जब भी भारत की खबरों की बात आती है, ‘मोदी’ नाम ज़रूर सुनाई देता है। चाहे वह विदेश में इमरजेंट मीटिंग हो या घर के पास नई योजना, लोगों की निगाहें हमेशा इस नेता पर रहती हैं। इस पेज पर हम मोदी से जुड़ी सबसे ताज़ा ख़बरें, उनकी प्रमुख नीतियों का असर और आम जनता की राय को आसान भाषा में लाते हैं। तो चलिए, सीधे मुद्दे पर बात करते हैं।
नरेंद्र मोदी का नाम पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में बड़े स्कैल पर आया। तब से लेकर 2014 में प्रधानमंत्री बनने तक, उनका सफर कई मोड़ पर टकराव और जीत से बना रहा। छोटे‑छोटे गाँव से लेकर बड़े शहरों तक, उन्होंने ‘विकास’ को अपने स्लोगन में बिठाया। इस वजह से कई वोटरों ने उन्हें भरोसेमंद माना और लगातार दो टर्म तक देश का सबसे बड़ा पद संभाला।
उनकी लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है ‘आंदोलन’ का तरीका – जनता के सामने सीधे बात करना, सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना और अक्सर ‘सात परियों’ (सही, सरल, सस्ता, तेज, स्वच्छ, सुरक्षित) के वादे करना। इससे युवाओं की दिलचस्पी बढ़ी और हर चुनाव में नई उमंग लेकर आए।
प्रमुख नीतियों में से ‘डिजिटल इंडिया’ ने कई लोगों को इंटरनेट के ज़रिए सरकारी सेवाओं से जोड़ दिया। अब बैंक खाते खोलना, पैन कार्ड अपडेट करना या साधारण शिकायत करना भी ऑनलाइन हो गया। इसी तरह ‘मेक इन इंडिया’ ने छोटे‑मोटे उद्योगों को दोबारा जगा दिया, जिससे रोजगार के नए अवसर मिले।
इन्फ्लेशन को कंट्रोल करने के लिए ‘जीएसटी’ लाया गया। शुरू में बहुत उलझन हुई, लेकिन धीरे‑धीरे व्यापारियों ने इस एक ही टैक्स को समझ कर अपना फायदा उठाया। खेती‑बार में ‘किसान सशक्तिकरण योजना’ ने कई छोटे किसान को सीधे बाजार में बेचने का मंच दिया।
विदेशी नीति में भी मोदी ने अपना जलवायु बदल दिया। उन्होंने कई देशों से दो‑तरफ़ा समझौते किए, विदेशियों को भारत में निवेश करने के लिए आकर्षित किया और भारतीय ब्रांड को ग्लोबल बनाना शुरू किया। इस वजह से ‘रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म’ और नया ‘पर्यटन’ मॉडल बना।
बिल्कुल, सभी को हर नीति पसंद नहीं आई। कुछ लोग ‘नागरिकता संशोधन अधिनियम’ या ‘किसान कानून’ को लेकर विरोध करते रहे। यह बात भी साफ़ है कि बड़े निर्णय हमेशा सबको खुश नहीं कर पाते। इसलिए, मोदी के काम को समझने के लिए विविध आवाज़ों को सुनना ज़रूरी है।
जो भी आप इस टैग पेज पर पढ़ेंगे, वह सीधे तौर पर इन बातों से जुड़ा होगा – चाहे वह किसी नई योजना की घोषणा हो, किसी विदेश यात्रा की रिपोर्ट हो या फिर जनता की प्रतिक्रिया। हमारा मकसद है कि आप बिना किसी जटिल शब्दावली के, साफ़ और तेज़ जानकारी पा सकें।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए 3.0 के गठन से पहले, बीजेपी के पितामह नेताओं एल के आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से उनके निवास पर मुलाकात की। उन्होंने दोनों नेताओं को गुलदस्ते भेंट किए। इस मुलाकात के बाद मोदी ने राष्ट्रपति भवन में जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से नई सरकार के गठन का दावा पेश किया। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस मुलाकात की आलोचना की।