दिल का दौरा, यानी हार्ट अटैक, अक्सर अचानक होता है और अगर समय पर नहीं पहचानें तो बहुत खतरनाक हो सकता है। आसान शब्दों में कहें तो जब दिल की धमनियों में रक्त का प्रवाह रुक जाता है, तो दिल के उस हिस्से को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वह हिस्से को नुकसान पहुंचता है। यह दर्द, सांस की तकलीफ़ या यहाँ तक कि पूरी तरह बेहोशी की वजह बन सकता है।
हर व्यक्ति का अनुभव अलग हो सकता है, पर आम तौर पर ये लक्षण दिखते हैं:
यदि इनमें से दो या अधिक लक्षण एक साथ दिखें, तो तुरंत मदद लेनी चाहिए।
दौरे को पूरी तरह रोकना मुश्किल है, पर जीवनशैली में छोटे‑छोटे बदलाव बड़ी सहेती लाती हैं। यहाँ कुछ आसान कदम हैं:
अगर आपको या आपके परिवार में कोई दिल की बीमारी है, तो डॉक्टर से नियमित चेक‑अप करवाते रहें। पहले से पता चलने वाले जोखिम कारकों को नियंत्रित करना अक्सर हार्ट अटैक को टाल सकता है।
आपातकालीन स्थिति में क्या करें? सबसे पहले, 102 या स्थानीय इमरजेंसी नंबर पर कॉल करें। फिर व्यक्ति को आरामदेह जगह पर ले जाएँ, बिस्तर पर सपाट रखें और अगर सिर्फ़ छाती में दर्द है तो चबाने वाली एस्परिन (यदि डॉक्टर ने पहले से अनुमति दी हो) दें। दिल की धड़कन को महसूस करने की कोशिश करें, लेकिन किसी भी तरह से शारीरिक प्रयास न करवाएँ।
हार्ट अटैक के बाद पुनर्वास भी बहुत ज़रूरी है। डॉक्टर की सलाह मानकर दवाइयाँ ले, डाइट प्लान फॉलो करें और धीरे‑धीरे व्यायाम शुरू करें। अक्सर एंजाइना या रक्तस्राव वाले रोगियों को कार्डियोवास्कुलर रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम में भाग लेना चाहिए, जिससे दिल की ताकत फिर से बनती है।
सार में, हार्ट अटैक गंभीर है पर सही जानकारी और समय पर कार्रवाई से इसका नुकसान कम किया जा सकता है। लक्षणों को पहचानें, जीवनशैली में सुधार लाएँ और डॉक्टर से नियमित संपर्क रखें। ऐसा करने से आप अपनी और अपने परिवार की दिल‑सेहत को बहुत हद तक सुरक्षित रख सकते हैं।
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