके बचपन के खेल सीखना। अक्सर हम अपनी व्यस्तता में भूल जाते हैं कि दादा को भी नई चीज़ें सीखनी होती हैं। इसलिए उन्हें तकनीकी या सांस्कृतिक अपडेट्स से जोड़ना फायदेमंद रहता है। आप उनके साथ मोबाइल पर फ़ोटो शेयर कर सकते हैं, या पुराने गाने सुनाकर उनकी यादों को ताज़ा कर सकते हैं।

एक दिलचस्प तरीका है ‘दादा‑बच्चा कहानी सत्र’ रखना। हर हफ़्ते एक शाम को दादा को बुलाएँ और उनसे वह कहानी सुनें जो उन्होंने बचपन में सुनी थी। यह न सिर्फ़ आपके बंधन को गहरा करता है, बल्कि दादाजी को भी अकेलेपन से बचाता है।

दादा की देखभाल के आसान उपाय

भले ही दादा काफी अनुभवी हों, उम्र के साथ कई स्वास्थ्य समस्याएँ सामने आती हैं। रक्तचाप, डायाबिटीज़ और हड्डियों की कमजोरी आम हैं। इनके लिए नियमित चेक‑अप जरूरी है। आप उन्हें हर तीन महीने में एक बार डॉक्टर के पास ले जा सकते हैं और साथ में रक्त शर्करा और प्रेशर की निगरानी रख सकते हैं।

खान‑पान भी देखना चाहिए। दादा को हल्की, पोषण‑सम्पन्न डाइट देना अच्छा रहेगा—दाल, सब्ज़ी, दही और पूरे अनाज। तेज़ी से पचा देने वाले खाने से बचें और नमक की मात्रा कम रखें। अगर दादाजी को दवा लेनी पड़ती है, तो उनका शेड्यूल लिखकर फ्रिज में रख दें, ताकि कभी दवा भूलें नहीं।

शारीरिक एक्टिविटी का महत्व मत कम आंकें। रोज़ाना 20‑30 मिनट तेज़ योग या हल्की वॉक दादाजी की हड्डियों को मजबूत रखती है। इसके अलावा, दादाजी को छोटे‑छोटे स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ करवाने से जॉइंट्स में लचक बनी रहती है।

सामाजिक सहभागिता भी स्वास्थ्य का बड़ा पहलू है। दादा को सामुदायिक केंद्र में योग क्लास, संगीत सत्र या पठन कार्यक्रमों में भाग लेने का प्रोत्साहन दें। इससे उनका मन प्रसन्न रहता है और डिप्रेशन के जोखिम कम होते हैं।

अंत में, दादाजी के साथ संवाद का दरवाज़ा हमेशा खुला रखें। रोज़ कुछ मिनट उनका दिन पूछने में लगाएँ, उनके विचार सुनें और उन्हें बताएं कि आप उनके लिए कितना महत्व रखते हैं। इससे न सिर्फ़ उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि आप भी खुश रहेंगे।

दादा हमारे जीवन में एक अनमोल धरोहर हैं। उनके साथ बिताए पल, उनके अनुभव और उनकी देखभाल हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। तो आज ही अपने दादा को ज़रूर कॉल करें, एक छोटी सी गली का स्नैक शेयर करें और उनका दिन बनाएं खास।

सौरव गांगुली: भारतीय क्रिकेट के 'दादा' का 52वां जन्मदिन
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 8 जुल॰ 2024

सौरव गांगुली: भारतीय क्रिकेट के 'दादा' का 52वां जन्मदिन

सौरव गांगुली, भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान जिन्हें भारतीय क्रिकेट को पुनः विश्वास दिलाने का श्रेय दिया जाता है, आज 52 वर्ष के हो गए। 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' के नाम से मशहूर गांगुली ने 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ अपने टेस्ट डेब्यू पर शतक बनाया था। गांगुली ने युवराज सिंह और हरभजन सिंह जैसे कई युवा प्रतिभाओं को निखारा और भारत को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत दिलाई।