जब बात RBI, भारत का केंद्रीय बैंक है जो मुद्रा जारी करने, बैंकों को नियमन करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने का काम करता है. Also known as Reserve Bank of India, यह वित्तीय प्रणाली का मुख्य कवायदकर्ता है। इस टैग पेज पर आपको RBI से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी – चाहे वह नई नीतियां हों या बाजार पर असर वाले फैसले। आगे पढ़िए, ताकि आप अपने निवेश या व्यवसाय की रणनीति को बेहतर बना सकें।
मौद्रिक नीति, वह उपकरण है जिसके ज़रिये RBI ब्याज दरें, रिवर्स रेपो और ओपन मार्केट ऑपरेशन्स तय करता है सीधे आर्थिक गति को नियंत्रित करती है। जब RBI रेपो रेट घटाता है, तो क़र्ज़ एकत्रित करना सस्ता हो जाता है, जिससे कारोबार और उपभोक्ता खर्च बढ़ते हैं। दूसरी ओर, यदि नीति सख्त होती है, तो महंगाई को दबाने में मदद मिलती है। यही कारण है कि मुद्रास्फीति, सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर वृद्धि को दर्शाती है हमेशा RBI के निर्णयों के साथ जुड़ी रहती है। हालिया आँकड़े दिखाते हैं कि जब RBI ने बैंकों को हल्का तरलता समर्थन दिया, तो मुद्रास्फीति के प्रेशर थोड़ा घटे, लेकिन अभी भी लक्ष्य रेंज के भीतर नहीं पहुँचे। इस तरह रिपो दर में बदलाव और मुद्रास्फीति लक्ष्य के बीच का समीकरण आर्थिक स्थिरता का मुख्य समीकरण है।
डिजिटल भुगतान भी RBI की कार्यप्रणाली में तेजी से जगह बना रहे हैं। डिजिटल पेमेंट, ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन, UPI, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि माध्यमों से तुरंत पैसे का लेन‑देन को बढ़ावा देकर RBI वित्तीय समावेशन का लक्ष्य हासिल कर रहा है। जब अधिक लोग UPI या ई‑वॉलेट का उपयोग करते हैं, तो नकद लेन‑देन घटता है, जिससे छुपे हुए लेन‑देन की पहचान आसान होती है और आर्थिक डेटा की शुद्धता बढ़ती है। साथ ही, डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म पर सुरक्षा मानकों को सख्त करने से साइबर‑रिस्क कम होते हैं, जो बैंकिंग नियमों के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा है।
एक और महत्वपूर्ण कड़ी है बैंकिंग नियम जो RBI द्वारा निर्धारित होते हैं। इन नियमों में पूँजी पर्याप्तता अनुपात, एआरएल (एसेट‑रिस्क‑लिंक्ड) प्रॉविजन और लिक्विडिटी कवरेज रेशियो शामिल हैं। जब RBI नई नियामक दिशा-निर्देश जारी करता है, तो बैंकों को अपनी बुकिंग स्ट्रक्चर बदलनी पड़ती है, जिससे कर्ज़ की उपलब्धता और ब्याज दरों पर असर पड़ता है। इससे मौद्रिक नीति और मुद्रास्फीति दोनों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया जाता है। यही कारण है कि RBI के निर्णय अक्सर बाजार में तेज़ उतार‑चढ़ाव लेकर आते हैं, चाहे वो शेयरों के भाव हों या बॉण्ड यील्ड।
इन सब बिंदुओं को समझने के बाद आप इस टैग पेज पर नीचे दी गई लेखों से यह जान पाएँगे कि RBI की नवीनतम बैठकें, नीति परिवर्तन और डिजिटल भुगतान के नए नियम आपके रोज़मर्रा के वित्तीय फैसलों को कैसे आकार देंगे। चाहे आप निवेशक हों, व्यापार मालिक या सामान्य नागरिक – यहाँ की सामग्रियां आपको स्पष्ट, प्रैक्टिकल और अपडेटेड जानकारी प्रदान करती हैं। अब आगे की सूची में देखें कि कौन‑से लेख आपके सवालों के जवाब दे सकते हैं।
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