आपने इस महीने दो बड़ी खबरें देखी होंगी – एक तकनीकी करियर की और दूसरी राष्ट्रीय रक्षा की। दोनों ही कहानी अलग‑अलग हैं, पर दोनों में सफलता के लिए सही योजना का महत्व दिखता है। चलिए एक‑एक करके देखते हैं क्या हुआ और हम इससे क्या सीख सकते हैं।
मनोज (Manoj Tumu) नाम का एक 23‑साल का भारतीय‑अमेरिकी इंजीनियर ने Amazon छोड़ कर Meta की AI टीम में जॉइन किया। पैकेज लगभग ₹3.36 करोड़ बताया गया। उसने बतलाया कि रिज़्यूमे में प्रोफेशनल अनुभव को प्रमुखता से लिखना चाहिए, इंटर्नशिप करना चाहिए और कंपनी के मूल्यों को समझ कर इंटरव्यू की तैयारी करनी चाहिए।
मनोज ने सीधे कंपनी की वेबसाइट और LinkedIn से आवेदन किया, रेफरल पर निर्भर नहीं रहा। उसका फोकस लंबी अवधि की स्किल और सही करियर फैसले पर था। अगर आप भी टेक में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो इस कहानी से दो चीज़ें मिलती हैं – पहले, प्रोजेक्ट‑आधारित अनुभव जोड़ें और दूसरे, कंपनियों की संस्कृति को समझें।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय वायु सेना और नौसेना ने ब्रह्मोस मिसाइलों की बड़ी खरीद की योजना बनाई है। नई उत्पादन सुविधा से BrahMos‑NG का निर्माण भी शुरू होगा, जिससे देश की रक्षा क्षमता और मेक‑इन‑इंडिया को नया बल मिलेगा।
ब्रह्मोस मिसाइल पहले ही भारत‑पाकिस्तान सीमा में कई सफल परीक्षण कर चुकी है। अब इसे वायु और सागर दोनों प्लेटफॉर्म पर तैनात करने की तैयारी है। इस कदम से भारतीय रक्षा उद्योग को निवेश और रोजगार दोनों मिलेंगे, साथ ही निरंतर तकनीकी उन्नति भी तेज़ होगी।
इन दोनों खबरों से एक बात साफ़ है – चाहे करियर की बात हो या राष्ट्रीय सुरक्षा, सही दिशा में योजना बनाकर आगे बढ़ना चाहिए। मनोज ने दिखाया कि व्यक्तिगत लक्ष्य के लिए स्पष्ट रणनीति काम करती है, जबकि ब्रह्मोस पर भारत की योजना दिखाती है कि राष्ट्रीय स्तर पर भी लक्ष्य‑उन्मुख सोच जरूरी है।
यदि आप इस महीने के समाचार पढ़ रहे हैं, तो इन दो कहानियों को याद रखें। तकनीक में अवसर वही मिलता है जो तैयारी में आगे रहता है, और सुरक्षा में बचाव वही जो नयी तकनीक को अपनाता है। अगली बार जब आपको नई नौकरी या राष्ट्रीय विकास की खबर मिले, तो इन उदाहरणों से प्रेरणा लेकर अपने कदम तय करें।
आपके सवाल हों या आगे की जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट में लिखें – हम हमेशा मदद करने के लिए तैयार हैं।
23 साल के भारतीय-अमेरिकी इंजीनियर मनोज (Manoj Tumu) ने Amazon छोड़कर Meta की AI टीम जॉइन की, पैकेज करीब ₹3.36 करोड़। उन्होंने बताया—रिज़्यूमे में प्रोफेशनल अनुभव को जगह दें, इंटर्नशिप करें, और इंटरव्यू के लिए कंपनी वैल्यूज़ पर गहरी तैयारी करें। उन्होंने वेबसाइट/LinkedIn से सीधे अप्लाई किया, रेफरल पर निर्भर नहीं रहे। उनका फोकस: लंबी अवधि की स्किल और सही करियर फैसले।
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सफलता के बाद भारतीय वायु सेना और नौसेना ब्रह्मोस मिसाइलों की भारी खरीद करने जा रही हैं। नई उत्पादन सुविधा से BrahMos-NG का निर्माण भी होगा, जिससे भारत की सुरक्षा और मेक इन इंडिया को नई मजबूती मिलेगी।