ममता बनर्जी: क्या हो रहा है पश्चिम बंगाल में?

अगर आप राजनीति के शौकीन हैं तो ममता बनर्जी का नाम सुनते ही दिमाग में ‘ट्रैफ़िक समस्याओं से लेकर राज्य विकास तक’ की तस्वीर आनी चाहिए। पिछले कुछ महीनों में उनके कई फैसले काफी चर्चा में रहे - चाहे वो नई स्वास्थ्य योजना हो या रेल कनेक्शन का विस्तार। इस लेख में हम उनके हालिया कार्यों, भविष्य की योजनाओं और कुछ विवादों को सरल भाषा में समझेंगे।

ममता बनर्जी की राजनीति का सफर

ममता बनर्जी ने 1990 के दशक में सिविक एक्टिविस्ट के तौर पर शुरुआत की, फिर 1998 में कांग्रेस में शामिल हुईं। 2001 में उन्होंने तृतीय विश्वव्यापी मंच पर अपने बैनर तानसेन बनाने की बात कही, पर आज वही बैनर उनके ‘अज्जोला’ के रूप में मशहूर है। 2011 में उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर लिखी पहल से मुख्यमंत्री बनकर पहला कदम रखा, जिससे वह पश्चिम बंगाल में पहली महिला बने।

उनकी राजनीति का मुख्य आकर्षण ‘जन कार्य योजना’ रहा है। सडकों, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य शिक्षा पर उनका फोकस अक्सर मीडिया में उजागर होता है। इससे जनता का ध्यान आकर्षित हुआ और कई बार चुनावी जीत में मदद मिली।

हालिया प्रमुख पहल और योजनाएं

1. दिल्ली‑कोलकाता हाई‑स्पीड रेल: ममता ने इस प्रोजेक्ट को तेज करने के लिये कई बार केंद्र से मिलकर समर्थन माँगा है। उन्होंने कहा, “अगर ट्रेन 2 घंटे में चल सके तो व्यापार में नया जोश आएगा।”

2. स्मार्ट सिटी पहल: कोलकाता, दार्जिलिंग और सिलिगुड़ी को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की योजना आगे बढ़ रही है। इसमें डिजिटल कनेक्टिविटी, ई‑गवर्नेंस और पर्यावरणीय सुरक्षा पर ज़ोर दिया जा रहा है।

3. स्वास्थ्य सेवा विस्तार: उन्होंने ‘आशा’ नामक एक मुफ्त स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें ग्रामीण इलाकों में मोबाइल क्लिनिक चलाए जाते हैं। अब तक 10 लाख से अधिक लोगों को इसका लाभ मिला है।

4. शिक्षा सुधार: प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल क्लासरूम और पुस्तकालयों की संख्या बढ़ाने की योजना है। उनका लक्ष्य 2026 तक सभी सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर लैब स्थापित करना है।

5. कृषि समर्थन: किसानों को बेहतर बीज, आधुनिक उपकरण और न्यूनतम ऋण नियोजन देने के लिए ‘किसान साथी’ योजना चल रही है। इससे कृषि उत्पादन में 15% से अधिक वृद्धि की उम्मीद है।

इन योजनाओं के अलावा, कुछ विवाद भी सामने आए हैं। प्रमुख मुद्दा था ‘न्यायिक नियुक्ति’ के बारे में उनका बयान, जिससे विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाए। फिर भी ममता ने कहा कि “देश की सेवा में कोई भी आलोचना हमें रोक नहीं सकती” और उन्होंने काम को जारी रखा।

कुल मिलाकर, ममता बनर्जी की राजनीति में विकास और विवाद दोनों समान रूप से चलते हैं। अगर आप उनके कार्यों को करीब से देखना चाहते हैं तो उनके सरकारी पोर्टल और आधिकारिक बयानों को फॉलो करें। इस टैग पेज पर आप उनके सभी अपडेट, लेख और वीडियो पा सकते हैं जो आपको वर्तमान स्थिति को समझने में मदद करेंगे।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य की मृत्यु: सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक
  • Sharmila PK
  • दिनांक चढ़ा हुआ 8 अग॰ 2024

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य की मृत्यु: सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य का 8 अगस्त 2024 को कोलकाता स्थित उनके आवास में निधन हो गया। 80 वर्षीय भट्टाचार्य लंबे समय से विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।