जब हम टैक्स ऑडिट, एक सरकारी प्रक्रिया है जो आयकर या अन्य कर कानूनों के अनुपालन की जाँच करती है. अक्सर इसे कर जांच कहा जाता है, और यह फाइनैंशियल रेकॉर्ड, बही‑खाते और टैक्स रिटर्न की विस्तृत समीक्षा शामिल करता है। आयकर, वित्तीय वर्ष के आधार पर व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट कर की गणना करने वाला मुख्य कर तत्व भी इस प्रक्रिया का एक प्रमुख हिस्सा है।
जीएसटी, वस्तु एवं सेवा कर, जो प्रत्येक लेन‑देन पर लागू होता है और टैक्स ऑडिट में रिटर्न की सटीकता की जाँच करता है को भी अक्सर ऑडिटरों द्वारा ट्रैक किया जाता है। जब करदाता का जीएसटी रिटर्न आयकर रिटर्न के साथ मेल नहीं खाता, तो ऑडिटर वित्तीय अनुपालन (compliance) में अंतर खोजने की कोशिश करता है। इस तरह टैक्स ऑडिट वित्तीय अनुपालन को मजबूत करता है और कर बचाव को रोकता है।
एक सही वित्तीय जांच, सभी लेन‑देन, बही‑खाते और बैंक स्टेटमेंट्स की गहन समीक्षा के बिना टैक्स ऑडिट का अर्थ नहीं बनता। यह जांच कई स्तरों पर होती है: 1) आयकर की डिडक्टेड टैक्स (TDS) की वैधता, 2) जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट की सही रजिस्ट्रेशन, और 3) कंपनी के फाइनैंशियल स्टेटमेंट्स की सटीकता। अक्सर ऑडिट में "बेनिफिट‑इफ़िशिएंसी" और "रिस्क‑एसेसमेंट" जैसे शब्द आते हैं; इनका मतलब है कि ऑडिटर संभावित जोखिम क्षेत्रों को पहचान कर टैक्स बचाव की रोकथाम करता है।
जब आप टैक्स ऑडिट की तैयारी कर रहे हों, तो ये तीन बातें मददगार होती हैं: पहला, सभी इनवॉइस और रसीदें व्यवस्थित रखें; दूसरा, डिजिटल रिकॉर्ड्स को क्लाउड में बैक‑अप रखें; तीसरा, आधिकारिक पोर्टल (जैसे आयकर पोर्टल या GSTN) पर रिटर्न की स्थिति को लगातार मॉनिटर करें। इन कदमों से ऑडिट के दौरान घटित हो सकने वाली देरी और दंड से बचा जा सकता है।
हमारी साइट पर नीचे लिखे लेखों में आप देखेंगे कि कब टैक्स ऑडिट लागू होता है, कौन‑से दस्तावेज़ सबसे ज़्यादा माँगे जाते हैं, और पिछले साल के प्रमुख केसों से क्या सीख सकते हैं। चाहे आप एक छोटे व्यवसायी हों या बड़े कॉरपोरेशन के वित्तीय अधिकारी, यहाँ की जानकारी आपको अपने टैक्स प्रोसेस को साफ‑सुथरा बनाते हुए जोखिम कम करने में मदद करेगी। अगली सूची में आप विभिन्न उद्योगों में हुए टैक्स ऑडिट के वास्तविक उदाहरण, नई नियमावली की विस्तृत व्याख्या और विशेषज्ञों के सुझाव पाएँगे।
केन्द्रीय राजस्व बोर्ड ने आयकर ऑडिट की अंतिम तिथि को 30 सितम्बर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी। यह कदम चार्टर्ड अकाउंटेंट संघों की लगातार दावों और तकनीकी व प्राकृतिक बाधाओं के चलते लिया गया। नए ICAI फॉर्मेट और पोर्टल गड़बड़ियों ने प्रक्रिया को जटिल बना दिया। विस्तार से करदाताओं और पेशेवरों को राहत मिलने की उम्मीद है।