जब LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने 7 अक्टूबर 2025 को अपना सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) खोला, तो भारतीय शेयर बाजार में सरगर्मी का आलाब हो गया। यह सिर्फ एक वित्तीय इवेंट नहीं, बल्कि दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिए भारत में दूसरा लिस्टिंग कदम है, पहले Hyundai ने किया था।
प्रस्ताव की कुल राशि ₹11,607.01 करोड़ तय की गई, जो 2025 के तीसरे सबसे बड़े सार्वजनिक ऑफरिंग में गिनी जाती है। ऑफर सिर्फ LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंक. (कोरियाई मूल कंपनी) द्वारा अपने 15% हिस्से की बिक्री है – 10.18 करोड़ शेयर, जिससे उनके हाथ में अब लगभग 85% इक्विटी रहेगी। मूल्य बैंड ₹1,080 से ₹1,140 प्रति शेयर रखा गया, न्यूनतम 13 शेयरों के लॉट (लगभग ₹14,820) के साथ।
सब्सक्रिप्शन का पहला दिन 0.61 गुना सब्सक्राइब हुआ, और ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) ने निवेशकों की सकारात्मक भावना को संकेतित किया। ऑफर 9 अक्टूबर को बंद होगा, शेयर आवंटन 10 अक्टूबर के बाद तय होगा और सूचीबद्धता 14 अक्टूबर को दोनों BSE और NSE पर होगी।
कंपनी का भारतीय उपस्थिति 1997 में स्थापित हुई, और आज वह दो बड़े उत्पादन यूनिट्स – नोएडा और पुने में चलाती है। इन दोनों फैक्ट्रीयों के अलावा, 23 क्षेत्रीय डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर, दो सेंट्रल डिस्ट्रीब्यूशन हब और 51 शाखा कार्यालय मौजूद हैं। मार्च 2025 तक 30,847 सब‑डीलरों के साथ उनका नेटवर्क देशभर में फैला है।
सेवा के लिहाज़ से, 1,006 सर्विस सेंटर, 13,368 इंजीनियर और चार कॉल‑सेंटर जून 2025 में कार्यरत थे। कुल 3,796 कर्मचारी इस विशाल नेटवर्क को चलाते हैं, जिससे LG का ‘Life's Good When We Do Good’ स्लोगन वाकई में परिलक्षित होता है।
वर्तमान में भारतीय घरेलू उपकरण‑इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार का आकार ₹6,87,500 करोड़ है, जिसका CAGR 2019‑2024 में 7% रहा। विशेषज्ञों का आंकड़ा है कि 2029 तक यह बाजार ₹10,96,500 करोड़ तक पहुंच सकता है, 5‑साल के औसत CAGR 11% के साथ। 2024 में कुल 495 मिलियन यूनिट्स बेची गईं, और 2029 तक यह संख्या 660 मिलियन तक बढ़ने की संभावना है। प्रमुख चालक हैं बढ़ती क्रय शक्ति, शहरीकरण, सरकारी ‘Make in India’ पहल और प्रीमियम‑एंड‑एनर्जी‑इफ़िशिएंट उत्पादों की मांग।
इस परिप्रेक्ष्य में Master Capital Services का कहते हैं कि LG का स्थानीय उत्पादन‑बुनियादी ढांचा और व्यापक डीलर‑नेटवर्क इसे इस उछाल का सबसे बड़ा लाभार्थी बना सकता है।
उच्च मूल्य बैंड पर IPO का P/E मल्टीप्लायर लगभग 47× FY24 कमाई का है – जो वोल्टास, हवेल्स और ब्लू स्टार जैसे घरेलू प्रतिस्पर्धियों से थोड़ा महँगा माना गया। बैंकरों की संगत – सिटिग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, मॉर्गन स्टैन्ली इंडिया, जेपी मॉर्गन इंडिया, कोटक महिंद्रा कैपिटल, एक्सिस कैपिटल, जेएम फाइनेंशियल और बीओएफए सिक्योरिटीज इंडिया – ने इसे “बिल्ड‑ऑन” निवेश अवसर बताया, लेकिन एंजेज़ी‑रिटर्न को लेकर सतर्कता भी जताई।
रवि शर्मा, समालोचक, Master Capital Services, ने कहा: “यदि LG अपने प्रीमियम‑सेगमेंट पर ध्यान दे और भारत में स्थानीय उत्पादन को बढ़ाए, तो यह IPO दीर्घकालिक मूल्य सृजन का संकेत हो सकता है, बशर्ते निवेशक उचित जोखिम‑प्रोफ़ाइल रखे।”
सूचीबद्धता के बाद, कंपनी का शेयर मूल्य दो‑तीन हफ्तों में गिरावट‑उछाल देख सकता है, जैसा कि पिछले बड़े आईपीओ में देखा गया था। लेकिन अगर इलेक्ट्रॉनिक्स‑सेगमेंट का CAGR अपेक्षित गति से चलता रहा, तो LG का बाजार‑हिस्सा 2029 तक 6‑7% तक बढ़ सकता है। यह न केवल संस्थागत निवेशकों के पोर्टफ़ोलियो को विविधता देगा, बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को प्रीमियम‑क्लास प्रोडक्ट्स की उपलब्धता भी बढ़ाएगा।
साथ ही, सूचीबद्धता के बाद LG को SEBI की रिपोर्टिंग और कॉर्पोरेट गवर्नेंस मानकों का पालन करना पड़ेगा, जिससे पारदर्शिता में वृद्धि होगी। निवेशकों को यह समझना जरूरी है कि यह ऑफर सिर्फ इक्विटी बेचने का माध्यम है, नई फंडिंग नहीं, इसलिए कंपनी की रख‑रखाव खर्च और कैपेक्स योजनाओं पर तत्काल प्रभाव कम होगा।
सूचीबद्धता के बाद कंपनी को अधिक पूँजी तक पहुंच मिलेगी, जिससे वह उत्पाद विकास, सर्विस नेटवर्क विस्तार और स्थानीय उत्पादन क्षमता बढ़ा सकेगी। परिणामस्वरूप उपभोक्ताओं को नवीनतम प्रीमियम‑भोजन और ऊर्जा‑सहज उपकरणों की बेहतर उपलब्धता मिल सकती है।
हाँ, उच्च मूल्य बैंड पर P/E लगभग 47× FY24 कमाई का है, जो वोल्टास, हवेल्स और ब्लू स्टार जैसे स्थानीय खिलाड़ियों की तुलना में थोड़ा महँगा माना गया है। लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि ब्रांड शक्ति और विस्तृत नेटवर्क इसे इस प्रीमियम को जस्टिफ़ाई कर सकता है।
ऑफ़र के बाद कोरियाई मूल कंपनी के पास लगभग 85% शेयर रहेंगे, जबकि सार्वजनिक शेयरधारकों का हिस्सा 15% होगा। यह नियंत्रण संरचना कंपनी को रणनीतिक निर्णयों में लचीलापन देती रहेगी।
पहले दिन 0.61× सब्सक्राइब हुआ, जो कई अन्य 2025 के बड़े ऑफरिंग जैसे Tata Capital (1.8×) या HTB Financial (2.3×) से कम है। हालांकि ग्रे मार्केट प्रीमियम संकेत देता है कि संस्थागत निवेशकों की रुचि अभी भी सकारात्मक है।
यदि बाजार CAGR 11% के औसत से बढ़ता रहा तो LG का राजस्व 2029 तक लगभग दोगुना हो सकता है। इस वृद्धि के साथ कंपनी के स्टॉक का प्रदर्शन भी अधिक स्थायी बन सकता है, बशर्ते वह स्थानीय उत्पादों की मांग को पूरी तरह से कैप्चर कर ले।
Anushka Madan
LG के इस IPO को सिर्फ एक फंड रेजिंग इवेंट नहीं समझना चाहिए; यह भारतीय उपभोक्ता को प्रीमियम तकनीक तक पहुंचाने की सामाजिक प्रतिबद्धता भी दर्शाता है।
जब कंपनी स्थानीय उत्पादन बढ़ाती है, तो रोजगार के अवसर सीधे बढ़ते हैं और देश की आर्थिक स्थिरता में योगदान मिलता है।
साथ ही, पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए ऊर्जा‑समीक्षात्मक उपकरणों की पेशकश, हर परिवार के कार्बन फूटप्रिंट को घटा सकती है।
इसलिए निवेशकों को केवल वित्तीय रिटर्न नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्य सृजन को भी ध्यान में रखना चाहिए।
संक्षेप में, एक जिम्मेदार निवेशक को इस पहल के व्यापक प्रभाव को देखना आवश्यक है।