निफ्टी हर ट्रेडर की फ़र्स्ट पसंद है। यह 50 बड़ी कंपनियों का औसत है, इसलिए इसको देख कर हमें पूरे बाजार का मूड पता चलता है। आज की ट्रेडिंग में निफ्टी 50 ने लगभग 18,700 अंक पर बंद किया, जो पिछले क्लोज़ से 0.5% ऊपर है। इस छोटे उछाल का कारण मुख्य रूप से IT और बैंकिंग सेक्टर में सकारात्मक खबरें थीं।
अगर आप पहले कभी निफ्टी नहीं देख पाए, तो बस NSE की वेबसाइट या किसी भरोसेमंद मोबाइल ऐप पर इसे जोड़ सकते हैं। वास्तविक समय में कीमत, चार्ट और ट्रेडिंग वॉल्यूम एक ही स्क्रीन पर मिलते हैं।
निफ्टी में फ़िटेड 50 कंपनियों में से सबसे बड़े हिस्से में बैंक, आईटी, फ़ार्मा और ऑटो सेक्टर आते हैं। जब बैंकिंग सेक्टर में लोन की दीवारें खुलती हैं, तो निफ्टी अक्सर ऊपर जाता है। इसी तरह, अगर आईटी कंपनियों के क़्वार्टरली रिज़ल्ट बेहतर होते हैं, तो इंडेक्स को उछाल मिलता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर HDFC बैंक के शेयर 2% तक बढ़ते हैं, तो उसके दिग्गज स्टॉक की वज़न के कारण निफ्टी को लगभग 0.2% तक धक्का मिल सकता है। यही कारण है कि निफ्टी को समझने के लिए आप सिर्फ़ एक दो स्टॉक नहीं, बल्कि पूरे सेक्टर को देखना शुरू करें।
1. रिज़िस्टेंस और सपोर्ट लेवल देखो – चार्ट में 18,650 और 18,800 के आसपास दो लेवल अक्सर रोक या मदद बनते हैं। अगर कीमत इन लेवल को तोड़ती है तो आगे की दिशा तय होगी।
2. फ़ुंडामेंटल डेटा याद रखो – कंपनी के क़्वार्टरली रेज़ल्ट, राजस्व और प्रॉफिट मार्जिन को फ़ॉलो करो। मजबूत फ़ुंडामेंट्स वाले स्टॉक्स निफ्टी को स्थिर रखने में मदद करते हैं।
3. स्ट्रेट लॉस सेट करो – हर ट्रेड में कुछ नुकसान को स्वीकार करने के लिए लॉस सेट करो। इससे अचानक गिरावट में आपका पोर्टफोलियो बचा रहता है।
4. देशी और विदेशी खबरें ट्रैक करो – RBI की रेपो रेट, उल्टा विदेशी निवेश या तेल की कीमतें सभी निफ्टी को प्रभावित करती हैं। दैनिक समाचार पढ़ना फायदेमंद रहता है।
5. इंडेक्स फंड या ETF चुनो – अगर आप सीधे स्टॉक्स चुनना नहीं चाहते, तो निफ्टी को ट्रैक करने वाले म्यूचुअल फ़ंड या ETF में निवेश कर सकते हैं। यह कम जोखिम वाला विकल्प है।
इन बिंदुओं को अपनाकर आप निफ्टी को बेहतर समझ पाएंगे और अपने निवेश में सही कदम रख पाएंगे। याद रखें, शेयर मार्केट में रोज़ नई जानकारी आती है, इसलिए लगातार अपडेटेड रहना ही जीत का राज़ है।
बीएसई सेंसेक्स में 654 अंकों की गिरावट से निवेशकों को 4.53 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। अमेरिकी जॉब डेटा के मजबूत आंकड़ों ने इस गिरावट को प्रमुख रूप से प्रभावित किया। इससे ब्याज दरों में कटौती की संभावनाएं धूमिल हो गईं, जिससे भारतीय बाजारों की आकर्षण घटा।
भारतीय शेयर बाजार ने वैश्विक सकारात्मक संकेतों के बावजूद नकारात्मक स्थिति में कारोबार समाप्त किया। एनएसई निफ्टी 50 में 218.85 अंकों की गिरावट दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 638.46 अंक गिरकर बंद हुआ। वैश्विक बाजारों में जापान का निक्केई 225 शीर्ष नेतृत्व में था, जबकि दक्षिण कोरिया का कोस्पी और एशिया डॉव भी उचाई पर थे।