जब हम मौसम, वायुमंडल में तापमान, आर्द्रता, वायु गति और दबाव के मिलेजुले प्रभाव को कहा जाता है की बात करते हैं, तो वातावरण, धरती के चारों ओर का प्राकृतिक माहौल भी साथ में विचार में आता है। मौसम वही अनुभवी दोस्त है जो हर दिन अलग‑अलग रूप में सामने आता है – गर्मी, ठंड, बारिश या धुंध। मौसम का हर बदलाव सीधे हमारे जीवन, कृषि और यात्रा‑योजना को प्रभावित करता है।
एक अच्छा मौसम वर्णन तापमान, वायुमंडल में मापी गई गर्मी या ठंड की डिग्री के बिना अधूरा है। जब तापमान बढ़ता है, तो पसीना और जलयूकता बढ़ती है, जबकि ठंड में ऊर्जा बचाने के लिए शरीर खुद को गरम करता है। साथ ही आर्द्रता, वायुमंडल में नमी की मात्रा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है—उच्च आर्द्रता गर्मी को और भी असहज बना देती है। ये दो तत्व मिलकर दैनिक जीवन में आराम या असहजता तय करते हैं।
बारिश या वर्षा, वायुमंडल से जलवाष्प के रूप में गिरने वाला पानी मौसम का सबसे दृश्यमान भाग है। श्रृखा‑स्रोत, बाढ़ या सूखे—इन सभी स्थितियों का निर्णय वर्षा की मात्रा और समय पर निर्भर करता है। मौसम विभाग उपग्रह, रडार और ग्राउंड स्टेशन से डेटा इकट्ठा करके बारिश के पैटर्न का पूर्वानुमान लगाता है, जिससे किसान सींचाई और शहर planners बाढ़ प्रबंधन तैयार कर सकते हैं।
हवा या वायु गति, वायुमंडल में हवा का प्रवाह और दिशा भी मौसम के संकेतकों में खास जगह रखती है। तेज़ हवाओं से समुद्री लहरें ऊँची होती हैं, जबकि सुस्त हवा ठंड को अधिक महसूस कराती है। पवन ऊर्जा, जलवायु मॉडलिंग और विमानन—all depend on accurate wind data. इसलिए मौसम विज्ञानियों को सतत रूप से हवा की गति को मापना पड़ता है।
इन सभी घटकों को जोड़ते हुए जलवायु परिवर्तन, दीर्घकालिक मौसम पैटर्न में वैश्विक स्तर पर बदलाव का असर भी देखना ज़रूरी है। ग्लोबल वार्मिंग से तापमान औसत बढ़ रहा है, बरसात के मौसमी चक्रों में असामान्यता आ रही है, और समुद्र स्तर उठ रहा है। यह परिवर्तन न सिर्फ भारत में मौसम को उलट‑पुलट कर रहा है, बल्कि कृषि उत्पादन, स्वास्थ्य और आर्थिक योजना पर भी गहरा प्रभाव डाल रहा है।
अब आप जानते हैं कि मौसम सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि तापमान, आर्द्रता, बारिश, हवा और जलवायु परिवर्तन जैसे कई तत्वों का जटिल ताना‑बाना है। इस पृष्ठ पर नीचे जमा किए गए लेख, रिपोर्ट और अपडेट इन सभी पहलुओं को समझाते हैं—चाहे वह नया मौसम पूर्वानुमान हो, मौसमी आपदा से बचाव के उपाय, या जलवायु नीति की चर्चा। आइए देखें कि इन विभिन्न रोचक खबरों में से कौन‑सी जानकारी आपके रोज़मर्रा के निर्णयों में मदद कर सकती है।
5 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के 50 जिलों में तेज़ हवाओं और बिजली के लिए पीला चेतावनी जारी, जबकि दिल्ली‑एनसीआर में बादल छाया और हल्की बारिश की संभावना है।