क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटे से गाँव से निकले इस वैज्ञानिक ने भारत को कैसे बदल दिया? एपीजे अब्दुल कलाम, जिसे हम सभी प्यार से डॉ. कलाम बुलाते हैं, यही कहानी है – छोटे सपनों से बड़ी उड़ान तक का सफर।
कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, छोटे टाउन में हुआ था। उनका परिवार साधारण था, लेकिन उनके पिता ने हमेशा ईमानदारी और मेहनत की महत्ता सिखाई। स्कूल में पढ़ते समय कलाम को गणित और विज्ञान में खास दिलचस्पी हुई। एक रोज़ उन्होंने एक छोटा रॉकेट बनाकर दिखाया, जिससे उनके शिक्षक भी हैरान रह गए।
इन्ही छोटे-छोटे प्रयोगों ने उन्हें आगे बढ़ाया। उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से की और बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में काम किया। यहाँ उन्होंने भारत के पहले सार्वभौमिक मिसाइल प्रोजेक्ट में हिस्सा लिया।
1998 में भारत ने अपना पहला उपग्रह छात्रों के लिए लॉन्च किया, जिसे कलाम ने ‘सैटेलाइट रिसोर्सेज़ प्रोफेट’ कहा। जल्द ही उनके काम को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया और 2002 में उन्हें भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। राष्ट्रपति पद पर रहते हुए उन्होंने युवाओं को ‘विज़न 2020’ जैसे लक्ष्य दिखाए और हर स्कूल में विज्ञान को बढ़ावा दिया।
डॉ. कलाम की सबसे बड़ी ताक़त उनका ‘सेवा भरी सोच’ थी। उन्होंने कहा था, “सपने देखो, पर उन्हें सच करने की कोशिश करो।” इस साधारण लेकिन गहरी बात ने लाखों छात्र-छात्राओं को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ाया। उनका लोकप्रिय पुस्तक ‘इंडिया 2020’ आज भी कई विद्यार्थियों की बुकशेल्फ़ पर है।
अगर आप उनका संक्षिप्त सार जानना चाहते हैं, तो बस इन बातों को याद रखें: 1) निरंतर सीखते रहना, 2) टीम वर्क को महत्व देना, 3) असफलताओं से डरना नहीं। कलाम ने हमेशा कहा कि ‘असफलता सिर्फ़ एक कदम है सफलता की ओर’। यह विचार आज के व्यस्त जीवन में भी उतना ही लागू होता है।
कौवे का घोंसला में हमने कई लेखों में डॉ. कलाम की जीवनी, उनके विचार और प्रेरक उद्धरण साझा किए हैं। चाहे आप छात्र हों, प्रोफ़ेशनल या बस शौकिया ज्ञान चाहते हों, यहाँ आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी हर जरूरी जानकारी मिलेगी।
तो अगली बार जब आप कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करें या चुनौती का सामना करें, तो डॉ. कलाम की बात याद रखें: “आकाश ही सीमा नहीं, मन की सोच ही सीमा है।” यह सोच आपके लक्ष्य को स्पष्ट करेगी और आपको आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
आज भारत के 'मिसाइल मैन', डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की नौवीं पुण्यतिथि है। 1931 में जन्में कलाम ने भारतीय स्पेस और मिसाइल कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे और 1997 में भारत रत्न से सम्मानित हुए। उनके प्रमुख योगदानों में प्रथ्वी, अग्नि और त्रिशूल मिसाइलों का विकास शामिल है।