भारत की Asia Cup 2025 में प्रगति
दुबई के इस बड़े मंच पर भारत ने पहले ही अपना फाइनल टिकट सुरक्षित कर लिया है। टुर्नामेंट की शुरुआत में उन्होंने पाकिस्तान को 172 रन के पीछा लक्ष्य को छः विकेट से हटाकर बेपरवाह जीत दर्ज की। उसके बाद बांग्लादेश को 169 रन की सटीक टार्गेट सेट करके 41 रन से हराया, जिससे उनकी जीत की लकीर पाँच लगातार जीत तक पहुँच गई।
ग्रुप‑ए में UAE, पाकिस्तान और ओमन के खिलाफ साफ‑सुथरी जीत ने भारत को पहले ग्रुप में छह पॉइंट्स दिला दिए, और सुपर फोर के लिए उनका रास्ता आसान बना। सुपर फोर में बांग्लादेश के खिलाफ 75 रन बनाने वाले अभिषेक शर्मा ने 37 गेंदों में ही मैच को मोड़ दिया, जबकि कुलदीप यादव, वरुण चकरवर्थी और अक्षर पटेल की स्पिन ने बांग्लादेशी बैटिंग लाइन‑अप को घुमा‑फिरा कर 41 रन की जीत दिलाई।
अब इस अंतिम सुपर फोर मैच में सौर्यकुमार यादव की टीम को अलग‑अलग कॉम्बिनेशन्स आज़माने का सुनहरा मौका मिलेगा। बेंच के नौज़वानी खिलाड़ियों को देखना, फिनिशिंग पर नई रणनीति लगाना, या फिर पावर‑प्ले में नई पॉलिसी चेक करना – सभी कुछ इस ही मैच में परखा जा सकता है, क्योंकि फाइनल की तैयारी अब शुरू ही हुई है।
- पिछले पाँच मैचों में टोटल स्कोर: 172/6, 169/?, 127, 41‑विक्टरी फाइनली।
- मुख्य खिलाड़ी: अभिषेक शर्मा (75), सौर्यकुमार यादव (कैंपेन), कुलदीप यादव (स्पिन)।
- फाइनल में संभावित.opening पैर: हेमंत काले? या योगेश रावल?
श्रीलंका की कठिनाइयाँ और भविष्य की राह
श्रीलंका ने ग्रुप‑बी में शानदार प्रदर्शन किया था – हांगकांग, बांग्लादेश और अफगानिस्तान को क्रमशः हराकर छह पॉइंट्स जुटा लिए और नेट रन रेट +1.278 के साथ शीर्ष पर पहुँच गए। लेकिन सुपर फोर में उनका हालात बदल गया। बांग्लादेश के मुकाबले उन्होंने लक्ष्य नहीं बना सके, और पाकिस्तान ने उन्हें पाँच विकेट से हरा दिया। दोनों मैचों में उन्होंने पर्याप्त स्कोर नहीं बनाकर अपनी फाइनल की उम्मीदों को धूमिल कर दिया।
कैप्टन चैरिथ असालंका ने इस मैच में टॉस जीत कर पहले बॉलिंग को चुना, जिससे भारत को बैटिंग का मौका मिला। यह एक रणनीतिक कदम हो सकता है – श्रीलंका को अपने बॉलिंग आक्रमण को आज़माना और भारत के बॅटिंग लाइन‑अप की नई कॉम्बिनेशन्स को देखना। लेकिन असली मकसद शायद टीम को मोटीवेट करना और युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अनुभव देना हो सकता है।
भविष्य की तैयारी में श्रीलंका को दो‑तीन चीज़ों पर काम करने की जरूरत है: टॉप‑ऑर्डर में स्थिरता, मिड‑ऑर्डर की पावरहिटिंग क्षमता, और स्पिन‑बॉलर का प्रभावी उपयोग। अगर वे अपनी ग्रुप‑स्टेज की फॉर्म को फिर से पकड़ लेंगे, तो अगले टूर में फिर से जीत की उम्मीद बन सकती है।
- सुपर फ़ोर में दो हारें: बांग्लादेश (टार्गेट चेज़्ड), पाकिस्तान (5 विकेट से हार)।
- मुख्य हाइलाइट: हेमंत काले की तेज़ी, विंडनिया हार्डी का मध्य‑ऑर्डर में योगदान।
- अभ्यासी खिलाड़ी: तेजस थिरुपी, डिलशान मालीश (ऑल‑राउंडर)।
हैड‑टू‑हेड रिकॉर्ड की बात करें तो भारत ने T20I में 32 मुकाबले खेलकर 22 जीतें हासिल की हैं, जबकि श्रीलंका के पास केवल 9 जीतें हैं, एक मैच नो‑रिज़ल्ट और एक टाई हुई। आखिरी टाई 2024 में पल्लेकेले इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर हुआ था। व्यक्तिगत तौर पर, दासुन शनाका ने इस प्रतिद्वंद्विता में सबसे अधिक 430 रन बनाए हैं, उसके बाद रोहित शर्मा (411) और शिखर धवन (375) का स्थान है।
यह मैच इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि यह एक “डेड‑रब्बर” है, परन्तु दोनों टीमों के लिये अलग‑अलग महत्व रखता है। भारत के लिये ये एक प्रैक्टिस मैच है, जबकि श्रीलंका के लिये यह अपने मान को बचाने और आने वाले टूर्नामेंट के लिये आत्म‑विश्वास जुटाने की कोशिश है।
जैसे ही मैच शुरू होगा, दर्शकों को दोनो टीमों के नए‑नए प्रयोग देखने को मिलेंगे – चाहे वह स्पिनर की नई रेंज हो, या बॉलिंग में डैपिंग की नई तकनीक। इस तरह की टेस्टिंग फाइनल की तड़प को और बढ़ा देती है, और सुपर फोर का यह आखिरी मुकाबला सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्रयोग भी बन जाता है।