जमानत का मतलब है कि आप कुछ शर्तें पूरी करके पुलिस या कोर्ट की हिरासत से बाहर निकल सकते हैं। इसका मूल उद्देश्य है कि आपका केस चलने के दौरान आप घर में रह पाएँ, लेकिन अदालत के आदेशों का पालन करना होगा। अगर आप कोई अपराध के आरोपी हैं और अभी तक सजा नहीं हुई, तो अक्सर जमानत मांगी जा सकती है।
जमानत मिलने की संभावना कई बातों पर निर्भर करती है – जैसे आपके खिलाफ कितनी सजा का केस है, आप पहले कभी अपराध किए हैं या नहीं, और अदालत को आपका मूविंग क्यों चाहिए। अगर आपका केस बहुत गंभीर नहीं है या आप पहले कभी कोर्ट में फेल नहीं हुए, तो जमानत मिलने की सम्भावना ज़्यादा रहती है।
जमानत के दो आम प्रकार होते हैं – सशर्त जमानत और अनशर्त जमानत। सशर्त जमानत में आपसे कुछ शर्तें लगाई जाती हैं, जैसे कि पुलिस को रिपोर्ट देना, अपराध की जगह के पास न जाना, या फ्रेंड्स या परिवार के साथ रहने की अनुमति न देना। अनशर्त जमानत में कोई शर्त नहीं लगती, बस आपका नाम अदालत की लिस्ट में रह जाता है।
दूसरा प्रकार है बॉन्ड जमानत, जहाँ आपको एक निश्चित राशि कोर्ट या पुलिस को जमा करनी पड़ती है। अगर आप कोर्ट में टाइम पर आते हैं तो वह राशि वापस मिल जाती है, नहीं तो सौदा ख़त्म। कभी‑कभी जेल की जगह हाउसबाइंड जमानत भी दी जाती है, जहाँ आप घर से बाहर नहीं जा सकते, पर जेल नहीं जाना पड़ता।
जमानत पाने के लिए आपको सबसे पहले एक वकील से सलाह लेनी चाहिए। वकील आपके केस की रिपोर्ट पढ़कर अदालत में सही तर्क रखेगा। फिर आपको ये दस्तावेज़ तैयार करने पड़ेंगे:
इन सबको लेकर आपको कोर्ट में जाना होगा, जहाँ जज आपके केस को देखेंगे और तय करेंगे कि जमानत देनी है या नहीं। यदि जज को लगता है कि आप फर्जी काम कर सकते हैं, तो वह जमानत अस्वीकार कर सकते हैं या शर्तें कड़े कर सकते हैं।
अगर जमानत मिल जाती है, तो आपको यह ध्यान रखना होगा कि किसी भी शर्त का उल्लंघन न हो। एक छोटी सी गलती भी कोर्ट के सामने आपके खिलाफ हो सकती है और फिर से जेल हो सकती है। इसलिए जमानत मिलने के बाद हमेशा कोर्ट की नोटिस और शर्तों को अपने पास रखें।
सारांश में, जमानत का मतलब है कोर्ट की एक सुविधा, जिससे आप मुकदमे के दौरान घर रह सकते हैं, पर कुछ नियमों का पालन जरूर करना पड़ता है। सही वकील, साफ दस्तावेज़ और शर्तों का पालन आपको जमानत मिलने की संभावनाओं को बढ़ाता है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस स्थिति में है, तो जल्दी से जल्दी कानूनी मदद लेनी चाहिए, ताकि केस का सही दिशा में आगे बढ़ सके।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में जमानत दे दी है। फरवरी 2023 में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए सिसोदिया को अदालत ने जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है, जिसमें शर्तें भी शामिल हैं।