अगर आप तकनीक में दिलचस्पी रखते हैं और वो भी ऐसी चीज़ जो आज की कंपनियों को बदल रही है, तो मशीन लर्निंग (एमएल) आपका सही रास्ता हो सकता है। अब सिर्फ फ़िल्मों में ही नहीं, बल्कि हर ऑफिस में एमएल का इस्तेमाल हो रहा है। इस लेख में हम देखेंगे कि इस फील्ड में कौन‑कौन से जॉब रोल्स हैं, क्या‑क्या सीखना जरूरी है और सैलरी कितनी मिल सकती है।
एमएल के प्रोफेशनल के लिए सबसे मशहूर टाइटल्स हैं:
इन रोल्स की जिम्मेदारी अलग‑अलग होती है, पर सभी में एक बात ज़रूरी है – डेटा और एल्गोरिद्म दोनों की समझ।
1. बेसिक प्रोग्रामिंग सीखें – पाइथन सबसे लोकप्रिय है। Numpy, Pandas, Matplotlib जैसी लाइब्रेरीज़ को हाँथ में लेना शुरू करें।
2. मैथ के फंडामेंटल्स – लाइनियर एल्जेब्रा, कैल्कुलस, प्रॉबेबिलिटी और स्टैटिस्टिक्स को समझें। ये मॉडल की बैकबोन हैं।
3. ML कोर्स या बूटकैंप – Coursera, Udacity या स्थानीय इंस्टीट्यूट के प्रोग्राम से सर्टिफिकेट लें। एनड टू एनड प्रोजेक्ट्स पर काम करना फ़ायदा देता है।
4. हैंड्स‑ऑन प्रोजेक्ट्स – Kaggle में कंपिटीशन्स जॉइन करें, ई‑कमर्स रेकोमेंडेशन या इमेज क्लासीफिकेशन जैसे प्रोजेक्ट बनाएँ। आपका पोर्टफ़ोलियो यहीं दिखेगा।
5. डेटाबेस और क्लाउड टूल्स – SQL, NoSQL, AWS/GCP/Azure के बेसिक सर्विसेज जैसे S3, EC2, SageMaker जानें। प्रोडक्शन में मॉडल डिप्लॉय करने के लिए ये ज़रूरी है।
6. नेटवर्किंग – लिंक्डइन ग्रुप्स, मीटअप्स और टेक कॉन्फ़्रेंस में लोग मिलें। अक्सर जॉब सुनने का सोर्स यही होता है।
जब आप इन स्टेप्स को फॉलो करेंगे तो आपका रिज्यूमे बनेगा: "पायथन, स्किकिट‑लर्न, टेन्सरफ़्लो, डेटाबेस, क्लाउड, प्रोजेक्ट X (Kaggle)"। कंपनियां इस फ़ॉर्मेट को पसंद करती हैं।
सैलरी की बात करें तो शुरुआती मशीन लर्निंग इंजीनियर की पैकेज 7–12 लाख रुपये वार्षिक रही है, जबकि 3‑5 साल का अनुभव रखने वाले 15–25 लाख तक जा सकते हैं। डेटा साइंटिस्ट या AI रिसर्चर के लिए ग्रेड 20‑30 लाख देखी गई है, खासकर MNCs में।
अंत में, याद रखें कि इस फील्ड में सीखना कभी ख़त्म नहीं होता। नई लाइब्रेरी, नया मॉडल या नया फ्रेमवर्क रोज़ आता रहता है। इसलिए जिज्ञासु रहिए, छोटे‑छोटे प्रोजेक्ट बनाते रहिए और अपडेटेड रहिए। यह रास्ता धैर्य और निरंतर प्रयास से ही सफल होता है।
23 साल के भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर मनोज (Manoj Tumu) ने Amazon छोड़कर Meta की AI टीम जॉइन की, पैकेज करीब ₹3.36 करोड़। उन्होंने बताया—रिज़्यूमे में प्रोफेशनल अनुभव को जगह दें, इंटर्नशिप करें, और इंटरव्यू के लिए कंपनी वैल्यूज़ पर गहरी तैयारी करें। उन्होंने वेबसाइट/LinkedIn से सीधे अप्लाई किया, रेफरल पर निर्भर नहीं रहे। उनका फोकस: लंबी अवधि की स्किल और सही करियर फैसले।