मानिष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत: शराब नीति घोटाले में जेल से बाहर

घर मानिष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत: शराब नीति घोटाले में जेल से बाहर

मानिष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत: शराब नीति घोटाले में जेल से बाहर

9 अग॰ 2024

在 : Sharmila PK समाचार टिप्पणि: 7

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। सिसोदिया को फरवरी 2023 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और मार्च 2023 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि मुकदमे में देरी होने के कारण सिसोदिया को जमानत दी गई है।

कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया 17 महीनों से बिना मुकदमे के जेल में बंद हैं, जो कि उनके त्वरित मुकदमे के अधिकार का उल्लंघन है। पीठ ने इस बात पर भी जोर दिया कि बड़ी संख्या में गवाहों और दस्तावेजों के कारण निकट भविष्य में मुकदमा समाप्त होने की कोई संभावना नहीं है। सिसोदिया को 10 लाख रुपए के बेल बॉण्ड भरने, पासपोर्ट जमा करने और हर सोमवार को पुलिस स्टेशन में हाजिरी देने जैसी शर्तों के साथ जमानत दी गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने 'जमानत नियम है, जेल अपवाद' के सिद्धांत को दुहराते हुए सीबीआई और ईडी के समान बेल शर्तों के अनुरोध को खारिज कर दिया। यह फैसला दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े लंबी कानूनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।

मनीष सिसोदिया के समर्थन में आए आप नेता

आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। आप नेता संजय सिंह और राघव चड्ढा ने इसे सत्य की जीत बताते हुए खुशी जताई और अन्य आप नेताओं, जिनमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल हैं, की रिहाई की उम्मीद जताई है।

संसद और कानून विशेषज्ञों का मानना है कि कोर्ट का यह फैसला मानवाधिकारों और न्यायिक प्रक्रियाओं के महत्व को दर्शाता है। यह इस बात पर भी जोर देता है कि किसी भी व्यक्ति को लंबे समय तक बिना किसी मुकदमे के जेल में नहीं रखा जाना चाहिए।

आगे की कानूनी प्रक्रियाएं

मनीष सिसोदिया की रिहाई के बाद अब सभी की निगाहें आगे होने वाली कानूनी प्रक्रियाओं और इस केस के भविष्य पर टिकी हुई हैं। इस केस के साथ ही अन्य नेताओं के मामलों में भी कोर्ट का फैसला अहम भूमिका निभाएगा।

सिसोदिया के मामले में अदालत ने बोला कि बेल एक अधिकार है और जेल अपवाद। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिद्धांत और मामलों पर भी लागू होगा? दिल्ली शराब नीति घोटाले में अब तक की जांच और कोर्ट का यह फैसला निश्चित रूप से अन्य मामलों पर भी प्रभाव डाल सकता है।

मामले के महत्वपूर्ण बिंदु

मामले के महत्वपूर्ण बिंदु

  • फरवरी 2023 में सिसोदिया की गिरफ्तारी
  • मार्च 2023 में ईडी द्वारा आगे की जांच
  • 17 महीने से जेल में बिना मुकदमे के बंद रहना
  • कोर्ट द्वारा ₹10 लाख का बेल बॉण्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्तें

जमानत मिलने के बाद सिसोदिया के परिवारजनों और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। यह देखना होगा कि आगे की कानूनी लड़ाई में और कौन-कौन से कदम उठाए जाते हैं और इससे जुड़े अन्य मामलों में क्या मोड़ आता है।

टिप्पणि
Abdul Kareem
Abdul Kareem
अग॰ 10 2024

ये फैसला सिर्फ एक व्यक्ति की रिहाई नहीं, बल्कि न्याय के सिद्धांत की जीत है। 17 महीने बिना फैसले के जेल में रखना कोई न्याय नहीं है। अदालत ने सही रास्ता चुना है।

Namrata Kaur
Namrata Kaur
अग॰ 11 2024

अब जमानत मिल गई तो बस घर जाकर आराम करे। बाकी कानूनी बातें धीरे-धीरे सुलझेंगी।

indra maley
indra maley
अग॰ 12 2024

जेल अपवाद है और जमानत नियम। ये सिर्फ एक मामला नहीं ये एक संकेत है कि अदालत अभी भी उस दर्पण को देखती है जिसमें हम सब दिखते हैं। बस इतना ही चाहिए।

Kiran M S
Kiran M S
अग॰ 14 2024

देखो ये सब जो लोग अब न्याय की बात कर रहे हैं वो तो उन्हीं के बच्चे हैं जिन्होंने शराब की नीति बनाई थी। अब जब जेल लग गई तो न्याय की बात शुरू हो गई। असली न्याय तो वो होता है जब बर्बरता के खिलाफ आवाज उठती है न कि जब जेल से बाहर आने का मौका मिले।

Paresh Patel
Paresh Patel
अग॰ 16 2024

ये फैसला एक नई शुरुआत है। अब तक लोगों को लगता था कि जेल में डाल देना ही सबसे आसान तरीका है। लेकिन आज अदालत ने कहा कि इंसान का अधिकार ज्यादा महत्वपूर्ण है। अब बाकी सभी मामलों में भी यही दिशा चलेगी।

anushka kathuria
anushka kathuria
अग॰ 16 2024

इस फैसले के बाद अब अन्य आरोपियों के लिए भी जमानत की गुहार लगनी चाहिए। न्याय का सिद्धांत एक ही होना चाहिए।

Noushad M.P
Noushad M.P
अग॰ 18 2024

अब जमानत मिल गई तो अब ये सब लोग निकल गए और फिर से चलने लगे जैसे कुछ हुआ ही नहीं। जब जेल में थे तो जमानत के लिए बहुत बोले अब बाहर आ गए तो चुप।

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