ITR डेडलाइन – क्या आपको पता है?

जब आप अपना ITR डेडलाइन तय करते हैं, तो पता होना चाहिए कि यह केवल एक तिथि नहीं, बल्कि एक पूरी प्रक्रिया का आरम्भ बिंदु है। जब काम आता है ITR डेडलाइन, आयकर रिटर्न जमा करने की अंतिम तिथि. Also known as आयकर रिटर्न अंतिम तिथि, it marks the cut‑off point after which जुर्माना और पेन्हल्टी लगते हैं. इस तिथि से पहले आयकर, सरकार द्वारा वर्गीकृत कर प्रणाली का पूरा आँकलन करना जरूरी है, ताकि अससमेंट ईयर (जिस वर्ष के लिए कर देना है) सही से निर्धारित हो सके। साथ ही अससमेंट ईयर, वित्तीय वर्ष के बाद का कर गणना वर्ष समझना फाइलिंग की वैधता के लिए अहम है। जब आप ITR फॉर्म (जैसे ITR‑1, ITR‑2) भरते हैं, तो ITR फॉर्म, आय के प्रकार के अनुसार अलग‑अलग फॉर्म चयन करना चाहिए, ताकि सिस्टम आपके डेटा को सही ढंग से प्रोसेस करे। अंत में, PAN, स्थायी खाता संख्या, जो करदाता की पहचान है देना अनिवार्य है; बिना PAN के फाइलिंग अस्वीकृत हो सकती है। इस तरह ITR डेडलाइन, आयकर, अससमेंट ईयर, ITR फॉर्म और PAN आपस में जुड़ते हैं और एक दूसरे को प्रभावित करते हैं।

डेडलाइन तक क्या‑क्या तैयार करना चाहिए?

पहला कदम है अपने सभी वित्तीय दस्तावेज़ एक जगह इकट्ठा करना – बैंक स्टेटमेंट, फॉर्म‑16, TDS प्रमाण पत्र और निवेश‑संबंधी दस्तावेज़। इनको व्यवस्थित करके आप आसानी से यह देख पाएंगे कि आपका टोटल टैक्सेबल इनकम कितना है और कौन‑से छूट या डिडक्शन आप ले सकते हैं। दूसरा, पोर्टल पर लॉग‑इन करके अपने ITR डेडलाइन के कैलेंडर को चेक करें, क्योंकि हर साल तारीख थोड़ा‑बहुत बदल सकती है; 2025 में आखिरी तिथि आम तौर पर 31 जुलाई है, लेकिन अगर आप एसेट‑लीज़ या इन्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स जैसी विशेष छूट का दावा कर रहे हैं तो 30 सितंबर तक का एक्सटेंशन मिल सकता है। तीसरा, फॉर्म‑टाइप का चयन करें – सैलरीड कर्मचारियों के लिए ITR‑1, फ्रीलांसर्स और प्रॉपर्टी इनकम वाले लोगों के लिए ITR‑2 या ITR‑3 बेहतर रहेगा। सही फॉर्म चुनने के बाद ऑनलाइन वैलिडेशन टूल से डाटा एरर चेक करें, ताकि रिटर्न जमा करने के बाद ट्रांसेक्शन फेल न हो। अंत में, रिटर्न सबमिट करने के बाद आयकर पोर्टल से ‘आवॉर्ड नंबर’ और ‘वेरिफिकेशन स्टेटस’ डाउनलोड करें; यह दस्तावेज़ भविष्य में आयकर डिपार्टमेंट के साथ किसी भी विवाद को रोकता है।

इन तैयारियों को कदम‑दर‑कदम अपनाते हुए आप न केवल डेडलाइन से पहले फाइलिंग कर लेंगे, बल्कि टैक्स बचत भी बढ़ा पाएंगे। नीचे की सूची में आज हमने जिन प्रमुख लेखों को इकट्ठा किया है, उनमें से प्रत्येक आपको ITR डेडलाइन के अलग‑अलग पहलुओं – नई नीतियों, डिजिटल साइनिंग, पेनल्टी कैलकुलेशन और तत्काल सवाल‑जवाब – के बारे में विस्तार से समझाएगा। अब आप इस जानकारी के साथ आगे बढ़ सकते हैं, चाहे आप पहली बार फाइल कर रहे हों या पिछले साल की रिटर्न को सुधारने की सोच रहे हों।

टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाई: CBDT ने 30 सित. से 31 अक्टूबर 2025 तक किया विस्तार
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 25 सित॰ 2025

टैक्स ऑडिट डेडलाइन बढ़ाई: CBDT ने 30 सित. से 31 अक्टूबर 2025 तक किया विस्तार

केन्द्रीय राजस्व बोर्ड ने आयकर ऑडिट की अंतिम तिथि को 30 सितम्बर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी। यह कदम चार्टर्ड अकाउंटेंट संघों की लगातार दावों और तकनीकी व प्राकृतिक बाधाओं के चलते लिया गया। नए ICAI फॉर्मेट और पोर्टल गड़बड़ियों ने प्रक्रिया को जटिल बना दिया। विस्तार से करदाताओं और पेशेवरों को राहत मिलने की उम्मीद है।