दिग्गज अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स, डार्थ वाडर और मुफासा की आवाज़, का 93 वर्ष की आयु में निधन

घर दिग्गज अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स, डार्थ वाडर और मुफासा की आवाज़, का 93 वर्ष की आयु में निधन

दिग्गज अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स, डार्थ वाडर और मुफासा की आवाज़, का 93 वर्ष की आयु में निधन

10 सित॰ 2024

在 : Sharmila PK मनोरंजन टिप्पणि: 11

दिग्गज अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स का निधन

जेम्स अर्ल जोन्स, जिनकी पहचान उनकी गहरी और सशक्त आवाज़ से की जाती है, का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने अपने जीवन का आखिरी समय न्यूयॉर्क स्थित डचेस काउंटी के घर में बिताया। जेम्स का जन्म 17 जनवरी, 1931 को अर्कबुटला, मिसिसिप्पी में हुआ था और उन्होंने अपने शानदार करियर में कई यादगार किरदारों को अपनी आवाज़ देकर जीवंत किया।

डार्थ वाडर और मुफासा की आवाज़

जोन्स को सबसे ज्यादा याद किया जाएगा स्टार वार्स फ्रेंचाइजी के डार्थ वाडर और डिज्नी के द लायन किंग के मुफासा के रूप में। उन्होंने डार्थ वाडर की आवाज़ को एक नया और धमाकेदार आयाम दिया। इसके अलावा, मुफासा के रूप में उनकी गहरी और भावुक आवाज़ ने पूरे विश्व के दर्शकों के दिल पर अमिट छाप छोड़ी।

जोन्स ने न सिर्फ इन किरदारों को आवाज़ दी बल्कि अन्य एनिमेटेड फिल्मों में भी अपना योगदान दिया है, जैसे कि 2005 में 'रोबोट्स' और 2009 में 'जैक एंड द बीनस्टॉक'।

जीवंत करियर

जोन्स का करियर सिर्फ आवाज़ अदाकारी तक सीमित नहीं था। उन्होंने कई यादगार लाइव-एक्शन फिल्मों में भी काम किया। जैसे 'द सैंडलॉट' (1993) में मिस्टर मर्टल और 'कमिंग टू अमेरिका' (1988) में किंग जाफी जोफर। उनकी उत्कृष्ट अभिनय प्रतिभा के कारण वह अपने समय के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेताओं में से एक गिने जाते हैं।

EGOT प्राप्तकर्ता

जोन्स एक दुर्लभ EGOT प्राप्तकर्ता थे, जिसका मतलब है कि उन्होंने एमी, ग्रैमी, ऑस्कर और टोनी अवार्ड जीते थे। उनका ऑस्कर पुरस्कार मानद था, लेकिन उन्होंने दो प्राइमटाइम एमी अवार्ड्स, एक डे टाइम एमी, 1977 में एक स्पोकन- वर्ड ग्रैमी और तीन टोनी अवार्ड्स जीते थे।

ब्रॉडवे का सफर

जेम्स अर्ल जोन्स का ब्रॉडवे करियर भी अद्वितीय था। 2022 में, मैनहैटन के कोर्ट थिएटर का नाम बदलकर 'द जेम्स अर्ल जोन्स थिएटर' रखा गया, जहां उन्होंने 1958 में 'सनराइज एट कैंपोबेलो' नाटक से अपने ब्रॉडवे करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने मंचीय करियर में कई उत्कृष्ट प्रदर्शन किए, जिससे उन्हें तीन टोनी अवार्ड्स मिले, जिनमें से एक 2017 में लाइफटाइम एचीवमेंट के लिए था।

टीवी और अन्य परियोजनाएं

जोन्स ने टीवी पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया, जहां 1991 में 'गैब्रियल्स फायर' और 'हीट वेव' के लिए उन्हें पुरस्कार मिले। 2001 में, उन्होंने 'द क्रिसमस मिरेकल ऑफ जोनाथन टूमी' के लिए बेस्ट स्पोकन वर्ड एल्बम फॉर चिल्ड्रेन के लिए ग्रैमी अवार्ड जीता।

जेम्स अर्ल जोन्स का करियर एक प्रेरणादायक गाथा है, जहां उन्होंने विविध और जटिल भूमिकाओं को अपने विशेष अंदाज में निभाया। उनका योगदान सभी माध्यमों में अपूर्व है और उनका प्रभाव आने वाली पीढ़ियों तक याद किया जाएगा। उनकी आवाज़, अभिनय और प्रतिष्ठा ने उन्हें सिनेमा और थिएटर की दुनिया में एक विशेष स्थान दिलाया है।

उनकी विरासत को सहेजते हुए हमें यह स्वीकारना होगा कि जेम्स अर्ल जोन्स के द्वारा निभाए गए किरदार और उनका असामान्य टैलेंट हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेगा।

टिप्पणि
Noushad M.P
Noushad M.P
सित॰ 11 2024

ये आदमी तो बस एक आवाज़ था... पर उस आवाज़ ने पूरी दुनिया को रो दिया। डार्थ वाडर की आवाज़ सुनकर मैंने अपने बचपन का डर भूल गया।

Renu Madasseri
Renu Madasseri
सित॰ 12 2024

मैंने जब पहली बार 'द लायन किंग' देखा था, तो मुफासा की आवाज़ ने मुझे एक ऐसा अहसास दिया जैसे मेरे पिता खुद बोल रहे हों। जेम्स अर्ल जोन्स की आवाज़ में दर्द, ताकत और प्यार सब कुछ था।

Sanjay Singhania
Sanjay Singhania
सित॰ 13 2024

इस आदमी की आवाज़ का ontological weight बहुत अलग था। ये एक लिंगुइस्टिक फेनोमेनॉन था - जहां phonation और prosody का मिश्रण एक सांस्कृतिक सिंबल बन गया। डार्थ वाडर ने जो शक्ति दिखाई, वो सिर्फ साउंड नहीं, बल्कि एक एक्सिस्टेंशियल फ्रेमवर्क था।

Archana Dhyani
Archana Dhyani
सित॰ 13 2024

मुझे लगता है कि इस आदमी को बहुत कम समझा गया। उन्होंने जो किया, वो एक अभिनेता का काम नहीं था - ये एक नए अर्थ का निर्माण था। आवाज़ को एक शारीरिक वस्तु बनाया, जिसे आप छू सकते हैं, जिसे आप सांस ले सकते हैं। उनकी आवाज़ ने अभिनय की परिभाषा ही बदल दी। और फिर भी, हम इसे बस एक 'आवाज़' कह देते हैं। क्या ये हमारी अनुपयुक्तता नहीं है?

Raghunath Daphale
Raghunath Daphale
सित॰ 13 2024

ये आदमी तो बस एक आवाज़ था... पर उस आवाज़ ने पूरी दुनिया को रो दिया। डार्थ वाडर की आवाज़ सुनकर मैंने अपने बचपन का डर भूल गया। 😭🔥

anushka kathuria
anushka kathuria
सित॰ 14 2024

जेम्स अर्ल जोन्स के निधन के समय उनके जीवन के विस्तृत योगदान को देखना आवश्यक है। उन्होंने न केवल आवाज़ दी, बल्कि एक सांस्कृतिक विरासत बनाई। उनका ब्रॉडवे करियर, एमी, ग्रैमी, टोनी और ऑस्कर के अवार्ड्स का संग्रह, और उनके अभिनय का दृष्टिकोण - सभी एक अद्वितीय व्यक्तित्व के साक्षी हैं। उनकी विरासत केवल फिल्मों तक सीमित नहीं है, बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति के रूप में भी बनी हुई है।

Aniket Jadhav
Aniket Jadhav
सित॰ 16 2024

मैंने जब पहली बार डार्थ वाडर सुना तो मुझे लगा कोई भूत बोल रहा है। अब जब उनकी आवाज़ नहीं है, तो लगता है जैसे कोई बहुत बड़ा दरवाज़ा बंद हो गया।

rudraksh vashist
rudraksh vashist
सित॰ 17 2024

जब मैंने अपने बेटे को 'द लायन किंग' देखाया, तो वो बोला - 'पापा, ये आवाज़ किसकी है?' मैंने कहा - 'ये एक जादूगर की है।' आज वो जादूगर चला गया।

Anoop Joseph
Anoop Joseph
सित॰ 18 2024

श्रद्धांजलि।

Guru Singh
Guru Singh
सित॰ 19 2024

उनकी आवाज़ को बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन जो जानते थे, वो हमेशा याद रखते थे। जैसे कोई गहरा सांस लेने का अहसास - जब आप उसे भूल जाते हैं, तो पता चलता है कि बिना उसके जीवन अधूरा है।

Kajal Mathur
Kajal Mathur
सित॰ 19 2024

इस व्यक्ति की उपलब्धियाँ एक अत्यंत विशिष्ट अमेरिकी अभिनय परंपरा के अंतर्गत आती हैं, जो वैश्विक संस्कृति के साथ संवाद करने में सक्षम है। उनके द्वारा निर्मित आवाज़ी अस्तित्व का सांस्कृतिक अर्थ एक नए आलोचनात्मक ढांचे की आवश्यकता रखता है - जिसमें श्रव्य अभिव्यक्ति को शारीरिक अभिनय के समान महत्व दिया जाए।

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