अजाज़ पटेल, न्यूजीलैंड के प्रतिभाशाली स्पिन गेंदबाज, ने एक बार फिर से भारतीय बल्लेबाजों को उनके घरेलू मैदान पर परेशान किया। वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई, में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में पटेल ने 5 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी का शिकार किया। यह उनके लिए केवल एक जीत भर का खेल नहीं है, बल्कि एक विशेष अवसर है, क्योंकि उनका खास ताल्लुक इस शहर से है, जहां उनका जन्म हुआ था।
अजाज़ पटेल का मुंबई से व्यक्तिगत लगाव उनके हर मैच में देखा जा सकता है। उनका परिवार बचपन में ही न्यूज़ीलैंड चला गया था, लेकिन उनका दिल अब भी मुम्बई की गलियों में धड़कता है। उन्होंने पहले भी वानखेड़े की पिच पर इतिहास रचा था जब उन्होंने दिसंबर 2021 में दस भारतीय बल्लेबाजों को आउट कर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया था।
यह अद्वितीय अनुभव उनके लिए न केवल खेली, बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण है। वे कहते हैं कि वानखेड़े उनके लिए एक विशेष जगह है, जहां पर खेलने का उनका सपना बचपन से ही था। इसकी वजह से हर बार जब भी वे यहां खेलते हैं, तो उनके खेल में एक अलग ही ऊर्जा दिखाई देती है।
इस टेस्ट मैच में, अजाज़ पटेल के 5 विकेट की मदद से न्यूजीलैंड ने भारत को 235 रनों तक रोका। भारतीय टीम ने पहले दिन के खेल के अंत तक 4 विकेट पर 86 रन बनाए थे, जिसमें अजाज़ ने महत्वपूर्ण अहमित रखते हुए यशस्वी जयसवाल (30) को बोल्ड किया और नाइटवॉचमैन मोहम्मद सिराज को शून्य पर आउट किया।
इनके अलावा, रविंद्र जडेजा ने भी न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को रन बनाने में मुश्किल की और 5-65 के आंकड़े लिए, जबकि वाशिंगटन सुंदर ने 4-81 रन देकर अहम योगदान दिया।
न्यूजीलैंड सीरीज में पहले से ही 2-0 की बढ़त बना चुका है और ये जीत उन्हें श्रृंखला स्वीप करने में मदद कर सकती है। ऐसा करना न्यूजीलैंड के लिए ऐतिहासिक होगा क्योंकि अंतिम बार भारतीय टीम 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में पूरी पराजित हुई थी।
भारत के लिए ये मैच केवल एक जीत भर नहीं है, बल्कि आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले आत्मविश्वास बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों की असफलता से भारतीय टीम पर सवाल उठे हैं, जिन्हें इस मैच में सुधार करना होगा।
नई दिल्ली और ऑस्ट्रेलिया के दौरे के लिए भारतीय टीम का सफर यहीं से शुरू होता है, और खिलाड़ी अपने आप को साबित करने की हर संभव कोशिश करेंगे।
अजाज़ पटेल की गेंदबाजी ने जहां कीवी टीम को भारत के खिलाफ एक मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया है, वहीं यह नए क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। उनकी कहानी अपने आप में एक उदाहरण है, कि कैसे अपनी जड़ों से जुड़ कर आप विश्व स्तर पर नाम कमा सकते हैं।
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