एनडीए 3.0 से पहले मोदी की भेंट: आडवाणी और जोशी के साथ महत्वपूर्ण बैठक

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एनडीए 3.0 से पहले मोदी की भेंट: आडवाणी और जोशी के साथ महत्वपूर्ण बैठक

7 जून 2024

एनडीए 3.0 से पहले मोदी की आडवाणी और जोशी से महत्वपूर्ण भेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेताओं एल के आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से उनकी भाजपा सरकार की तीसरी पारी शुरू होने से पहले मुलाकात की। यह मुलाकात राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। मोदी ने दोनों पितामह नेताओं को गुलदस्ते भेंट कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

इस मुलाकात का आयोजन उस वक्त हुआ जब मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और भाजपा के नेता के रूप में लोकसभा में अपनी नियुक्ति तय की। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और नई सरकार के गठन के लिए दावा पेश किया।

मुलाकात के अहम पहलू

इस मुलाकात के दौरान नरेंद्र मोदी ने आडवाणी और जोशी से मार्गदर्शन लिया और राजनीति के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। भाजपा में आडवाणी और जोशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और इन नेताओं का आशीर्वाद लेना मोदी के लिए नई सरकार की शुरूआत से पहले शुभ संकेत माना जा रहा है। ये भेंट ना सिर्फ एक राजनीतिक कदम बल्कि एक आचारगत रूप भी दर्शाती है जो प्रधानमंत्री मोदी की वरिष्ठ राजनेताओं के प्रति सम्मान को दिखाता है।

राष्ट्रपति भवन में बैठक

आडवाणी और जोशी से मुलाकात के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने राष्ट्रपति से अपनी सरकार के गठन का दावा प्रस्तुत किया और आगामी नीति और योजना के बारे में जानकारी दी। यह प्रक्रिया सरकार गठन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होता है, और राष्ट्रपति से अनुमति प्राप्त करना आवश्यक होता है।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

इस मुलाकात पर कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। खेड़ा ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी आडवाणी और जोशी से माफ़ी मांगने गए थे। उनका कहना था कि मोदी ने एनडीए 3.0 से पहले इन वरिष्ठ नेताओं के साथ अपनी पुरानी गलतियों के लिए माफी मांगी। हालांकि, भाजपा ने इस आलोचना को खारिज करते हुए इसे राजनीति का हिस्सा बताया।

एनडीए बैठक और विपक्ष पर प्रहार

एनडीए संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के इंडिया ब्लॉक पर कड़ी टिपण्णी की। मोदी ने ध्यान दिलाया कि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी 100 सीटों का आंकड़ा भी नहीं छू सकी है। उन्होंने विपक्ष के दावों को नकारते हुए एनडीए सरकार की उपलब्धियों का बखान किया। मोदी के इस भाषण ने एनडीए सांसदों में जोश भरा और आगामी योजनाओं के प्रति उनके समर्पण को मज़बूत किया।

2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 240 सीटें जीतीं, वहीं एनडीए गठबंधन ने कुल मिलाकर 293 सीटें प्राप्त कीं। इस परिणाम से स्पष्ट हो गया कि एनडीए को 543 सदस्यीय लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त है। यह परिणाम भाजपा के समर्थकों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है और आगामी सरकार के कार्यकाल के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रहा है।

भविष्य की योजनाएं

भविष्य की योजनाएं

नरेंद्र मोदी की इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि वह अपनी नई पारी को एक मजबूत नींव पर खड़ी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वरिष्ठ नेताओं से मार्गदर्शन और आशीर्वाद लेना एक सकारात्मक संकेत है। नए सरकार के गठन के बाद मोदी और उनकी टीम विभिन्न मुद्दों पर काम करने की योजना बना रही है, जिसमें आर्थिक सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में ध्यान दिया जाएगा।

समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलने वाली नीति पर जोर दिया जाएगा ताकि समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इस नई सरकार से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर पूरा विश्वास जता रहे हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि नई चुनौतियों का सामना करते हुए एनडीए 3.0 किस तरह से देश के विकास और कल्याण के लिए काम करता है। प्रधानमंत्री मोदी की यह मजबूत शुरुआत दर्शाती है कि आगामी समय में वह और उनकी टीम देश की सेवा में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

नरेंद्र मोदी ने आडवाणी और जोशी के साथ अपनी मुलाकात के माध्यम से यह संदेश दिया है कि भाजपा अपने वरिष्ठ नेताओं और उनके योगदान को हमेशा सम्मान देती है और उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर रहती है। आगामी सरकार की नीतियों से जनता को भी काफी आशाएं हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए 3.0 किस तरह उन पर खरा उतरता है।

टिप्पणि
Sanjay Singhania
Sanjay Singhania
जून 9 2024

bro, yeh sabhi ritualistic gestures ka matlab hai ki leadership ka transfer formal ho raha hai, not just symbolic. आडवाणी-जोशी के जैसे लोगों का आशीर्वाद लेना एक डायनामिक ऑथोरिटी ट्रांसफर है, जहां पार्टी की इडियोलॉजिकल कॉन्टिन्यूटी को रियल-टाइम में रिफ्रेश किया जा रहा है। ये नहीं कि मोदी ने कुछ माफी मांगी, बल्कि उन्होंने पार्टी के फाउंडेशनल वैल्यूज को रिअफरम किया। एनडीए 3.0 का ट्रांसफॉर्मेशनल लीडरशिप मॉडल यही है - नया लीडर, पुरानी रूट्स।

Raghunath Daphale
Raghunath Daphale
जून 10 2024

अरे भाई ये सब नाटक है 😒 आडवाणी को गुलदस्ता देकर लोगों को भावुक करना... असली काम तो अब शुरू हो रहा है। जो बातें करते हैं वो अब बिल्कुल नहीं करेंगे। भाई ये सब फोटो ऑपरेशन है, जब तक लोगों को बाबा का आशीर्वाद दिखाया जा रहा है, तब तक जनता का दिमाग बन्द है 🤡

Renu Madasseri
Renu Madasseri
जून 10 2024

ये मुलाकात बहुत सुंदर थी। एक ऐसा देश जहां नौजवान नेता पुराने नेताओं का आशीर्वाद मांगते हैं, वो देश बहुत स्वस्थ है। ये सिर्फ राजनीति नहीं, ये संस्कृति है। मोदी जी ने दिखाया कि ताकत का असली मतलब है सम्मान देना। अगर हम अपने बुजुर्गों का सम्मान करेंगे, तो हमारी सरकार भी उतनी ही मजबूत होगी। ❤️

Aniket Jadhav
Aniket Jadhav
जून 10 2024

बहुत अच्छा हुआ कि मोदी जी ने आडवाणी और जोशी से मिला। इन दोनों के बिना भाजपा की कहानी अधूरी है। ये बात जो लोग नहीं समझ पा रहे, वो बस ट्रेंड्स पर भरोसा कर रहे हैं। असली जीत तो वो होती है जब नई पीढ़ी पुराने लोगों की बात सुनती है। बस इतना ही चाहिए था - एक गुलदस्ता, एक बातचीत। बाकी सब तो चलेगा। 😊

Anoop Joseph
Anoop Joseph
जून 11 2024

मोदी जी की ये बात बहुत अच्छी लगी। बस इतना ही कहना चाहता हूं - आदर करना बहुत जरूरी है।

Sanjay Singhania
Sanjay Singhania
जून 11 2024

अब देखो जो लोग राजनीति को ड्रामा समझते हैं, वो ये बात नहीं समझ पा रहे कि ये एक सिस्टमिक ट्रांसमिशन है। आडवाणी ने 80s में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अंदर एक नए नेतृत्व की नींव रखी, जोशी ने विचारधारा को विश्वव्यापी रूप दिया। मोदी ने इन्हें नहीं बांधा, बल्कि उनकी विरासत को अपनाया। ये एक फिलॉसफिकल रियूनिफिकेशन है - नया लीडर, पुराना डीएनए। अब ये जो बोल रहे हैं कि ‘माफी मांगी’, वो बस राजनीतिक अनुभव के बाहर हैं।

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